
- नाराज चुनाव आयुक्त ने डीजीपी व एससीएस होम को दिए बाहर निकलने के निर्देश
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद अब नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी पुलिस का अमला मैदानी स्तर पर सक्रिय नहीं हो रहा है, इसकी वजह से राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह खफा हैं। इसकी वजह से अब उन्होंने एसीएस होम राजेश राजौरा और डीजीपी विवेक जौहरी को निर्देश दिए हैं कि वे अधिकारियों को कहें कि मैदानी अधिकारी अपने कक्ष से बाहर निकल कर मैदानी स्तर पर सक्रियता दिखाएं।
सिंह ने निर्देशों में कहा है कि क्षेत्रों में संयुक्त रूप से भ्रमण कर सुरक्षा-व्यवस्था का खुद जायजा लें। वहीं नक्सल प्रभावित जिलों और प्रदेश के सीमावर्ती पंचायतों में सुरक्षा, व्यवस्था पर अभी से विशेष निगरानी रखें। उन्होंने यह निर्देश पंचायत आम निर्वाचन के संबंध में कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा के दौरान दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों का स्थानांतरण जल्द करें। सीमा क्षेत्रों एवं अंतर्राज्यीय बार्डर, चेकपोस्ट पर चेकिंग बढ़ा दें। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त पुलिस बल लगाया जाये। अवैध शराब एवं अवैध हथियारों के संबंध में प्रभावी कार्यवाही की जाए।
सिंह ने पेंडिंग वारंट एवं चालान की तामीली कर लें। सिंह ने कहा कि नाम निर्देशन-पत्रों के जमा करने और संवीक्षा, चुनाव प्रचार, मतदान दिवस के दौरान पर्याप्त फोर्स की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।
जाति प्रमाण पत्र लगाना आवश्यक
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों के चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों से कहा है कि वे नामांकन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र अवश्य लगाएं। अगर किसी कारण से वे नामांकन भरने के दौरान ये प्रमाण पत्र नहीं लगा पाते हैं तो उन्हें नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा से पहले रिटर्निंग आॅफिसर के समक्ष उसे प्रस्तुत करना होगा। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बीएस जामोद ने बताया कि नाम निर्देशन-पत्र के साथ मध्यप्रदेश शासन के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र अथवा शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर नाम निर्देशन-पत्र निरस्त कर दिया जाएगा।