बिहाइंड द कर्टन/आखिर मकवाना को देनी ही पड़ी कमान

  • प्रणव बजाज
कैलाश मकवाना

आखिर मकवाना को देनी ही पड़ी कमान
सीधी भर्ती के आईपीएस अफसर कैलाश मकवाना ऐसे अफसर है,जिनकी वजहों से न केवल सरकार को अपने नियम बदलने पड़े, बल्कि मकवाना को भी अधिकांश नौकरी पुलिस मुख्यालय में ही करनी पड़ी। इसकी वजह रही है उनकी बेहद ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा। दरअसल जब वे लोकायुक्त एसपी बनाए गए थे ,तब उनके द्वारा सीधी भर्ती के आईएएस अफसर रमेश थेटे को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही सरकार ने लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू के एसपी के पदों पर सीधी भर्ती के आईपीएस अफसरों की पदस्थापना करनी बंद कर रखी है। इसके बाद से सीधी भर्ती का कोई भी आईएएस रिश्वत लेते नहीं पकड़ा गया। अब एक बार फिर से उन्हें लोकायुक्त में पदस्थ होने का मौका मिला है। कुछ दिन पहले भी वे उस समय चर्चा में आए थे , जब उनके द्वारा रिश्वत को लेकर पांच लाइन की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई थी। उनकी पदस्थापना से लगने लगा है की अब फिर भ्रष्ट लोक सेवकों को सख्त सजा मिल सकेगी।

अब कैट ने दी कटेसरिया को राहत
आईएएस अफसर अजय कटेसरिया को जमीन हेराफेरी के मामले में कैट से राहत मिल  गई है , हालांकि अब इस मामले में सरकार ने हाईकोर्र्ट में जाने का तय कर लिया है, लेकिन फिलहाल तो मामले में राहत मिल ही गई है। 2012 बैच के इस अफसर पर सतना जिले में बतौर कलेक्टर पदस्थ रहने के दौरान करीब 40 एकड़ सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने के आरोप हैं। सरकार ने उनके खिलाफ नोटिस देकर आरोप पत्र जारी किया हुआ है। इसके खिलाफ ही वे कैट में चले गए थे। अब कैट से नोटिस पर कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। अब इस मामले में सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को हाईकोर्ट में जाने की अनुमति दे दी है। इस मामले में अब शासन जल्द ही हाईकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है की कुछ दिनों की राहत के बाद एक बार फिर से कटेसरिया की मुश्किलें बढ़ना तय है।

मप्र के 328 बन चुके अब तक आईएएस व आईपीएस
मप्र भी अब उन राज्यों में शामिल हो चुका है, जहां से देश की सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में भी युवक और युवतियां बाजी मारने में अब पीछे नही रहती हैं। पहले इनकी संख्या बहुत ही सीमित रहती थी , लेकिन अब तो यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बार की परीक्षा में प्रदेश के आठ बच्चों ने बाजी मारी है। अगर प्रदेश की बात की जाए तो अब तक करीब चार दशक में 328 लोग आईएएस और आईपीएस के पद पर चयनित हो चुके  हैं। इस बार तीन बच्चे भोपाल से तो पांच बच्चे अन्य जिलों से चयनित हुए हैं। इन तीन बच्चों को मिलाकर अब तक भोपाल से ही 35 बच्चे इन दोनों सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। खास बात यह है की अब ब्यूराक्रेट के ही नहीं बल्कि आम नौकरी पेशा करने वालों के बच्चे भी इस परीक्षा में बाजी मार रहे हैं।

अपने को नहीं मानते नाथ शिव के मुकाबले में
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कहा है की वे शिवराज का मुकाबला नहीं कर सकते हैं , इसकी वजह है की मैं उनके जैसा झूठ नहीं बोल सकता। उनका कहना है की मुख्यमंत्री रोज नए-नए इवेंट झूठी घोषणाएं करने और कलाकारी में माहिर हैं। उनसे जब मंहगाई , बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर बात करो तो वे हाथ ठेला लेकर निकल सड़क पर ध्यान हटाने के लिए निकल पड़े हैं। नाथ ने कहा ै कि वे शिवराज से हर मामले में मुकाबला कर सकते हैं , लेकिन उनके झूठ से नहीं। उनका कहना है की आज स्कूलों में शिक्षक न ही हैु, जबकि अस्पताल चिकित्सकी विहीन चल रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरी तरह से निराश हैं, लेकिन सरकार अपने में मस्त है। नाथ का कहना है की अब जनता सब समझ चुकी है अब जनता ही शिवराज से हाथ ठेला चलवाएगी।

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