- प्रणव बजाज

आईपीएस अफसरों की पदोन्नति पर कल लगेगी मुहर
इस साल जिन आईपीएस अफसरों को पदोन्नत किया जाना है उनके नामों पर कल 30 दिसंबर को हो रही बैठक में मुहर लग जाएगी। इस पदोन्नति सूची में राजधानी के पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, एडीशनल पुलिस कमिश्नर इरशाद वली और भोपाल देहात के डीआईजी संजय तिवारी सहित 11 आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं। यह पदोन्नति एक जनवरी 2022 की स्थिति में प्रदान की जाएगी। दो बार टलने के बाद यह बैठक अब तीसरी बार बुलाई गई है। बैठक में 1997 बैच के आईपीएस अफसर एडीजी, 2004 बैच के आईपीएस अफसर आईजी और 2008 बैच के आईपीएस अफसर डीआईजी के पद पर पदोन्नत होंगे। इनमें आईजी से लेकर एसपी रैंक तक के अफसरों को पदोन्नत किया जाना है। जिन अफसरों को एडीजी पद पर पदोन्नति दी जानी है, उनमें देउस्कर के अलावा गृह सचिव डी. श्रीनिवास वर्मा, आईजी जबलपुर उमेश जोगा और प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सालोमन एस. कुमार मिंज के नाम शामिल हैं।
सांसद ने दी 15 लाख तक के भ्रष्टाचार की छूट
मध्यप्रदेश में इन दिनों भाजपा सांसद पार्टी के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। इसकी वजह है उनकी अपनी सुचिता और संस्कार। ऐसे ही एक सांसद हैं जनार्दन मिश्रा। रीवा संसदीय सीट के यह सांसद सरपंचों द्वारा 15 लाख रुपए तक के भ्रष्टाचार को गलत नहीं मानते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इन दिनों उनके वायरल हो रहे वीडियो से पता चल रहा है। इसमें वे कह रहे हैं कि जब लोग सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, तो मैं मजाक में उनसे कहता हूं कि अगर भ्रष्टाचार 15 लाख रुपए तक है तो मेरे पास मत आना। वे कह रहे हैं कि 15 लाख से आगे किया है तो मानूंगा, क्योंकि 7 लाख लगाकर चुनाव जीता और 7 लाख अभी अगले चुनाव में चाहिए। महंगाई बढ़ेगी तो एक लाख और जोड़ लो। 15 लाख हो गए। उनकी इस परिभाषा को लेकर लोग उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। कुछ लोग तो उनसे सांसद, विधायक और मंत्रियों के भ्रष्टाचार के लिए भी परिभाषा पूछ रहे हैं। यह बात उस पार्टी के सांसद कर रहे हैं, जिस पार्टी के नेता खुद ईमानदारी का तमगा लगाकर घूमते हैं।
पार्टी के लिए गले की फांस बने सांसद डामोर
प्रदेश की झाबुआ-रतलाम सीट से भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर अब पार्टी के लिए मुसीबत बन गए हैं। इस मामले में संगठन की स्थिति न उगल पाने की है और न ही निगल पाने की। इस मामले में पार्टी के बयानवीर तक चुप्पी साध गए हैं। चंद दिनों पहले तक यही डामोर पार्टी की आंखों के तारे बने हुए थे , लेकिन अब लगता है पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है। शायद यही वजह है कि बीते रोज उन्हें प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मिलने के लिए दो मिनिट तक का समय नहीं दिया। यह बात अलग है कि पहले तमाम शिकवा व शिकायतों के बाद भी भाजपा ने उन्हें विधायक और बाद में सांसद का टिकट देकर उपकृत किया था। दरअसल हाल ही में उनके सहित आधा दर्जन अफसरों को कोर्ट के निर्देश पर 600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोपी बनाया गया है। हालात यह हैं कि वे अब मीडिया को देखकर दौड़ लगा देते हैं। हालांकि उनका कहना है कि उन्हें षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया है, इस मामले में कोर्ट जाऊंगा।
तोमर को परिवहन विभाग में मिली दोहरी जिम्मेदारी
राज्य पुलिस सेवा के अफसर दिलीप सिंह तोमर को परिवहन विभाग में दोहरी जिम्मेदारी देकर पदस्थ किया गया है। उनकी नई पदस्थापना के आदेश बीते रोज गृह विभाग द्वारा जारी कर दिए गए हैं। इस में उन्हें परिवहन विभाग में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी व सह उप परिवहन आयुक्त परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर के पद पर पदस्थ किया गया है। तोमर वर्तमान में एआईजी ईओडब्ल्यू भोपाल के पद लंबे समय से पदस्थ हैं। वे इसके पहले भोपाल के अलावा इंदौर में भी सीएसपी के पद पर भी पदस्थ रह चुके हैं।