बिच्छू राउंडअप/यूपी में मदरसा सर्वे का काम पूरा, जांच में 7500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त

मदरसा

यूपी में मदरसा सर्वे का काम पूरा, जांच में 7500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त
देश में सर्वे के दौरान करीब 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। गुरुवार को मदरसा सर्वे का अंतिम दिन था। प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। मदरसों के सर्वे के लिए गठित टीम अपनी रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के माध्यम से 31 अक्टूबर तक जिलाधिकारियों को देंगी। यह सर्वे असली नकली का नहीं बल्कि शिक्षा और शिक्षा के केंद्र की उनकी संख्या, उनकी व्यवस्था आदि की सही जानकारी प्राप्त करना है। चेयरमैन ने बताया कि सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं। प्रत्येक जिलाधिकारी सर्वे की रिपोर्ट संकलित कर 15 नवंबर तक शासन को उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे हैं। बड़ी संख्या में मदरसे बगैर मान्यता के भी चल रहे हैं। इन्हीं के बारे में जानकारी करने के लिए सरकार ने मदरसा सर्वे कराया है। इसमें 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। ऐसे में प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या अब 24 हजार से अधिक हो गई है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा। इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी।

हेल्मेट के अंदर मोबाइल फंसा के कॉल रिसीव करना पड़ेगा महंगा, कटेगा ट्रैफिक चालान
यातायात हादसों पर लगाम लगाने के लिए देश में कई ट्रैफिक नियम बनाए गए हैं। इसके बावजूद आपने लोगों को हेल्मेट के अंदर फोन फंसा के बात करते हुए देखा होगा। हालांकि, ऐसा करना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना है। अगर आप भी ये गलती करते हैं तो संभल जाएं, इस समय ट्रैफिक पुलिस ऐसा करते हुए पकड़ती है तो भारी भरकम चालान काट देती है। इसको लेकर क्या है नियम। बाइक चलाते समय इस तरह के गैजेट का इस्तेमाल करना जोखिम भरा हो सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, मोटरसाइकिल, स्कूटर और कार चलाते समय इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन का इस्तेमाल जैसे- मोबाइल फोन, इयरफोन पर बता करना आदि करना, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना है। पकड़े जानें पर 1000 रुपये तक का जु्मार्ना लगाया जाता है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि कॉल पर बात करने के चक्कर में चालक का ध्यान सड़क से हट जाता है और किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाता है। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए ट्रैफिक नियम के अंदर इसको रखा गया है।

जीएसटी रिटर्न: लाखों कारोबारियों को बड़ी राहत! बढ़ सकती है रिटर्न की डेडलाइन
सरकार ने दिवाली से पहले देश के करोड़ों छोटे कारोबारियों को एक और तोहफा दे सकती है। इसके तहत सितंबर का जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि बढ़ाई जा सकती है, ताकि त्योहारों की तैयारी में लगे कारोबारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने बृहस्पतिवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि कारोबारियों को सितंबर का जीएसटी रिटर्न भरने के लिए और समय दिया जा सकता है। सीबीआईसी के मुताबिक, कई करदाताओं ने जीएसटीएन पोर्टल के धीमा होने की शिकायत की थी और रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया था। फिलहाल इस प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है और उसके बाद अंतिम तिथि बढ़ाने की मंजूरी मिलेगी। हर महीने के लिए जीएसटीआर 3बी फॉर्म उसके अगले महीने की 20, 22 या 24 तारीख को भरा जाता है। यह डेडलाइन हर राज्य के लिए अलग-अलग होती है। अक्तूबर में भी इन तिथियों पर सितंबर का जीएसटी रिटर्न दाखिल किया जाना था, लेकिन अब डेडलाइन को आगे बढ़ाया जा सकता है।

डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह चढ़ा दिया था मौसमी का जूस, सील हुआ अस्पताल
संगम नगरी प्रयागराज में डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ाने के मामले में स्वास्थ्य महकमे ने बड़ा एक्शन लिया है। स्वास्थ्य महकमे ने प्रारंभिक जांच में अस्पताल की लापरवाही पाए जाने पर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की है। सीएमओ डॉक्टर नानक सरन के निर्देश पर अस्पताल सील करने की कार्रवाई डॉक्टर एके तिवारी की टीम ने की है। इस मामले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी ट्वीट किया है। आईजी रेंज प्रयागराज डॉ राकेश कुमार सिंह ने भी कार्रवाई करने की बात कही है। बता दें, डेंगू पीड़ित प्रदीप पांडेय नाम का एक मरीज झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल में 17 अक्टूबर भर्ती हुआ था। डॉक्टरों ने उसे आठ यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दी थी। तीन यूनिट प्लेटलेट्स मरीज को चढ़ा भी दिया गया था। बाद में अस्पताल द्वारा और पांच यूनिट प्लेटलेट्स मंगाए जाने पर मरीज के परिजन किसी एजेंट के माध्यम से प्लेटलेट्स लेकर आए।

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