विकास योजनाओं पर विराम…विधायक परेशान

विकास योजनाओं
  • विधानसभा क्षेत्रों में 500 से अधिक प्रोजेक्ट अधर में

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मिशन 2023 का  घमासान जोर पकड़ रहा है। भाजपा और कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ मिशन मोड में आ गई हैं। सरकार ने अपने सभी विधायकों को विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होने का निर्देश दे दिया है। लेकिन विधायक पसोपेस में पड़े हुए हैं, क्योंकि विकास कार्य रुके हुए हैं। ऐसे में विधायकोंं की परेशानी बढ़ गई है कि वे अपने क्षेत्र में जनता को क्या जवाब देंगे।
    गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा के चुनाव के लिए डेढ़ साल बचे हैं। चुनाव का घमासान अभी से शुरू हो गया है। ऐसे में विधायकोंं को विकास की चिंता सताने लगी है। इस कारण वे अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य पूरा कराना चाह रहे हैं लेकिन सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से जहां बड़े प्रोजेक्ट मंजूर नहीं हो रहे हैं वहीं जनभागीदारी वाले सैकड़ों काम अटक गए हैं। अकेले इस साल मंजूर हुए 5 सौ प्रोजेक्ट्स में से अधिकांश में काम शुरू नहीं होने से विधायकोंं की धड़कनें बढ़ गई हैं।
    विस क्षेत्रों में ये कराए जाते हैं कार्य
    जनभागीदारी के तहत खेत सड़क योजना, सीसी रोड, तालाबों का गहरीकरण, अस्पतालों में जन सहयोग से सुधार और उपकरणों की खरीदी, सांसद, विधायक के सहयोग से आंगनबाड़ी भवनों, स्कूल भवनों में पेयजल और टॉयलेट का निर्माण तथा बाउंड्रीवाल निर्माण शामिल हैं। खासकर अनुसूचित जाति जनजाति क्षेत्रों में जनभागीदारी से जुड़े कार्यों में सरकार 75 प्रतिशत राशि खर्च करती हैं और सामान्य क्षेत्रों में 50 प्रतिशत। बकाया 25 और 50 प्रतिशत राशि की व्यवस्था जनसहयोग, स्थानीय निकाय, पंचायतों आदि के माध्यम से की जाती है।
    जनभागीदारी के काम रूके पड़े
    गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। इस कारण विधायकोंं के जनभागीदारी के कार्यों के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा है। इस कारण जनभागीदारी के कार्य रूके पड़े हैं। खरगोन विधानसभा क्षेत्र में जनभागीदारी के जरिए खेत सड़क योजना, सीसी रोड, तालाबों का गहरीकरण, खड़ंजा और सड़कों का निर्माण कराए जाने के प्रस्ताव बुलाए गए थे, लेकिन एक भी काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है और न ही नए कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। लांजी विधानसभा क्षेत्र में भी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने का प्रस्ताव अटका है। ये स्थिति अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों की है। प्रदेश में जनभागीदारी से जुड़े कार्य नहीं होने से जनप्रतिनिधियों में खासी निराशा है।
    विधायकों की अपने-अपने तर्क
    विकास कार्य नहीं होने से विधायकों की अपनी-अपनी व्यथा है। मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया कहते हैं कि मैंने विधायक निधि से ग्राम दंदौड़ा में जनभागीदारी से कार्य कराने के लिए 5 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें राज्य सरकार 2 लाख रुपए खर्च करेगी। मेरे क्षेत्र में जनभागीदारी के कार्य लगातार कराए जा रहे हैं। वहीं खरगौन विधायक रवि रमेश चंद्र जोशी कहते हैं कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में जनभागीदारी का कोई काम नहीं चल रहा है। केंद्रीय फंड से केवल जल जीवन मिशन के तहत समूह पेयजल योजनाओं में काम चल रहा है। क्षेत्र में फंड की कमी की वजह से अधिकांश विकास कार्य ठप हैं। उदयपुरा विधायक देवेंद्र पटेल कहते हैं कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में एक भी जनभागीदारी का काम नहीं चल रहा है, जिसके कारण सीसी रोड और खड़ंजा सड़कों का निर्माण पूरी तरह ठप है।

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