
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में जारी कोरोना संक्रमण का कहर प्रदेश के शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं पर भारी पड़ रहा है। इसकी वजह है इनसे जुड़ी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के इसकी चपेट में आकर जान गंवाना। हालत यह है सरकारी स्कूलों के अब तक करीब पौने चार सौ और महाविद्यालयों के करीब आधा सैकड़ा प्रोफेसरों को कोरोना की चपेट में आकर जान गंवानी पड़ी है। इसके अलावा अन्य शैक्षणिक कर्मचारी भी इसकी चपेट में आने से असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं। प्रदेश में फिलहाल एक हजार प्रोफेसर इसकी चपेट में आकर इलाज करवा रहे हैं।
इसी तरह से अन्य विश्वविद्यालयीन करीब 200 कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आकर इलाजरत हैं। यही नहीं 100 अतिथि विद्वान भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से लगभग एक दर्जन की मौत हो चुकी है। इसकी वजह से अब प्रदेश के सभी प्रोफेसर व शिक्षक दिवंगत प्रोफेसरों और शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन ने सभी सरकारी संस्थानों में दस फीसदी कर्मचारियों को रोटेशन में बुलाकर कार्य करने का आदेश जारी किया हुआ है, इसके बाद भी प्राचार्य अतिथि विद्वानों को जबरिया कॉलेज बुला रहे हैं। हाल ही में रीवा में पदस्थ डॉ. श्वेता नीरजा का कोरोना के चलते निधन हो चुका है। मृत्यु के समय वे गर्भवती थीं। इसकी वजह से उनके निधन पर अतिथि विद्वान संघ में काफी आक्रोश है।
यह भी हुए कोरोना का शिकार
उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले प्रोफेसरों में भोपाल के सुनील कुमार पारे, डॉ. मधु जैन, उज्जैन के डॉ. अनुराग टीटो, डॉ. बबिता टीटो, विक्रम विश्वविद्यालय डीएसडब्ल्यू राम कुमार अहिरवार, इंदौर के डॉ. संजय जैन, डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव, क्लर्क भानु प्रसाद तिवारी, ग्वालियर के डॉ. एसएन दीक्षित, छिंदवाड़ा में डॉ. मीना स्वामी एवं उनके पति तथा रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. डीसी जैन, डॉ. आरएम श्रीवास्तव, डॉ. पीके दुबे कोरोना का शिकार हो चुके हैं। इसी तरह से तकनीकी शिक्षा विभाग में एकेएस भदौरिया और एके सिंह भी संक्रमित हो चुके हैं।
स्कूलों के हाल
स्कूल विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक सहित 366 लोगों की कोरोना से अब तक मौत हो चुकी है। इसमें शिक्षकों की संख्या सर्वाधिक 334 है। इसके अलावा 19 कर्मचारी, 11 प्राचार्य और 2 अधिकारी भी मौत का शिकार हो चुके हैं। अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या 1809 है , जिनमें शिक्षकों की संख्या 1633 हैं। इनके अलावा 80 प्राचार्य, 73 कर्मचारी व 23 अधिकारी भी कोरोना से पीड़ित हैं।