बाढ़ राहत में कोई कोताही हुई तो बर्दाश्त नहीं करुंगा

 शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जितने सहज व सरल हैं कई मामलों में वे उतने ही कठोर नजर आते हैं।  हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में अधिक बारिश की वजह से बनी बाढ़ की स्थिति से पैदा हुए हालातों में राहत देने के मामलों में कोताही पर भी अब चौहान बेहद सख्त नजर आ रहे हैं।  इस मामले में लापरवाह रहे श्योपुर के कलेटर, एसपी सहित कई प्रशासनिक अफसरों के तबादलों के बाद अब मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत टास्क फोर्स की बैठक में साफ सख्त चेतावनी दी है कि इस मामले में कोई भी लापरवाही की गई तो वे उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।  बैठक में चौहान ने साफ -साफ शब्दों में कहा है कि बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं उनके पुनर्वास का कार्य पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए। बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए उनके द्वारा स्थानीय सरकार अमले को पीड़ितों की सूची सार्वजनिक करने और उसे पंचायत भवनों में लगाने को भी कहा है, जिससे की संबंधित ग्रामीण इलाकों के लोगों को न केवल पूरी जानकारी मिल सकेंगी बल्कि उसमें कहीं कोई गड़बड़ी है तो वे उसकी जानकारी दे सकेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बीमारियां फैलने से रोकने और लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।  मुख्यमंत्री द्वारा ली गई बाढ़ राहत के लिए गठित 12 विभागों की टास्क फोर्स समिति की बैठक में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नुकसान, कृषि मंत्री कमल पटेल ने फसलों की क्षति और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ से 8832 लोगों को बचाया गया तथा 32 हजार को ऊंचे स्थानों पर राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
भोजन व आवास की तत्काल व्यवस्था के निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी पीड़ितों को छत और भोजन की तत्काल व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिनके मकान जहस नहस हो गए हैं, उन्हें तत्काल छह-छह हजार रुपए दिए जाएं, जिससे की वे किराए का आवास ले सकें। इसके अलावा प्रति परिवार 50-50 किलो गेहूं या आटा की भी व्यवस्था की जाए। यह उन्हें जल्द से जल्द मिल जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। चौहान ने कहा है कि सर्वे के बाद मकान के लिए एक लाख 20 हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिए कि जिनके मकान टूट गए हैं, उन्हें बनवाने के लिए मनरेगा के कनवर्जेन्स फंड से से एक लाख 20 हजार रुपए देने की कार्रवाई करें।
207 करोड़ के मार्ग हुए क्षतिग्रस्त
बैठक में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि इन आठों जिलों में अत्याधिक बारिश और बाढ़ की वजह से सभी प्रमुख और आम सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जो मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं उनकी लागत करीब 207 करोड़ रुपए है। इन मार्गों पर 189 छोटे पुल-पुलियाएं, सात बड़े पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस पर म़ुख्यमंत्री ने कहा कि इन बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियाओं की तेजी से मरम्मत की जाए , जिससे कि उनकी कनेक्टिविटी बहाल हो सके। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए।
यह भी दिए गए निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों एवं नहरों की मरम्मत का कार्य अत्याधिक तेजी से कराया जाए। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि बाढ़ से आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रभावित हुई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अधिकांश स्थानों पर बिजली चालू हो चुकी है। इसके साथ ही ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि बाढ़ से लगभग 100 करोड़ रुपए का नुकसान अब तक सामने आ चुका है।

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