अगले मुख्य सचिव की तलाश: अनुराग जैन, मो. सुलेमान और वीरा राणा के नाम चर्चा में

मुख्य सचिव

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। वर्ष 2022 में मप्र में कई प्रशासनिक बदलाव देखने को मिलेंगे। नए साल के मार्च महीने में जहां प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति होनी है, वहीं अगले मुख्य सचिव के लिए भी कयासों का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिका में अगले मुख्य सचिव के लिए 1989 बैच के तीन आईएएस अधिकारियों अनुराग जैन, मो. सुलेमान और वीरा राणा का नाम चर्चा में हैं।
यह तीनों ही अफसर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पंसदीदा अफसर माने जाते हैं। इसके साथ ही इनका अब तक कार्यकाल अच्छा रहा है। मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव वही अधिकारी बन सकता है जो वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के सांचे में फिट बैठे। यानी वह अधिकारी कुशल प्रशासक के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तासीर का समझे। सूत्रों का कहना है कि अब तक जितने सीएस ने शिवराज के साथ काम किया है उनमें इकबाल सिंह बैंस सर्वश्रेष्ठ साबित हुए हैं।
मिलेगा दो साल का कार्यकाल
प्रदेश के 34 वें मुख्य सचिव के लिए 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा और 1989 बैच के अनुराग जैन और मोहम्मद सुलेमान प्रबल दावेदार माने जा रहे हैंं। वीरा राणा मार्च 24 तक सेवा में रहेंगी। नया मुख्य सचिव दिसंबर 22 में पदभार ग्रहण करेगा। इस दृष्टि से वीरा राणा एक उपयुक्त दावेदार हो सकती हैं। वैसे वीरा राणा का सेवाकाल साफ सुथरा और अच्छा रहा है। वीरा राणा अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल में अध्यक्ष पद पर काम कर रही हैं। वहीं अनुराग जैन भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, अनुराग जैन प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं, हाल ही में दिल्ली जाने के पहले अपर मुख्य सचिव वित्त के रूप में काम कर रहे थे। अनुराग जैन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं। उनके सचिव के रूप में भी उन्होंने काम किया है। सेवाकाल की दृष्टि से अनुराग जैन अगस्त 2025 तक पद पर रहेंगे।
इस नजरिए से यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है तो उन्हें काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा, और इसी दौरान विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे। वहीं 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान वर्तमान में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हैं। कोरोना महामारी से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुलेमान रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारी हैं। उन्होंने बिजली, सडक, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम किया है और कई नवाचार करते हुए परिणाम भी दिए हैं। सेवाकाल की दृष्टि से उनका भी कार्यकाल अनुराग जैन के समान ही हैं। सुलेमान अनुराग जैन के 1 महीने पहले जुलाई 2025 में रिटायर होंगे। 1989 बैच के आशीष उपाध्याय भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उन्हें दिसंबर 24 में रिटायर होना है। वर्तमान प्रशासनिक परिस्थितियों और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन अथवा मोहम्मद सुलेमान में से ही कोई मुख्य सचिव होगा।
कई अफसर हो जाएंगे सेवानिवृत्त
वैसे देखा जाए तो अगले मुख्य सचिव के लिए अफसरों की लंबी कतार है, लेकिन उनमें से कई अफसर अगले साल रिटायर हो रहे हैं। वर्तमान मुख्य सचिव 1985 बैच के हैं, इस बैच के वह आखिरी अधिकारी हैं। इसके बाद 1986 बैच के अनिल कुमार जैन, 1987 बैच के संजय कुमार सिंह, राजेश कुमार चतुर्वेदी और अजय तिर्की हैं। यह सभी अधिकारी भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। अनिल कुमार जैन अक्टूबर 22 में संजय कुमार सिंह दिसंबर 22 में और राजेश कुमार चतुर्वेदी जुलाई 22 में रिटायर हो जाएंगे। अजय तिर्की दिसंबर 23 तक पद पर रहेंगे। इसी प्रकार संजय बंदोपाध्याय अगस्त 24 तक सेवा में रहेंगे। यह दोनों अधिकारी शायद मुख्य सचिव के दौड़ में नहीं रहेंगे क्योंकि तिर्की के पास समय बहुत कम है, जबकि बंदोपाध्याय सरकार की गुडबुक से बाहर हैं। वहीं 1988 बैच के आईसीपी केसरी मार्च 22 में रिटायर हो जाएंगे। इसी बैच के शैलेंद्र सिंह दिसंबर 22 में रिटायर हो जाएंगे। इसलिए सरकार शायद ही इन नामों पर विचार करे।
बैंस को मिल सकता है एक्सटेंशन
प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है। वे मुख्यमंत्री के सबसे पसंदीदा अफसर हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की कोशिश होगी कि आगामी विधानसभा को देखते हुए उन्हें 6 माह का अतिरिक्त कार्यकाल का मौका दिया जाए, ताकि चुनावी तैयारियां पूरी की जा सकें।

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