अमेरिकी नेताओं को ताइवान जाने रोक नहीं सकते: नैन्सी पेलोसी

 नैन्सी पेलोसी

बिच्छू डॉट कॉम। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से चीन नहीं रोक सकता है। उन्होंने अपनी एशियाई यात्रा के अंतिम चरण में टोक्यो में यह टिप्पणी की। मालूम हो कि पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की है। वह 25 सालों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं। पेलोसी ने कहा कि चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की, जिसमें हाल में उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल होने से रोकना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘वे ताइवान को अन्य स्थानों पर जाने या भाग लेने से रोक सकते हैं लेकिन वे हमें ताइवान की यात्रा करने से रोककर उसे अलग नहीं करेंगे।’

अमेरिकी लीडर ने कहा कि ताइवान की उनकी यात्रा का मकसद द्वीप के लिए यथास्थिति में बदलाव लाना नहीं था, बल्कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखना था। उन्होंने ताइवान में बड़ी मुश्किल से स्थापित किए गए लोकतंत्र की तारीफ की। साथ ही उन्होंने समझौतों के उल्लंघन, हथियारों के प्रसार और मानवाधिकार समस्याओं के लिए चीन की आलोचना की। गौरतलब है कि ताइवान पर अपना दावा जताने वाले चीन ने पेलोसी की यात्रा को उकसावा बताया था और गुरुवार को ताइवान के आसपास के छह क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी दे रखी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को कहा कि ताइवान की ओर लक्षित चीन का सैन्य अभ्यास ‘गंभीर समस्या’ को दिखाता है, जिससे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है। दरअसल, अभ्यास के तौर पर चीन की ओर से दागी गई पांच बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरीं।

किशिदा ने अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और सांसदों के उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ सुबह के नाश्ते के बाद कहा कि मिसाइल प्रक्षेपणों को तुरंत रोके जाने की जरूरत है। जापान के रक्षा मंत्री नुबुओ किशी ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप के सुदूर दक्षिण में स्थित हातेरुमा में गुरुवार को पांच मिसाइलें गिरीं। उन्होंने कहा कि जापान ने यह कहते हुए चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है कि मिसाइलों से ‘जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा और जापानी लोगों की जिंदगियों को खतरा है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।’ जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि चीन के कदम क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति व स्थिरता को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। हम सैन्य अभ्यास को तत्काल रोके जाने की मांग करते हैं। वहीं, किशिदा ने कहा कि शुक्रवार को सुबह के नाश्ते पर पेलोसी और कांग्रेस के उनके प्रतिनिधिमंडल ने चीन, उत्तर कोरिया और रूस को लेकर अपनी साझा सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की। साथ ही ताइवान में शांति और स्थिरता के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। जापान और उसका मुख्य सहयोगी अमेरिका चीन के बढ़ते दबदबे से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में अन्य लोकतंत्रों के साथ नई सुरक्षा और आर्थिक रूपरेखाओं पर जोर देता रहा है। गुरुवार को सात औद्योगिक राष्ट्र के समूह के विदेश मंत्रियों ने एक बयान जारी कर अमेरिका और चीन दोनों से दौरे के मद्देनजर अधिकतम संयम बरतने और भड़काऊ कार्रवाई से बचने को कहा था। वहीं, चीन ने गुरुवार को कंबोडिया में दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) की बैठक से इतर चीन और जापान के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता अंतिम क्षण में रद्द करने पर नाखुशी जताई।

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