ढाई माह में मिले 2 हजार अनाथ बच्चे, सरकार ने खोला खजाना

अनाथ बच्चे

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर प्रदेश में कई परिवारों के बच्चे पूरी तरह न केवल अनाथ हो गए हैं , बल्कि उनके लिए छत तक का इंतजाम होना मुश्किल हो गया है। ऐसे में अब सरकार ने ऐसे बच्चों की मदद के लिए अपना खजाना खोल दिया है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को मदद दी जा रही है। केन्द्र सरकार ने प्रदेश को इस तरह के 2600 बच्चों को मदद देने का लक्ष्य मप्र सरकार को दिया है। केन्द्र से इनकी मदद के लिए आर्थिक मदद भी की जा रही है। इसका फायदा यह हुआ कि बीते ढाई माह में ही प्रशासन को आर्थिक मदद की दरकार वाले 2022 बच्चे मिल चुके है। इसके पहले केंद्र सरकार की इसी तरह की मदद वाली योजना में तीन माह में तीन सौ बच्चे मिलना मुश्किल बने हुए थे। खास बात यह है कि इन सभी बच्चों के प्रकरण स्वीकार कर उन्हें अब आर्थिक मदद भी दिए जाने की शुरूआत कर दी गई है। सरकार की इस मदद की वजह से अब इन बच्चों को मिलने वाली राशि की वजह से सहारे की बड़ी छत मिल गई। इन सभी बच्चों को आगामी तीन सालों तक सरकार हर माह दो हजार रुपए का भुगतान करेगी। इसके बाद सभी प्रकरणों का परीक्षण करने के बाद आवश्यकता के हिसाब से उन्हें मदद जारी रखी जाएगी। इस योजना के तहत सालभर में 2600 बच्चों (प्रत्येक जिले में अधिकतम 50 बच्चे) को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है। कोरोना काल के पहले तक प्रशासन को इस तरह की मदद की दरकार वाले बच्चों की तलाश करनी पड़ती थी, फिर भी तय लक्ष्य के मुताबिक बच्चे नहीं मिल पाते थे, लेकिन अब इसके लिए खुद ही लोग आगे आ रहे हैं। योजना के तहत  अनाथ, मां या पिता में से किसी एक की किसी भी कारण से मृत्यु होने और आर्थिक संकट के कारण भरण-पोषण की स्थिति न होने पर उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है।
केंद्र से मांगी जाएगी और राशि
योजना के तहत पूरे साल के लिए जो लक्ष्य दिया गया है, वह ढाई माह में ही पूरा हो चुका है। इसकी वजह से अब चल रहे वित्त वर्ष के शेष सात महीनों में कोई बच्चा योजना का लाभ लेने आता है, तो उसे राशि देने का इंतजाम कैसे होगा। विभाग को अब इसकी चिंता सता रही है। यही वजह है कि अब इस योजना में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर अतिरिक्त राशि की मांग की गई है।  
इन स्थानों पर भी बच्चों की तलाश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के तहत अनाथ बच्चों को पांच हजार रुपये महीने की पेंशन मंजूर की हुई है। इसके साथ ही अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा कहीं भी  भटक रहे बच्चों को तलाश कर उनको योजना का लाभ दिया जाए। इसके बाद से ही हर जिले में इस तरह के बच्चों की तलाश की जा रही है।

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