
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। 19 जुलाई को प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के स्कीम-74 स्थित शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट दफ्तर में हुए गोलीकांड की परते खुलने की उम्मीद जगी है। यह उम्मीद सिंडीकेट हाउस में हुए गोलीकांड के बाद से फरार हरमिंदर सिंह पिंटू भाटिया सहित आधा दर्जन शराब कारोबारियों और उनके ठिकानों पर सेंट्रल विजिलेंस डिपार्टमेंट की छापामार कार्रवाई के बाद जगी है। सूत्रों के अनुसार लिकर किंग के यहां छापे में कई ऐसे दस्तावेज और डायरियां मिली हैं जिनकी जांच के बाद कई आबकारी अधिकारियों का काला साम्राज्य सामने आ सकता है।
गौरतलब है कि बुधवार को सुबह सेंट्रल विजिलेंस डिपार्टमेंट की टीम ने हरमिंदर सिंह पिंटू भाटिया सहित आधा दर्जन शराब कारोबारियों और उनके ठिकानों पर छापा मारा जो देर रात तक जारी रहा। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई बैंक की उस आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर हुई जिसमें बैंक गारंटी व ओवरड्राफ्ट लेकर शराब ठेके लेने का खुलासा किया गया था। अब इस मामले में आबकारियों विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने की संभावना है।
करोड़ों रुपए के राजस्व की धांधली की आशंका
सूत्र बताते हैं की इंदौर सहित प्रदेशभर में शराब के कारोबार में गड़बड़ी आबकारी विभाग के अधिकारियों की शह पर ही होती है। इसलिए विभाग के अधिकारियों को मालूम होता है कि कहां क्या गड़बड़ी हो रही है। आरोप है कि शराब दुकान के आवंटन के समय अलग-अलग सिंडिकेट आपस में रकम तय करके दुकानों का आवंटन ले लेते हैं। इस तरह के आरोपों के बाद जांच पड़ताल तेज हो गई है।
बैंक गारंटी में गड़बड़ी की आशंका
इंदौर शहर की कई शराब दुकानों में बैंक गारंटी को लेकर भी गड़बड़ की आशंका जताई जा रही है, इस मामले में एक बैंक की मिलीभगत का भी आरोप लग रहा है। पहले भी इस मामले में संबंधित विभागों को कई तरह की शिकायतें हुई थी और उसी को देखते हुए सेंट्रल विजिलेंस जांच एजेंसी इस मामले में जांच के लिए पहुंची है। राजबाड़ा स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक में संचालित मुकेश शिवहरे, गोपाल शिवहरे, भारती शिवहरे, पूनम शिवहरे, रमेश राय, ऋषि राय, गौरव राय, पिंटू भाटिया व परिजन के खातों में गड़बड़ी मिली है, जिसे बैंक अफसरों ने दबा दिया था लेकिन विजिलेंस ने उजागर कर दिया। गौरतलब है कि 19 जुलाई को स्कीम-74 स्थित शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट दफ्तर में हुए गोलीकांड हुआ था। जिसमें शराब कारोबारी अर्जुन ठाकुर पर गोली चली थी। उस वक्त पिंटू भाटिया और एके सिंह भी मौजूद थे लेकिन पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते दोनों को आरोपी नहीं बनाया। उलटा गवाह बना दिया। हालांकि अब तक भाटिया और सिंह फरार ही है।
आबकारी विभाग में भी हड़कंप
विजिलेंस की टीम ने सुबह एबी रोड स्थित प्रिंसेस एस्टेट (आॅर्बिट मॉल के सामने) स्थित पिंटू भाटिया के ऑफिस, इसी बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर स्थित ग्रेड गैलन वेंचर्स प्रा. लि., मक्सी स्थित बियर फेक्ट्री सहित एक दर्जन ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान बड़ी तादाद में दस्तावेज जब्त किए गए। इनमें बैंकों का हिसाब भी शामिल है। कार्रवाई की सूचना से सिंडीकेट ऑफिस में भी हलचल रही। हालांकि टीम वहां पहुंची नहीं। बताया जाता है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सरकार को हर साल करोड़ों रूपए की चपत लगाई जा रही थी।
दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी की आशंका
आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों सिंडिकेट के बीच शराब दुकानों के आवंटन को लेकर एक सिंडिकेट ने शराब कारोबार से जुड़े हुए दूसरे सिंडिकेट कारोबारी पर गोली चलवा दी थी। इस पूरे मामले में लगातार जांच पड़ताल चल रही है, वहीं इंदौर शहर की शराब दुकानों को लेकर लगातार कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है, इसको लेकर शराब दुकान के आवंटन में अनियमितताओं की शिकायत मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर सेंट्रल विजिलेंस डिपार्टमेंट की एक टीम ने इंदौर शहर के विभिन्न शराब कारोबारियों के विभिन्न ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है।
करीब 150 करोड़ के घोटाले की संभावना
सेंट्रल विजिलेंस डिपार्टमेंट ने छापामार कार्रवाई क्यों हुई है, इस संबंध में अधिकृत बयान नहीं आया। चूंकि राज्य या केंद्र सरकार से जुड़े संस्थानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के विशेष मामलों की जांच सीवीसी करती है। इसीलिए कार्रवाई को बीते दिनों उजागर हुए बैंक गारंटी घोटाले से जोड़कर देखा जा रहा है। मामला पिछले दिनों हाईकोर्ट की एक सुनवाई के दौरान चर्चा में आया था। बताया जा रहा है कि एक साल में करीब 25-30 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है। कई वर्षों से यह क्रम चल रहा था। प्रारंभिक तौर पर करीब 150 करोड़ के घोटाले की बात कही जा रही है।