19 माह बाद पूरी होगी भाजपा नेताओं की मुराद

भाजपा नेताओं
  • इस माह निगम-मंडलों में कर्मठ नेताओं को मिलेगी कुर्सी

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    निगम, मंडल और प्राधिकरणों में कुर्सी की आस लगाए बैठे नेताओं की मुराद इस माह में पूरी हो सकती है। इसके लिए सत्ता और संगठन स्तर पर लगभग पूरी तैयारी कर ली गई है। गौरतलब है प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही भाजपा नेता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब 19 माह बाद उनकी आस पूरी होने वाली है।
    गौरतलब है कि पहले कोरोना संक्रमण और उसके बाद उपचुनाव के कारण अभी तक  निगम, मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार निगम, मंडल और प्राधिकरण में दिवाली के बाद नेताओं की ताजपोशी की तैयारी है। दो महीने पहले सत्ता-संगठन की मैराथन बैठकों में यह मुद्दा उठा था लेकिन 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के चलते इसे टाल दिया गया। अब नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भी नजदीक आ रहे हैं इसलिए उसके पहले ही सियासी नियुक्तियों को हरी झंडी के संकेत हैं।
    सिंधिया समर्थकों का रहेगा दबदबा
    संभावना जताई जा रही है कि निगम, मंडल और प्राधिकरणों में इस बार सिंधिया समर्थकों का दबदबा रहने की उम्मीद है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब राजनीतिक नियुक्तियों के लिए लंबा इंतजार हो गया। मार्च 2020 में सरकार बनने के बाद ही जुलाई में सरकार ने खनिज निगम में निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर ताजपोशी कर दी थी। उनके कार्यकाल को करीब डेढ़ साल होने को है। इसके बाद और भी कुछ लोगों की नियुक्तियां हुई लेकिन सबसे बड़ी चुनौती सिंधिया समर्थकों के साथ पुराने भाजपाइयों को एडजस्ट किए जाने की भी है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई दौर का विचार मंथन हो चुका है। दिवाली बाद पहली सूची जारी किए जाने की तैयारी है।
    सिंधिया समर्थकों को मिलेगी जगह?
    निगम मंडलों में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक नेताओं को भी जगह मिलना तय है। इनमें इमरती देवी, ऐदल सिंह कंषाना, मुन्नालाल गोयल और गिर्राज दंडोतिया को निगम मंडलों में एडजस्ट किया जा सकता है। इन नामों को लेकर पहले ही सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया की कई मुलाकात भी हो चुकी हैं। सिंधिया समर्थकों को कैबिनेट में जगह मिलने के बाद भाजपा के कई नेताओं को कोई पद नहीं मिल सका ह। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि उपचुनाव के बाद असंतुष्ट नेताओं को निगम मंडल में नियुक्ति देकर उन्हें खुश कर सकती है।  
    कर्मठ नेताओं को किया जाएगा एडजस्ट
    जानकारी के अनुसार, सरकार और संगठन ने निर्णय लिया है कि इस बार निगम-मंडलों में कर्तव्यनिष्ठ और सक्रिय नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा। साथ ही कांग्रेस की विधायकी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ऐसे नेता जो उपचुनाव नहीं जीत पाए सत्ता-संगठन ने उन्हें निगम-मंडलों में एडजस्ट करने का वादा किया है। इनके अलावा भाजपा के पुराने नेता दावेदार और संभाग में पदस्थ रहे संगठन मंत्री भी कतार में हैं। दो-तीन पूर्व संगठन मंत्रियों को भी निगम या मंडल का तोहफा मिलने की उम्मीद है। संभवत: इस माह के पहले पखवाड़े में निगम-मंडल में नियुक्तियां की जा सकती है।
    एक सैकड़ा से अधिक नेता होंगे एडजस्ट
    निगम-मंडलों में 100 से ज्यादा दावेदार एडजस्ट हो सकते हैं। लघु उद्योग, पर्यटन, वन विकास निगम, खादी बोर्ड और हाउसिंग कॉपोर्रेशन में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और डायरेक्टर्स पर कई दावेदारों की नजरें हैं। साथ ही भोपाल, इंदौर, देवास, जबलपुर और ग्वालियर विकास प्राधिकरण में भी कई नेताओं को जगह मिलेगी। ठीक दो साल बाद चुनाव आ जाएंगे। कुछ दिनों में ही नियुक्तियों होती हैं तो बमुश्किल डेढ़ साल का ही कार्यकाल मिलेगा। सरकार अब तक प्रदीप जायसवाल के बाद विभाष उपाध्याय, माखन सिंह, अखिलेश्वरानंद, शिव चौबे, राहुल लोधी, प्रद्युम्न सिंह लोधी और गौरीशंकर बिसेन आदि मंत्री का दर्जा देकर आयोग-निगम-मंडलों में ताजपोशी कर चुकी है।

Related Articles