राजस्व रिकार्ड सुधारने में जीआईएस सॉफ्टवेयर का सर्वर बना मुसीबत

जीआईएस सॉफ्टवेयर
  • विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की मेहनत और समय हो रहा बर्बाद …

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। 
    राजस्व विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व रिकार्ड शुद्धिकरण पखवाड़े में सबसे बड़ी मुसीबत जीआईएस सॉफ्टवेयर का सर्वर बन गया है। इसकी वजह से इस विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की न केवल मेहनत जाया हो रही है बल्कि उनका समय भी बर्बाद हो रहा है। इसकी वजह से इस विभाग के अमले में बेहद नाराजगी का आलम बना हुआ है। इस जीआईएस सॉफ्टवेयर के सर्वर के यह हाल तब हैं, जबकि सरकार ने इस अभियान में उच्च रैंकिंग वाले जिलों को पुरस्कृत करने की घोषणा कर रखी है। इसके लिए जिला और तहसील स्तर तक की रैंकिंग का काम किया जा रहा है। इस सर्वर पर ओवरलोड होने की वजह से पटवारी दिन में तो कोई काम ही नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें अब रात में सर्वर चलने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस अभियान की सफलता के लिए गांव, तहसील से लेकर जिले तक के अफसरों की उनके काम के हिसाब से रैंकिंग की करने की योजना है। इसके बाद सबसे अच्छा काम करने वाले को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किए जाने की योजना है। उधर जिलों में किए जा रहे काम की हर दिन ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है। अब तक हुए काम के आधार पर धार, छिंदवाड़ा, सीधी और रीवा जिले अच्छे का की वजह से रैंकिंग में सबसे आगे चल रहे है। दरअसल राजस्व विभाग के अभिलेखों की त्रुटियां सुधारने के लिए एक नवंबर से अभियान शुुरु किया गया है। इसमें मिसिंग खसरे, डायवर्जन एंट्री, फौती नामांतरण, भूमि स्वामी टाईप, भूमि टाइप डेटा एंट्री के सुधार का काम
    जारी है।
    किस मामले में कौन सा जिला आगे
    – मृतकोंं के नाम काटने में शहडोल।
    – रिक्त भूमिस्वामी सुधार में छिंदवाड़ा।
    – शून्य क्षेत्रफल सुधार के काम में छिंदवाड़ा, धार।
    – मूल एवं बटांक खसरा सुधार में सिंगरौली, छिंदवाड़ा।
    – शाब्दिक सर्वेक्षण क्रमांक सुधार में बालाघाट, छिंदवाड़ा।
    – कृषि खसरों के सुधार में रीवा।
    आधी रात से चलता है सर्वर
    इस मामले में पटवारी संघ का कहना है कि वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर का सर्वर रात 12 बजे के बाद तब चलता है जब उस पर लोड कम होता है। ऐसे में पटवारी रात में काम करने को मजबूर होते हैं और अगर कोई पटवारी रात में काम से मना करता है तो तहसीलदार और एसडीएम कार्यवाही की चेतावनी देते हैं। ऐसे में पटवारी मानसिक वेदना झेल रहे हैं। उनका कहना है कि 15 नवम्बर तक चलाए जा रहे राजस्व अभिलेखों में शुद्धिकरण पखवाड़े में वेब जीआईएस साफ्टवेयर का सर्वर की परेशानी की वजह से तय समय में अभिलेखों का शुद्धिकरण हो पाने की उम्मीद नहीं है। इसलिए मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इसकी अवधि में वृद्धि के लिए कहा है। संघ के प्रांताध्यक्ष उपेंद्र सिंह के अनुसार सर्वर से बार-बार यह मैसेज आ रहा है कि अत्यधिक लोड है। ऐसे में कुछ सेवाओं को बंद करने की नौबत भी आ सकती है। संघ की ओर से कहा गया है कि ऐसे में जबकि फील्ड और कार्यालयीन कार्य के चलते पटवारी अपने काम का ओवरलोड निपटा रहे हैं, सर्वर की परेशानी से दिक्कत और बढ़ रही है। इसलिए अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की तारीख 15 नवम्बर से आगे बढ़ाने की मांग की गई है ताकि विभाग की प्राथमिकता के काम को पूरा किया जा सके।

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