ये कैसा संन्यास……बैन हटते ही दानुष्का ने कह दिया अलविदा…..

दानुष्का गुणातिलका

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम।  आमतौर पर अगर किसी क्रिकेटर पर बैन लग जाता है तो वह बैन हटने का इंतजार इसलिए करता है ताकि उसे दोबारा अपनी टीम के साथ मैदान में आने का मौका मिल सके….. लेकिन श्रीलंका के ने इसके उलट फैसला लेकर सबको चौंका दिया है……..उनके इंटरनेशनल क्रिकेट से बैन हटने की घोषणा के साथ ही उसने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है…….. दानुष्का का यह फैसला किसी को हजम नहीं हो रहा है लेकिन यह सच है….. श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज दानुष्का गुणातिलका  ने इंटरनेशनल क्रिकेट पर से बैन हटने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। श्रीलंका क्रिकेट ने पिछले साल जुलाई में इंग्लैंड दौरे पर बायो-बबल के उल्लंघन के कारण दानुष्का के साथ साथ निरोशन डिकवेला और कुसल मेंडिस पर एक साल का बैन लगा दिया था और तीनों खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा गया था। हालांकि अब इन तीनों ही खिलाड़ियों को बैन से मुक्त कर दिया गया है। इसके बाद ही गुणातिलका ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। गुणातिलका पिछले तीन साल से टेस्ट टीम से बाहर थे। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट साल 2018 में खेला था। हालांकि इंटरनेशनल क्रिकेट से बैन हटने के बाद गुणातिलका सीमित ओवरों के क्रिकेट में खेलना जारी रख सकते हैं। उनसे पहले हाल में श्रीलंकाई क्रिकेटर भानुका राजपक्षा ने भी संन्यास का ऐलान किया था। गुणातिलका ने कहा है कि एसएलसी को अपने फैसले की जानकारी दे दी है। उन्होंने पिछले सप्ताह ही रिटायरमेंट लेटर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन को सौंपा था। सलामी बल्लेबाज ने कहा है कि उन्होंने सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के बाद और खेल के छोटे फॉर्मेट के लिए अपनी फिटनेस कायम रखने के लिए यह निर्णय लिया है। इससे पहले, श्रीलंका क्रिकेट ने शुक्रवार को अपनी कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान दानुष्का के साथ साथ निरोशन डिकवेला और कुसल मेंडिस पर एक साल का लगा बैन हटाने का फैसला किया। बैन हटने के बाद ये तीनों खिलाड़ी अब जिम्बाब्वे के खिलाफ आगामी सीरीज में चयन के लिए उपलब्ध होंगे। हालांकि इन खिलाड़ियों का चयन उनकी फिटनेस पर निर्भर करेगा। बोर्ड ने अक्टूबर में पहले ही इन तीनों को घरेलू क्रिकेट में खेलने की इजाजत दे दी थी। श्रीलंका को अब 16 जनवरी से जिम्बाब्वे की मेजबानी करनी है। 

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