बिहाइंड द कर्टन/पांच साल तक समाप्त हो चुकी धारा में दर्ज होते रहे प्रकरण

  • प्रणव बजाज
 पुलिस मुख्यालय

पांच साल तक समाप्त हो चुकी धारा में दर्ज होते रहे प्रकरण
मप्र की पुलिस भी अजब गजब है। आईटी अपराध की जो धारा पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दी थी , उसमें ही मप्र पुलिस इस साल तक लगातार प्रकरण दर्ज करती रही। अब इस मामले की याद आयी तो इस धारा में दर्ज सभी प्रकरण वापस लिए जा रहे हैं। दरअसल 24 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने आईटी की धारा 66 ए के तहत दर्ज को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी प्रदेश में इसके तहत प्रकरण दर्ज होते रहे। अब पुलिस मुख्यालय की अपराध अनुसंधान शाखा के आग्रह पर संचालक अभियोजन ने अधीनस्थ अफसरों को इस तरह के मामले वापस लेने के निर्देश दिए हैं।

सरकार को आई मवेशियो की याद
वैसे तो समय -समय पर पूर्व की भाजपा सरकार में भी आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने के निर्देश दिए जाते रहे, लेकिन दिखावे के लिए कार्रवाही कर जिम्मेदार फिर पुराने ढर्रा पर चलने लगते हैं। अब इस बार पशुपालन एवं डेयरी विकासमंत्री प्रेम सिंह पटेल ने भी सभी प्रमुख मार्गों से इन्हें हटाकर गौ शालाओं में भेजने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश उनके विभाग द्वारा कलेक्टरों को दिए गए हैं। देखना यह है कि अब इनका कितना पालन होता है। विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कांसोटिया ने भी कलेक्टरों जारी निर्देश में कहा है कि सड़कों से मवेशी हटाकर गोशालाओं में भेजने के लिए नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों को निर्देशित करें। उन्होंने पशु चिकित्सा संस्थाओं के प्रभारियों से कहा है कि वे पास की गोशालाओं में उपलब्ध गोवंश की सतत निगरानी करें और पशु उपचार की सुविधा समय पर दें। उनके लिए उचित सूखा स्थान, खाने के लिए भूसे का भंडारण और पानी का इंतजाम करें और उनका टीकाकरण भी कराएं।

अब दिग्विजय भड़का रहे हैं विजय शाह को  
दिग्विजय सिंह ने विजय शाह के अपमान को लेकर बड़ा दांव चला है। इस बहाने वे न केवल आदिवासियों को एक संदेश दे रहे हैं बल्कि विजय शाह को भी भड़काने में  लगे हुए हैं। मकड़ाई राजघराने से आने वाले विजय शाह की अपने समाज पर मजबूत पकड़ भी रखते हैं। वे उन प्रदेश भाजपा नेताओं में शामिल हैं , जो अजेय बने हुए हैं। इस मामले में खास बात यह है कि दिग्विजय सिंह को कमलनाथ का भी साथ मिला है। दिग्विजय ने इस मामले में कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में आदिवासी मंत्री विजय शाह को प्रवेश नहीं मिलने की स्थिति में उनके सामने दो ही रास्ते हैं। पहला वे या तो पद से इस्तीफा दे दें या शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मुहिम में शामिल हो जाएं।

ट्विटर पर भी इंदौर प्रशासन चहक रहा
इंदौर जिला प्रशासन की बात ही अलग है। उसके द्वारा किए जाने वाले नवाचार लोगों को पसंद ही नहीं आते हैं , बल्कि चर्चा की वजह भी बनते हैं। अब संचार तकनीक में भी इंदौर छाया हुआ है। हालत यह है कि ट्विटर पर भी इंदौर प्रशासन खूब चहक रहा है। प्रशासन की हर जानकारी ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर देखी जा सकती है। यही नहीं प्रमुख घटनाओं पर कलेक्टर और कमिश्नर की प्रतिक्रिया भी तत्काल ट्विटर पर दिख जाती है। यही वजह है कि अब तो ट्विटर एवं फेसबुक में इंदौर कमिश्नर, कलेक्टर और जनसंपर्क के फॉलोअर्स की संख्या 2 लाख पार कर चुकी है।  यही वजह है कि अब इंदौर कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा के ट्विटर पर 32 हजार से अधिक एवं फेसबुक पर साढ़े 5 हजार फॉलोअर्स है। इसी तरह कलेक्टर मनीष सिंह के ट्विटर अकाउंट में प्रदेश के सभी कलेक्टर में सर्वाधिक लगभग 77 हजार एवं फेसबुक पर लगभग 33 हजार फॉलोअर्स हैं।

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