उपचुनाव: कांग्रेस के नाम लगभग तय, मुहर लगना बाकी

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव का ऐलान होने में भले ही अभी समय हो, लेकिन कांग्रेस ने अभी से इसकी तैयारी तेजी से करना शुरू कर दी है। सबसे अहम बात तो यह है कि कांग्रेस की ओर से इन चारों उपचुनाव के लिए अपने संभावित प्रत्याशियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं। उन पर अब औपचारिक रुप से पार्टी की मुहर लगना ही बाकी है। वहीं उम्मीदवारी के यह दावेदार अभी से इलाके में सक्रियता भी बढ़ा चुके हैं। दमोह उपचुनाव में मिली पार्टी प्रत्याशी की जीत से उत्साहित कांग्रेस हर हाल में इन उपचुनावों में भी जीत को बरकरार रखना चाहती है। यही वजह है कि इन  उपचुनावों में कांग्रेस ने दमोह की ही रणनीति पर ही अमल करने का भी फैसला कर लिया है। फिलहाल इसके लिए अभी से पार्टी उपचुनाव वाले इलाकों में संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए कदम उठाने जा रही है।
उपचुनाव की तैयारियों व संगठन की मजबूती के लिए ही पार्टी की भोपाल में संभाग स्तरीय बैठकें होने जा रही हैं। दरअसल कमलनाथ लंबे समय बाद 23 जून को भोपाल आ रहे हैं। इसके अगले दिन 24 जून से संभागवार बैंठकों का कार्यक्रम है। इसी दौरान एक बार फिर से उपचुनाव वाले इलाकों से आने वाले नेताओं से लगभग तय किए जा चुके नामों पर चर्चा कर उनके बारे में फीडबैक लेने के साथ ही संगठन के संभावित पुनर्गठन पर भी चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में जल्द ही पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट विधानसभा और खंडवा लोकसभा के चुनाव संभावित हैं। इनमें से दो विधानसभा की सीटें कांग्रेस के पास ही थीं। अगर कांग्रेस में लगभग तय माने जा रहे नामों की चर्चा करेंं तो खंडवा लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव का नाम लगभग तय है। वे इस इलाके में चुनावी तैयारियों के तहत बीते लंबे समय से सक्रिय बने हुए हैं। यादव पूर्व में भी इस इलाके से सांसद रह चुके हैं और बीते चुनाव में भाजपा के स्व. नंदकुमार सिंह से चुनाव हार गए थे।
संगठन में मिलेगा मौका
माना जा रहा है कि इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बेहद मजबूती से दावेदारी करने वाले कुछ नेताओंं को संगठन में मौका दिया जा सकता है। ऐसा उन्हें टिकट न मिलने की वजह से उनकी नाराजगी दूर करने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी लंबे समय से एक ही पदों पर जमे कई नेताओं को बदलकर उनकी जगह युवा और ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को संगठन में  लेने की तैयारी कर रही है। इसमें उन नेताओं के समर्थकों को अहमियत दिए जाने की संभावना है, जो इन दिनों नाराज चल रहे हैं।
कहां से किस का नाम लगभग तय
विधानसभा उपचुनाव की बात करें तो पृथ्वीपुर सीट से उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट के दावेदार तो कई हैं, लेकिन पार्टी ने इस सीट पर अपने दिवंगत विधायक बृजेन्द्र सिंह के पुत्र नितेन्द्र सिंह पर ही दांव लगाने का लगभग फैसला कर लिया हैं। इसकी वजह है सहानुभूति का फायदा उठाना। नितेन्द्र पिता के मंत्री बनने के बाद से इलाके में सक्रिय बने हुए थे। इसी तरह से रैगांव सीट पर बसपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाली पूर्व विधायक ऊषा चौधरी का नाम भी तय ही है। वह इस इलाके से एक बार बसपा के टिकट पर जीत चुकी हैं। वैसे यह सीट परंपरागत रुप से भाजपा की मानी जाती है। इसी तरह से जोबट सीट पर जेवीयर मेढ़ा का चुनावी समर में उतरना तय है। वे पहले भी विधायक रह चुके हैं। यह सीट कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन से रिक्त हुई है। इन सभी नेताओं को अपने-अपने इलाके में अभी से पूरी तरह सक्रिय रहने को पहले ही कहा जा चुका है।
बैठक में इन मुद्दों पर मंथन की संभावना
पार्टी सूत्रों की मानें तो संभागवार होने वाली बैठकों में संगठन को जिला स्तर पर मजबूत करने, प्रभारियों व जिला इकाईयों के बीच समन्वय बनाना, उपचुनाव की रणनीति पर काम करना और खासतौर पर ग्वालियर- चंबल अंचल की समीक्षा कर आगे की रणनीति तैयार करना। यही वजह है कि इन बैठकों में पार्टी के प्रभारियों के साथ ही जिलाध्यक्षों, विधायकों को भी बुलाया गया है। इस दौरान उपचुनाव वाले क्षेत्रों के उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जो बेहद प्रभावी हो सकते हैं।

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