
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। बहुप्रतीक्षित भाजपा की कार्यसमिति की आखिर बीती देर रात घोषणा कर ही दी गई। इस सूची में कुछ नाम देखकर भाजपा के बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक चौंक गए। सूची में शामिल नामों से यह स्पष्ट है कि प्रदेश भाजपा की कमान संभाल रहे वीडी शर्मा की टीम में श्रीमंतियों व पिछड़ों का पूरी तरह से बोलबाला है। खास बात यह है कि इस सूची में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और कई बार केन्द्र में मंत्री रहीं पिछड़े वर्ग के साथ हिन्दुत्व का चेहरा फायरब्रांड नेता उमाभारती और उनके समर्थकों को स्थान नहीं दिया गया है। सूची में 162 कार्यसमिति सदस्य, 218 विशेष आमंत्रित और 23 स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। यह सूची भी राज्य मंत्रिमंडल की ही तरह क्षेत्रीय समीकरणों के ठीक उलट नजर आ रही है। इसमें श्रीमंत समर्थक कई नेताओं के साथ ही केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के लोगों को भी जगह दी गई है। प्रदेश के अंचलों के हिसाब से देखें तो ग्वालियर-चंबल से सर्वाधिक 39 लोगों के नाम इस सूची में है। इसके उलट सबसे कम नाम 15 महाकौशल के हैं। इसी तरह से विंध्य से 20 और बुंदेलखंड से 17 लोगों को लिया गया है। मालवा और निमाड़ को देखें तो दोनों क्षेत्रों से 46 जबकि भोपाल संभाग से 25 भाजपा नेताओं को जगह दी गई है। 162 सदस्यों की कार्यसमिति में 33 ब्राह्मण और 28 राजपूत नेताओं को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि इस सूची में विधायकों व सांसदों के नामों की भरमार है , जबकि जिन्हें अब तक मौका नहीं मिला है उन नेताओं के नामों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। भाजपा में ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि करीब डेढ़ साल बाद जारी भाजपा की इस सूची को एक घंटे में दो बार जारी करना पड़ा है।
करनी पड़ी पहली सूची निरस्त
देर रात जारी की गई पहली सूची को भाजपा द्वारा एक घंटे के अंदर ही निरस्त करते हुए उसे पार्टी के अधिकृत वाट्सएप ग्रुप से यह कह कर हटा दिया गया कि वह धोखे से चली गई है। इसके कुछ देर बाद ही दूसरी सूची जारी की गई। यह दोनों ही सूची पार्टी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर द्वारा जारी की गई थीं। दरअसल पहली सूची में नामों के साथ ही उनकी जाति का भी उल्लेख किया गया था। इसमें कई नामों के आगे उनकी जाति गलत लिखी गई थी। सूची जारी होने के बाद जाति को लेकर विवाद की स्थिति बनते देख उसे निरस्त करते हुए ग्रुप से हटा दिया गया था।
इस तरह के नामों ने चौंकाया
इस सूची में कई ऐसे नामों को शामिल किया गया है , जिनको देखकर आम आदमी तो ठीक पार्टी के ही नेता और कार्यकर्ता तक चौंक गए हैं। इनमें कल भाजपा की सदस्यता लेने वाले एक नेता गुड्डू पंडित का नाम भी शामिल है। इसी तरह से पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ दूसरे दलों के प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़कर भाजपा की हार में अहम भूमिका निभाने वाले कई नेताओं को भी प्रमुखता से जगह दी गई है। इनमें एक नाम उप्र झांसी के हाल पृथ्वीपुर निवासी शिशुपाल यादव का नाम शामिल है। इस सूची में कुछ ऐसे भी नाम हैं जो अब तक संगठन में किसी खास भूमिका में नहीं रहे हैं, लेकिन वे अभाविप के माध्यम से भाजपा में गए हैं, उन्हें भी सूची में जगह देने में प्राथमिकता दी गई है।
मलैया , कुसमरिया शामिल, शेजवार गायब
खास बात यह है कि इस सूची में उमा भारती और उनके समर्थकों की ही तरह पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे वरिष्ठ नेता गौरीशंकर शेजवार और ललिता यादव को जगह नहीं दी गई है, लेकिन सूची में जयंत मलैया और रामकृष्ण कुसमरिया को जगह दी गई है। इससे यह साफ हो गया है कि अब पार्टी मलैया के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं है। इसी तरह से नाराज चल रहे कई नेताओं को भी प्राथमिकता से जगह दी गई है। इनमें जयभान सिंह पवैया,अजय विश्नोई , इमरती देवी , माया सिंह, संजय पाठक,गौरीशंकर बिसेन आदि शामिल हैं।
अब इन पदों पर नियुक्तियों का इंतजार
इस सूची के जारी होने के साथ ही माना जा रहा था कि संगठन के प्रवक्ताओं, मीडिया पैनलिस्ट, रिक्त मोर्चा और प्रकोष्ठों के रिक्त पदों की सूची भी जारी कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से यह सभी पद अब भी रिक्त बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि इन रिक्त पदों में से प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट के लिए नामों को लेकर अब भी एक राय नहीं बन सकी है। अब इन पदों को भरने के लिए फिर से कवायद की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक इन पदों पर भी नियुक्तियां हो सकती हैं।
उम्र का बंधन नहीं
खास बात यह है कि जब पार्टी में युवाओं को तवज्जो देने का काम किया जा रहा है और पदाधिकारियों के चयन में भी उम्र का अच्छा खासा ध्यान रखा गया , लेकिन इस सूची में उम्र के बंधन को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। सूची में कई ऐसे नाम शामिल हैं जो छह दशक से अधिक की उम्र पूरी कर चुके हैं, ऐसे नेताओं में सत्यनारायण जटिया , सुमित्रा महाजन, कृष्ण मुरारी मोघे जैसे नाम शामिल हैं।