शिव ने खजाना भरने मांगे केन्द्र से आयरन ऑक के नीलामी अधिकार

शिवराज

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश सरकार अपने खाली खजाने को भरने के लिए नए-नए प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत ही अब प्रदेश सरकार लौह अयस्क खदानों की नीलामी करना चाहती है। इसके लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से अनुमति मांगी गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र से मेजर मिनरल पॉलिसी में बदलाव करने का आग्रह किया गया है। दरअसल प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर लौह अयस्क का भंडार है। अगर इन खदानों की नीलामी होती है तो प्रदेश को हर साल करीब 22 सौ करोड़ की आय होना शुरू हो जाएगी। इसके पीछे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा प्रदेश के खनिज  क्षेत्र में बढ़ोतरी करने की है। केन्द्र को भेजे गए आग्रह प्रस्ताव में  प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय खान विभाग का सेंटर भी मप्र में बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया है। दरअसल बीते दिनों कुछ विदेशी कंपनियों ने भी मप्र में लौह अयस्क खदानों में  निवेश करने में रुचि दिखाई जा चुकी है। इस प्रस्ताव में दो साल पहले वर्ष 2019 में हुए सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि 42.71 मिलियन टन लौह अयस्क के खनिज भंडार मिलने की संभावना जताई थी। इसी तरह से कई जिलों के बारे में भूगर्भ शास्त्रियों का कहना है कि यहां पर ग्रेनाइट की चट्टानें और लाल मिट्टी की मात्रा अधिक होने की वजह से लौह अयस्क होने की संभावना अधिक है। उनका कहना है कि हालांकि अभी यह बता पाना संभव नही है कि कितनी मात्रा और कितनी क्वालिटी का लोहा होगा। सर्वे के दौरान इसी तरह बैतूल जिले के भुआदी क्षेत्र में 2.74 मिलियन टन के जिंक लेगर, बैतूल जिले के ही टीकारी गोड़ाना एवं चिकलार क्षेत्र में 4.6 मिलियन टन के ग्रेफाइट खनिज भंडार और सिंगरौली जिले के गुड़पहाड़ क्षेत्र में 7.20 मिलियन टन की स्वर्णधारित चट्टान, जिसमें से औसतन 1.3 ग्राम प्रति टन स्वर्ण भी मिलने की संभावना बताई गई है।
अभी बिड़ला के हाथ में खदान
मध्य प्रदेश में कोयला खदानों का संचालन अभी बिड़ला ग्रुप कर रहा है। प्रदेश में विक्रम और ब्रहापुरी नाम से कोल ब्लाक को 3 तीन साल पहले आवंटित किया गया था। इससे सरकार को बीते दो सालों में काफी मुनाफा हुआ था। यही वजह है कि केंद्रीय खनिज मंत्रालय की सहमति के बाद बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा।
इन जिलों में पाया जाता है लौह
जबलपुर, कटनी, सागर, छतरपुर, सीधी, खरगोन, मन्दसौर और ग्वालियर जिलों में लौह अयस्क प्राप्त होता है। तीन साल पहले एमपी में केंद्रीय सर्वेक्षण अधिकारियों ने खनिज भंडार का कुल अनुमानित मूल्य लगभग 5,240 करोड़ के आसपास बताया है। इससे प्रदेश को अतिरिक्त आय बढ़ने की काफी संभावना है।
प्रदेश में लौह भंडारण
लौह अयस्क लौह अंश (प्रतिशत)
हेमेटाइट 60-70
मैग्नेटाइट 60-72
लिमोनाइट 35-50
सिडेराइट 10-48

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