कांग्रेस के आधे जिला अध्यक्षों की कुर्सी पड़ी खतरे में

  • जहां जिलाध्यक्ष नहीं वहां इस महीने होगी नियुक्ति

गौरव चौहान
मप्र में कांग्रेस बड़े बदलाव की तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार जिलाध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड खंगला जा रहा है। रिपोर्ट कार्ड ही उनका सियासी भविष्य तय करेगा। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी जिलों में बदलाव होना तय है। वहीं नए की तलाश भी शुरू हो गई है। लेकिन कांग्रेस का पहला फोकस उन जिलों पर है, जहां जिलाध्यक्ष की कुर्सी खाली है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस महीने उन जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर देगी, जहां अध्यक्ष नहीं हैं। बता दें कि मप्र में कांग्रेस के अभी 80 संगठनात्मक जिला और 800 संगठनात्मक ब्लॉक अध्यक्ष के पद हैं। इनमें से 50 फीसदी जिला अध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष के लिए 60 वर्ष और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 45 साल की उम्र लगभग तय कर दी है।
मप्र कांग्रेस कमेटी द्वारा करीब दो महीने से जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की नए सिरे से नियुक्ति करने की कवायद की जा रही है। माना जा रहा था कि लगभग 50 फीसदी जिलों में कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष बदल देगी। लेकिन अब जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि अभी केवल पांच जिलों में ही अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। बाकी जिलों की घोषणा जून माह के बाद होगी। जिन पांच जिलों में घोषणा होगी, उनमें खंडवा के शहर और ग्रामीण, रतलाम ग्रामीण, कटनी और रायसेन जिला शामिल है। इन पांच जिले में मई माह में अध्यक्ष की नियुक्ति करने की तैयारी है। पांच ही जिलों के लिए तीन-तीन नाम की पैनल बना ली गई है। संगठन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बाकी जिलों की घोषणा जून के बाद होगी। फिलहाल पार्टी का फोकस 40 दिनी अभियान पर है, जिसके तहत मप्र की प्रत्येक विधानसभा में घर-घर संपर्क अभियान चलाया जा रहा है।
जिलाध्यक्षों का बनाया जाएगा पावरफुल
दरअसल, अहमदावाद अधिवेशन में जिलाध्यक्षों के मामले में अहम प्रस्ताव पारित हुआ था। इसके तहत उन्हें पावरफुल बनाया जाना है। यानी जिला स्तर के फैसले इनकी मर्जी से होंगे। चुनाव में उम्मीदवार तय करने में भी भूमिका होगी। प्रस्ताव को संपूर्ण नियमावली के साथ संगठनात्मक ढांचा मजबूत बनाने सभी प्रतिनिधियों के समक्ष रखा जाएगा। ऐसे में जिला स्तर पर फेरबदल तय है। जिलाध्यक्षों से लेकर ब्लॉकों में नए पदाधिकारी नियुक्त होंगे। ग्रामीण जिलाध्यक्ष भी बदलेंगे। जिले के संगठनात्मक स्तर पर कई बदलाव होंगे। ऐसे कार्यकर्ता जो लंबे समय से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं, उन्हें नई और अहम जिमेदारियां दी जाएंगी। युवा, उर्जावान लोगों को अवसर दिया जाएगा। शहर व जिले के लगभग सभी ब्लॉक में नए अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी है। अप्रेल अंत या मई की शुरुआत में परिवर्तन हो सकता है। इसी तरह कांग्रेस अब राज्य सरकार पर और आक्रामक होगी। इसके लिए कार्यक्रम तैयार हो रहे हैं।
दलित, आदिवासी, ओबीसी अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता
मप्र में कांग्रेस के मौजूदा जिला अध्यक्षों की बात करें तो प्रदेश में पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों में से 66 में वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं। 6 जिलों में अध्यक्ष के पद रिक्त हैं। सतना शहर में एक मात्र अल्पसंख्यक वर्ग के मकसूद अहमद अध्यक्ष हैं। सबसे ज्यादा 34 जिला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से हैं। अब कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को प्राथमिकता देगी।
दिल्ली से नियुक्त होंगे ऑब्जर्वर
कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि गुजरात में जिस तरह जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई है, मप्र में भी उसी पैटर्न पर जिला अध्यक्षों के नाम खोजे जाएंगे। मप्र के सभी 55 जिलों में एआईसीसी की ओर से हर जिले के लिए एक ऑब्जर्वर नियुक्त किया जा सकता है। एमपी कांग्रेस की ओर से भी ऑब्जर्वर जिला अध्यक्ष के नाम खोजने में मदद करेंगे। हर जिले में पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई जाएगी। इसमें एक केंद्रीय और चार राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। ये समितियां अपने-अपने जिले का दौरा करेंगी और जिलाध्यक्ष के चयन से पहले स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगी। गुजरात में पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी हो जाएगी। मप्र कांग्रेस के संगठन प्रभारी संजय कामले ने बताया कि अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी के संगठन में एक बड़ा परिवर्तन आया है। नई व्यवस्था में पार्टी जिला अध्यक्षों के माध्यम से काम करना शुरू करेगी। गुजरात में इसका पायलेट प्रोजेक्ट चल रहा है। बहुत सारे ऑब्जर्वर वहां गए हैं। जिला अध्यक्षों के चयन की एक नई प्रक्रिया सामने आई है। यह प्रक्रिया गुजरात के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि मप्र में भी इसी प्रक्रिया से अध्यक्ष चुने जाएंगे या नहीं।

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