बिच्छू डॉट कॉम। चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भारत को शुभकामनाएं दीं। दरअसल भारत अगले साल एससीओ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। इस पर भारत को बधाई देते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश अगले साल शिखर सम्मेलन के आयोजन में नई दिल्ली का समर्थन करेगा। भारत 2023 में इस बेहद शक्तिशाली समूह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस दौरान ईरान को पूर्ण सदस्य बनने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। पूर्वी लद्दाख में करीब 28 महीने पहले भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद से मोदी और शी जिनपिंग ने पहली बार उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में मुलाकात की है। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां एससीओ समिट में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट से निपटने के लिए लचीली आपूर्ति शृंखला की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर इस साल 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद दुनिया के सामने आर्थिक रूप से पटरी पर लौटने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 और यूक्रेन में उपजे हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिससे खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हुआ। एससीओ की बात करें तो इसे जून 2001 में शंघाई में शुरू किया गया था। एससीओ के आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें इसके छह संस्थापक सदस्य, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।