बिहाइंड द कर्टन/लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की जानकारी रख रही सरकार

– प्रणव बजाज

कोरोना

लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की जानकारी रख रही सरकार
कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक है। ऐसे में अन्य राज्यों से लोग मध्य प्रदेश लौट रहे हैं हालांकि पिछली बार की तुलना में इनकी संख्या कम है। फिर भी सरकार इनको लेकर गंभीर है और इन पर लगातार नजर बनाए हुए है। प्रत्येक प्रवासी श्रमिक का पंजीयन किया जा रहा है। साथ ही यह भी जानकारी ली जा रही है कि वे यहां कहां रुकेंगे। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 11 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक मध्यप्रदेश आए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा भिंड जिले के हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार इनका पंजीयन कर उन्हें उनके हुनर के हिसाब से रोजगार मुहैया कराएगी। आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था भी है। इसके लिए सरकार ने पोर्टल तैयार किया है। कंपनियों को जैसे श्रमिक की जरूरत है वह जानकारी लेकर संपर्क कर सकती हैं। वहीं श्रमिक भी रोजगार के लिए कंपनियों का विकल्प चुन सकते हैं।

सीएम शिवराज भी गोपाल भार्गव के कार्यों के मुरीद हुए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले की कोरोना व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान सागर के कोविड प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की तारीफ की है। दरअसल गोपाल भार्गव क्षेत्रीय विधायकों द्वारा कोविड-19 सेंटर संचालित कराकर मरीजों की मदद की जानकारी दे रहे थे। इसमें खास बात यह है कि भार्गव का समर्थन उनके प्रतिद्वंदी रहे नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी किया। बता दें कि पूर्व में गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा के वृद्धाश्रम में सर्व सुविधा युक्त कोविड केयर सेंटर बनाकर चचार्ओं में रहे। इसके बाद उन्होंने एमबीबीएस डॉक्टर के लिए अपनी ओर से विज्ञापन निकालकर कहा था कि वे अपनी जेब से सेवा देने वाले डॉक्टर को प्रतिमाह दो लाख रुपए देंगे। यही नहीं मंत्री भार्गव ने कोविड के लिए मिलने वाली दवाएं भी ब्लैक में खरीदने की खबर से सरकार को आईना दिखाने का काम किया। वहीं अब मुख्यमंत्री ने भार्गव के कार्यों की प्रशंसा की है।

भाजपा में छवि खराब करने वाले अब नहीं बख्शे जाएंगे
दमोह में भाजपा प्रत्याशी की हार का ठीकरा पार्टी नेता जयंत मलैया पर फोड़ने के मामले के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इस मामले में सख्त फैसला ले सकते हैं।  यही नहीं सूत्रों की खबर है कि सत्ता और संगठन की छवि खराब करने वाले निगम मंडल अध्यक्ष बने नेताओं से भी इस्तीफे लिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों पार्टी और सरकार के खिलाफ बयान देने वालों में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष व भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी तथा दमोह में हारे भाजपा प्रत्याशी व वेयर हाउसिंग कॉपोर्रेशन के अध्यक्ष राहुल सिंह लोधी भी शामिल रहे हैं।  राजनीति गलियारों में चर्चा है कि अब इन्हें हटाकर पार्टी संगठन के निष्ठावान कार्यकतार्ओं को मौका दे सकता है।

केंद्रीय मंत्री पटेल के विरोधियों की नाराजगी ले डूबी राहुल को
दमोह में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी की हार में मलैया फैक्टर के अलावा प्रहलाद पटेल फैक्टर भी अहम रहा है। दरअसल दमोह पटेल का संसदीय क्षेत्र है। इस संसदीय क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले राज्य के लोक निर्माण मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल भार्गव और पटेल के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। भार्गव नुकसान न कर सकें, इस कारण पार्टी ने उन्हें प्रभारी बनाया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी राहुल लोधी के लिए प्रचार किया। इसके बाद भी भाजपा अपने खाते में यह सीट नहीं डाल सकी। गौरतलब है कि केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल के प्रयासों से ही राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। खास बात यह भी कि जब 28 सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही थी, उस दौरान राहुल लोधी को भी यह अंदेशा नहीं था कि वे भाजपा में जाने के बाद भी चुनाव नहीं जीत पाएंगे।

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