आईएएस के नए पदों के लिए करना होगा इंतजार

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के आईएएस अफसरों को अपने लिए नए पदों के सृजन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि अब अगले साल में ही नए पद मिल सकेगें। इसकी वजह है इसमें हो रही देरी। दरअसल पांच साल में एक बार होने वाले कैडर रिव्यू के लिए अब नए सिरे से प्रस्ताव भेजा जाना है। इसके लिए अब सभी विभागों से इस माह के अंतिम दिन तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इसके बाद प्रस्ताव तैयार  कर केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया में अभी लंबा समय लगना तय है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि अब नए साल में ही कैडर रिव्यू हो सकेगा। दरअसल प्रदेश सरकार इस रिव्यू में प्रदेश में आईएएस के लिए 59 नए पदों का सूजन चाहती है। फिलहाल प्रदेश में इस संवर्ग में 439 पद स्वीकृत हैं। अगर प्रदेश द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को केंद्रीय कार्मिक विभाग जस का तस स्वीकार कर लेता है है प्रदेश में इस संवर्ग के पदों की संख्या 500 सौ हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछला कॉडर रिव्यू वर्ष 2016 में हुआ था। इस हिसाब से इस साल कैडर रिव्यू हो जाना चाहिए था बीते रिव्यू में मप्र को 72 नए पद मिले थे। इनमें सीधी भर्ती से लेकर पदोन्नति तक के पद शामिल थे। इसकी वजह से राज्य प्रशासनिक सेवा के 18 से 21 तक अफसर हर साल पदोन्नत होकर आईएएस बन रहे हैं। इसके उलट प्रदेश में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएएस संवर्ग में पदोन्नत होने का मौका ही नहीं मिला है। इसकी वजह है सरकार द्वारा इस मामले में कोई रुचि नहीं लिया जाना। फिलहाल कैडर और नान कैडर के पदों  पर 14 अफसरों को मुख्य सचिव के वेतनमान में पदोन्नत किया जा सकता है। इसी तरह से प्रमुख सचिव पद के वेतनमान के 25, सचिव के 22 , आयुक्त पद के 10 और कलेक्टर के 51 पद हैं। इसके अलावा अन्य जगहों में विभागाध्यक्ष , निगम मंडलों में एमडी सहित कई अन्य जगहों पर भी उनके लिए पद स्वीकृत हैं। अब प्रदेश सरकार द्वारा नए कैडर रिव्यू में पद वृद्धि के लिए तैयारी की जा रही है।
सेवानिवृत्त अफसर को दिया जिम्मा
कैडर रिव्यू प्रस्ताव करने के लिए प्रदेश सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के ही एक रिटायर्ड आईएएस अफसर को संविदा नियुक्ति प्रदान करने का मन बना लिया है।  उनकी इस काम में दक्षता को देखते हुए उन्हें बतौर सलाहकार नियुक्ति करने जा रही है।  दरअसल हर पांच साल में होने वाले आईएएस कैडर रिव्यू प्रस्ताव के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक चेकलिस्ट बनाई हुई है। जिसे भरकर केंद्र के कार्मिक विभाग को भेजना होता है। यह कार्य राज्य का सामान्य प्रशासन विभाग करता है। इस काम को कठिन मानते हुए ही विभाग द्वार इस काम में दक्ष माने जाने वाले एक पूर्व आईएएस अधिकारी को सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की तैयारी कर ली है। इस पूर्व अफसर को पहले एक साल के लिए 60 हजार रुपये प्रतिमाह पर नियुक्ति देने की तैयारी है। इसके बाद भी अगर उसकी जरुरत पड़ती है तो उनकी नियुक्ति और एक साल के लिए बड़ाई जा सकेगी। दरअसल, आईएएस कैडर रिव्यु में नये पदों आदि के बारे में जानकारी केंद्र को भेजना होती है। इसके लिये वर्तमान में उपस्थित सभी आईएएस अधिकारियों एवं उनके पदों का डेटा एकत्रित किया जाता है। नये कितने पद जरुरी हैं, इसके भी प्रस्ताव बनाने होते हैं। एक विभागीय अधिकारी के मुताबिक आईएएस कैडर रिव्यु प्रस्ताव की तैयारी के लिए बहुत सारी जानकारियां एकत्रित करना होती है जिसमें काफी समय लगता है।
इन संवर्ग में पद वृद्धि की संभावना
 बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार अन्य संवर्ग में पद वृद्धि की तैयारी कर रही है। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त के दो की जगह तीन पद किए जा सकते हैं। इसी तरह से कृषि स्वास्थ्य , उद्यानिकी  सहित कई अन्य विभागों में भी संचालक स्तर के आईएएस संवर्ग के लिए नए पद सृजित किए जा सकते हैं। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में इस संवर्ग के लिए 439 पद स्वीकृत हैं , जिनमें से करीब 80 पद रिक्त बनें हुए हैं।
एक अफसर अधिक है प्रदेश में एसीएस के स्तर पर
प्रदेश में फिलहाल एसीएस स्तर के 14 पदों की तुलना में 15 अफसर पदस्थ हैं। दरअसल प्रदेश में इस वेतनमान की कॉडर पोस्टों की संख्या सात है। इसकी वजह से सात कैडर और इतने ही नान कैडर के अफसरों की पदस्थापना की जा सकती है। पूर्व से इन सभी पदों पर अफसरों के होने की वजह से सरकार ने हाल ही में प्रतिनियुक्ति से लौटे शैलेन्द्र सिंह को कृषि विभाग में बतौर एपीसी पदस्थ किया  है, जिसकी वजह से इस कैडर में 14 पदों की तुलना में 15 अफसर तैनात बने हुए हैं। इनके अलावा जो अफसर इस वेतनमान में पदस्थ हैं उनमें सीएस इकबाल सिंह बैंस, वीरा राणा, अजित केसरी, विनोद कुमार, मोहम्मद सुलेमान, जेएन कंसोटिया , एसएन मिश्रा, अश्वनी राय, मलय श्रीवास्तव, अजीत केसरी , पंकज राग, अशोक शाह और मनोज गोविल शामिल हैं।

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