
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि से खेती-किसानी महंगी हो गई है। ऐसे में राज्य सरकार ने विभिन्न कृषि फसलों पर लगने वाली जलदर की राशि में भी बढ़ोतरी कर दी है। अब रबी सीजन में धान की फसल के लिए 590 रुपए तथा खरीफ सीजन में 380 रुपए प्रति हेक्टेयर वसूले जाएंगे। इससे किसानों पर महंगाई की एक और मार पड़ गई है। जिससे किसान परेशान हो उठा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने सिंचाई के लिए पलेवा सहित प्रत्येक बार पानी लेने की अपेक्षा अब एकजाई राशि तय की है।
अब रबी सीजन में धान की फसल के लिए 590 रुपए तथा खरीफ सीजन में 380 रुपए प्रति हेक्टेयर वसूले जाएंगे। इसके साथ ही वसूली का टारगेट भी 225 करोड़ के स्थान पर बढ़ाकर 425 करोड़ रुपए तय कर दिया था, जिसे एक बार फिर बढ़ाकर 500 करोड़ कर दिया। हालांकि 225 में से भी 180 करोड़ की ही वसूली हो पाती थी।
राजस्व वसूली का लक्ष्य 500 करोड़
खेती-किसानी पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। जुताई, बुवाई, खाद और बीज महंगे हो रहे हैं। अब राज्य सरकार द्वारा बांध, तालाब, बैराज आदि से सिंचाई, जल विद्युत परियोजनाओं, पेयजल तथा उद्योगों को दिए जाने वाले पानी की जलदरों में बढ़ोतरी की है। प्रमुख अभियंता जल संसाधन मदन सिंह डाबर ने 3 नवंबर को निर्देश जारी करते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राजस्व वसूली का लक्ष्य 425 करोड़ रुपए तय किया है। हालांकि पाइप लाइन आधारित सिंचाई परियोजनाओं से 2 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर सभी फसलों के लिए एक सीजन में यह राशि वसूली जाएगी, जो कि सबसे अधिक है। यही नहीं उद्योगों के लिए भी 5 प्रतिशत पानी महंगा हो गया है। जलाशय, नहर, नलकूप आदि से पानी लेने पर अभी 8 रुपए प्रति घनमीटर की दर से वसूली होती थी, इसमें 5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि नदी, झील, नलकूप, प्राकृतिक झरने से पानी लेने पर 3 रुपये प्रति घनमीटर में 5 प्रतिशत वृद्धि की गई है। नैसर्गिक जल स्त्रोत से सीधे पानी लेने पर 3 रु. प्रति घनमीटर में भी 5 प्रतिशत वृद्धि की है।
अब किसानों को देनी होगी यह राशि
फसल राशि प्रति हेक्टेयर
खरीफ, धान 380
खरीफ, कपास 335
ज्वार, मक्का आदि 275
रबी, गेहूं 350
रबी, चना 200
रबी, धान 590
धनिया, मूंग, सरसों 350
जौ, बैंगन, गाजर 630
केले. पान, गन्ना 960
बरसीम, घास 480
स्रोत: जल संसाधन विभाग