
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। गुमशुदा होने वाली बच्चियों के मामले में मप्र के हालात ठीक नहीं है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले सालों की तुलना में प्रदेश में इस वर्ष कहीं ज्यादा लड़कियां गुम हुई है। वहीं पुलिस में गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज होने के बाद भी पुलिस गुम
हुई बालिकाओं को ढूंढने में पूरी तरह सफलता नहीं पा सकी है।
हालांकि पुलिस अधिकारियों की दलील है कि इस वर्ष अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन जैसी स्थिति रही है। ऐसे में पुलिस की अन्य राज्यों में आवाजाही कम रहने के कारण बालिकाओं को तलाश का काम धीमा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस साल शुरूआत के 6 महीनों में ही नाबालिग लड़कियों की गुमशुदगी के 4790 से ज्यादा प्रकरण दर्ज हुए हैं, जबकि पुलिस इन नाबालिग गुमशुदा हुई लड़कियों को पूरी संख्या में बरामद करने में असफल रही है। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो लगभग साठ फीसदी लड़कियों को ही पुलिस तलाश कर उनके घरों तक पहुंचा पाने में सफल रही है। वहीं यदि पिछले वर्षों में दर्ज प्रकरणों को मिला लिया जाए तो इस वर्ष 5976 नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया है। पुलिस विभाग की जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में सात हजार से भी ज्यादा बालिकाओं की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। जबकि वर्ष 2019 में 7101 तो वर्ष 2020 में 7140 नाबालिक लड़कियां लापता हुई थी इस साल की शुरूआत के 6 महीनों में ही आंकड़ा 4490 के पार रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस वर्ष अभी तक 5976 बालिकाओं को उनके घरों तक पहुंचा गया है लेकिन इनमें बड़ी संख्या उन लड़कियों की है जो बीते वर्षों में लापता हुई थी।
पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मुस्कान अभियान
प्रदेश के विभिन्न जिलों से लापता होने वाली नाबालिग लड़कियों को बड़ी संख्या में प्रदेश से बाहर ले जाया जा रहा है। पिछले कुछ माह में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर, बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों से उन्हें बरामद किया गया था। सरकार भी इस मामले को गंभीर मानती है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस समस्या से निपटने के लिए सख्त निर्देश हैं। यही नहीं इसके लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया था। पुलिस को इस समस्या को गंभीरता से सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना की वजह से आई बाधा
प्रदेशभर से गुमशुदा हुई नाबालिग लड़कियों के बारे में पुलिस अधिकारियों की दलील है कि चूंकि इस वर्ष के अप्रैल और मई महीने में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण पुलिस की भी अन्य राज्यों में आवाजाही बाधित हुई है। यही वजह रही कि गुमशुदा बालिकाओं को तलाशने का काम धीमा पड़ गया।