
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा में चल रहे परिवर्तन के इस दौर में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है , जिसके तहत पार्टी के सभी माननीयों को अब सेवा कामों पर अपनी जेब से राशि खर्च करनी होगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर पार्टी द्वारा एक गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। जिसे इसी माह से लागू करने की तैयारी कर ली गई है। यह कदम पार्टी द्वारा अपने नेताओं के साथ ही पार्टी से आम लोगों को जोड़ने के लिए उठाया जा रहा है। इस गाइडलाइन के तहत सेवाभावी प्रकल्प शुरू किया जा रहा है। फिलहाल अब तक माननीयों द्वारा अपनी सरकारी निधी से ही विकास व समाज सेवा के कामों को कराया जाता है।
गाइडलाइन के तहत अब भाजपा के सांसदों और विधायकों को अपने-अपने इलाकों में कोई न कोई विकास और समाज सेवा का काम हाथ में लेना होगा। इसकी गाइडलाइन 8 अक्टूबर को घोषित करने की तैयारी है। इसकी वजह है फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक कई तरह के सुशासन पर आधारित कार्यक्रमों को चलाया जा रहा है। प्रदेश संगठन द्वारा हालांकि इस तरह के सराहनीय प्रयास की गाइडलाइन को सिर्फ लागू ही नहीं किया जाएगा बल्कि उसकी सतत निगरानी की भी व्यवस्था की जा रही है। इसकी वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वह योजना जिसके तहत हर सांसद को अपने-अपने संसदीय इलाके के तहत आने वाले एक गांव को गोद लेकर उसके चहुंमुखी विकास करने के निर्देश बीते कार्यकाल में वर्ष 2014 में दिए गए थे। योजना के तहत सभी लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को तीन -तीन गांवों को अलग-अलग चरणों में गोद लेकर उन्हें आदर्श रूप में विकसित करना था। शुरुआत में तो सांसदों ने इस योजना में उत्साह दिखाया , लेकिन बाद में इसे भुला दिया गया। इस योजना को सांसद आदर्श ग्राम योजना का नाम दिया गया था। इसके तहत 2024 तक हर सांसद को आठ गांवों का विकास करना था। पार्टी द्वारा नवाचार के तहत उठाए जाने वाले इस कदम के तहत पार्टी के सभी माननीयों को अपनी जेब से ही राशि खर्च करनी होगी। इसके तहत सेवा व विकास के काम कराने होंगें। इस तरह के कामों की पूरी रिपोर्ट संबंधित सांसद और विधायक द्वारा प्रदेश स्तर पर गठित की जाने वाली समिति के पास भेजनी होगी। इस रिपोर्ट के आने के बाद गठित समिति द्वारा पूरी जांच परख करने के बाद एक प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यही नहीं इसका पूरा ब्यौरा संबंधित जनप्रतिनिधि को पार्टी के पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा। इस गाइडलाइन को जारी करने के बाद पार्टी द्वारा भोपाल में एक कार्यशाला करने की भी योजना है। इसमें उन्हें सेवा कामों की जानकारी देने के साथ ही इससे संबधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्वयं करना होगा काम का चयन
इन कामों के लिए जो गाइडलाइन तैयार की गई है उसके तहत सांसदो व विधायकों को विकास व समाज सेवा के कामों के चयन के लिए छूट रहेगी। इसके तहत वे अपनी प्राथमिकता के आधार पर काम का चयन कर सकेगें। इतना जरुर है कि चयनित काम की जानकारी उन्हें प्रदेश स्तर पर देनी होगी। पार्टी द्वारा इस तरह का नवाचार जनप्रतिनिधियों की सामाजिक भागीदारी के लिए किया जा रहा है।
इस तरह के कामों को देनी होगी प्राथमिकता
पार्टी के इस नवाचार के तहत जो काम कराए जाएंगे उनमें विकास कामों के लिए कोई बंधन नहीं होगा , लेकिन अन्य कामों में वृक्षारोपण कर उनकी सुरक्षा का जिम्मा , सीसी रोड का निर्माण , पेयजल की व्यवस्था करना, तालाब और अन्य तरह के सार्वजनिक पानी के स्रोतों का गहरीकरण और उन्नयन का काम , मंदिरों व स्कूलों की बाउंड्री वाल का निर्माण व विकास करना, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन वह भी गरीब और गर्भवती महिलाओं के लिए, इलाज व दवाओं की व्यवस्था करना, दिव्यांगों को उपकरणों का वितरण करने के अलावा गरीबों को अपनी क्षमता के अनुसार राशन की व्यवस्था करना शामिल है।
दूसरे चरण में पंचायत व निकाय जनप्रतिनिधि होंगे दायरे में
पार्टी ने पहले चरण में इस नवाचार में अपने सांसदों व विधायकों को शामिल किया है, जबकि दूसरे चरण में पंचायत व स्थानीय निकायों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। फिलहाल प्रदेश में निकाय व पंचायत चुनाव न होने की वजह से उनके लिए यह गाइडलाइन घोषित नहीं की जा रही है। दूसरे चरण की गाइडलाइन को इन चुनावों के बाद घोषित किया जाएगा। फिलहाल निकायों व व पंचायतों में प्रशासकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है।
नवाचारों पर संघ का असर
दरअसल प्रदेश में भाजपा की कमान संघ के प्रचारक के रूप में लंबे समय तक काम करने वाले पूर्व अभाविप नेता वीडी शर्मा के पास है। इसी तरह से प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी संघ की ही पृष्ठभूमि से हैं। यही वजह है कि इस तरह के नवाचारों को पार्टी शुरू करने जा रही है। दरअसल संघ की विचारधारा ही सेवाभावी है। इसका असर अब भाजपा की कार्यशैली पर दिखना शुरू हो गया है।