बिच्छू राउंडअप/रेपो रेट को 6 प्रतिशत के स्तर तक ले जा सकता है आरबीआई

  • नगीन बारकिया
आरबीआई

रेपो रेट को 6 प्रतिशत के स्तर तक ले जा सकता है आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक रेपो रेट में 60 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि, नीतिगत दरों में वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट छह प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी। नोमुरा की अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि उन्हें सितंबर में होने वाली एमपीसी की अगली बैठक में 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके बाद दिसंबर में होने वाली बैठक में 25 आधार अंकों की वृद्धि हो सकती है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी। उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए मई में नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की शुरूआत की गई थी। आरबीआई अब तक नीतिगत ब्याज दरों में 140 आधार अंकों की वृद्धि कर चुका है। कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि रु. की स्थिरता और उच्च मुद्रास्फीति से निपटने के लिए रेपो दर को 5.75 से छह प्रतिशत तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित घर पर एफबीआई का छापा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के घर फैड्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ने छापा मारा है। ट्रम्प ने अपने एक बयान में बताया कि एफबीआई ने फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित उनके मार-ए-लागो घर पर छापा मारा। एफबीआई द्वारा की गई कार्रवाई की अधिक जानकारी देते हुए ट्रंप ने बताया कि फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित उनका घर मार-ए-लागो फिलहाल एफबीआई के कब्जे में है। यहां बड़ी तादाद में एजेंसी के लोग मौजूद है और उन्होंने घेराबंदी की हुई है। हालांकि, अभी तक एफबीआई द्वारा की गई छापेमार कार्रवाई को लेकर कोई कारण नहीं बताया गया है। वहीं ट्रम्म ने कार्रवाई के पीछे के कारणों को साफ करने से इनकार किया है। वहीं, उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उनके घर पर एफबीआई ने अचानक छापा मारा। ट्रंप ने एफबीआई द्वारा छापेमारी को विच हंट बताया और कहा कि अमेरिका के लिए यह एक विपरीत वक्त है। एजेंसी के कर्मचारियों ने देश के 45वें राष्ट्रपति का घर जबरन दाखिल होकर जांच की कार्रवाई की है।

बीते 6 वर्षों में भारत में शराब पीने वालों की संख्या घटी, लेकिन रोज पीने वाले बढ़े
अल्कोहल एंड अल्कोहलिज्म जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुतबिक 2019-21 और 2015-16 में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के रुझानों की तुलना करने से पता चलता है कि ड्रिंक करने वाले भारतीय पुरुष ऐसा अधिक बार कर रहे हैं। नवीनतम सर्वेक्षण में जिन पुरुषों ने कहा कि वे शराब का सेवन करते हैं, उनसें से 15.4% ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वे लगभग हर दिन पीते हैं। वहीं 43.5% ने कहा कि वे सप्ताह में लगभग एक बार और 41% ने कहा कि वे सप्ताह में एक बार से कम शराब का सेवन करते हैं। साल के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, 12.4% पुरुष उत्तरदाताओं ने कहा था कि उन्होंने लगभग हर दिन पिया, जबकि 40।6 प्रतिशत ने कहा था कि वे सप्ताह में एक बार पीते हैं। नवीनतम सर्वेक्षण में महिलाओं के बारे में अध्ययन में पाया गया कि 16.9% ने कहा कि वे लगभग हर दिन शराब का सेवन करती हैं। अध्ययन में पाया गया कि सप्ताह में लगभग एक बार और सप्ताह में एक बार से कम शराब का सेवन करने वालों का अनुपात क्रमशः: और 46.6% था। 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में 2019-21 में पहली दो श्रेणियों में गिरावट दर्ज की गई।

धरती के दिनों की रहस्यमय ढंग से बढ़ रही लंबाई, साइंटिस्ट भी नहीं खोज पा रहे जवाब
खगोलीय माप और परमाणु घड़ियों से पृथ्वी पर हो रहे एक बड़े बदलाव के बारे में खुलासा हुआ है। पृथ्वी पर दिनों की लंबाई अचानक से लंबी होने लगी है और हैरान करने वाली बात है कि वैज्ञानिक भी नहीं जानते कि ऐसा क्यों हो रहा है? बता दें कि पृथ्वी पर हो रहे इस बदलाव का असर न केवल हमारी टाइमकीपिंग पर, बल्कि जीपीएस और अन्य टेक्नोलॉजी पर भी पड़ेगा जो हमारी जिंदगी को कंट्रोल करते हैं। जान लें कि पिछले कुछ दशकों में, धरती का अपनी धुरी के चारों ओर घूमना, जो ये तय करता है कि एक दिन कितना लंबा है- तेज हो रहा है। ये बदलाव हमारे दिनों को छोटा बना रहा है। जून 2022 में हमने पिछली आधी शताब्दी में सबसे छोटे दिन का रिकॉर्ड बनाया। लेकिन इसके बावजूद, साल 2020 के बाद से वह बढ़ी हुई स्पीड धीरे-धीरे धीमी हो रही है- दिन एक बार फिर से लंबे होने लगे हैं। हालांकि इसका कारण अब तक रहस्य है। आइए जानते इस घटना पर वैज्ञानिकों का क्या कहना है? द कन्वरसेशन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तस्मानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मैट किंग और क्रिस्टोफर वाटसन ने कहा, हमारे मोबाइल फोन की क्लॉक बताती है कि 1 दिन में 24 घंटे होते हैं।

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