प्रदेश के अफसरों ने मोदी की पानी संग्रहण योजना को लगाया पलीता

प्रधानमंत्री

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अफसरशाही कितनी बेलगाम हो चुकी है कि वह प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में शामिल योजनाओं को भी पलीता लगाने से पीछे नहीं रहती है। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना कैच द रैन योजना है। हालत यह है कि प्रदेश के 11 जिलों में तो इस योजना के तहत एक भी काम शुरू तक नहीं किया गया है। इसका खुलासा हाल ही में की गई समीक्षा में हुआ है। यही वजह है कि अब इस मामले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग कलेक्टरों व जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों से नाराजगी जाहिर कर उन्हें प्राथमिकता से यह काम करने के लिए निर्देशित करना पड़ रहा है। दरअसल हाल ही में विभाग द्वारा की गई इसकी समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश के 11 जिलों में काम शुरू होना तो ठीक इस योजना के कामों की प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं दी गई है। इनमें टीकमगढ़, दतिया, आगर मालवा, हरदा, नीमच, नरसिंहपुर, उमरिया, बुरहानपुर, सिंगरौली, सतना और सीहोर शामिल है। खास बात यह है कि इनमें शामिल सीहोर जिला स्वयं मुख्यमंत्री का गृह जिला है। इसके बाद भी उनके इलाके में कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने इस काम में कोई रुचि नहीं ली। अब तक कैच द रैन योजना के तहत काम शुरू नहीं होने की वजह से इसी तरह से इस बार अब मानसून आ जाने की वजह से यह काम पूरी तरह से पिछड़ना तय है।
अफसरों द्वारा लोगों को रोजगार देने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना में भी लापरवाही की बात सामने आयी है। इसकी वजह से प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव को अफसरों से इस योजना के तहत चयनित कामों को प्राथमिकता से तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने के निर्देश देने पड़े हैं। दरअसल समीक्षा में पता चला कि जिलों द्वारा इस योजना में महज 646 कामों का ही चयन किया गया है। इनमें से भी 327 कामों को प्रशासकीय और 410 कामों को तकनीकी स्वीकृति दी गई है।
 शिकायत निराकरण में भी मिली लापरवाही
खास बात यह है कि समीक्षा में कटनी और मुरैना जिलों में शिकायत निराकरण में भी गंभीर लापरवाही सामने आयी है। इस मामले में तो विभागीय प्रमुख सचिव ने दोनों जिलों के जिला पंचायत के सीईओ को तो भोपाल तक तलब कर लिया है। इनमें मुरैना जिले में 52 और कटनी जिले में 23 शिकायतें सीपी ग्राम पोर्टल पर लंबित बनी हुई थी। इन दोनों ही जिलों के अफसरों को दो दिन के अंदर इन शिकायतों के निराकरण के निर्देश दिए गए हैं।

Related Articles