जीएसटी लागू होने से राज्य की आय के स्रोत हुए सीमित

जीएसटी
  • राज्य कर से होने वाली आय घटेगी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सरकार आगामी बजट बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। वित्त विभाग के अधिकारी आय-व्यय का लेखा-जोखा लगा रहे हैं। अभी तक के मिले संकेतों के अनुसार राज्य कर प्रदेश के बजट को झटका दे सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2024-25 में 2,63,344 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसमें 1,02,097 करोड़ रुपये का हिस्सा राज्य के स्वयं के कर का है। केंद्रीय करों के हिस्से में 42,767 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। सहायता अनुदान में 4,000 करोड़ रुपये कम मिले हैं।
जानकारी के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश की आय के स्रोत सीमित हो गए हैं। विकास योजनाओं को गति देने के लिए केंद्रीय करों का हिस्सा और केंद्रीय सहायता की बड़ी भूमिका है। सरकार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रविधान अनुसार वर्ष 2024-25 की छमाही समीक्षा की तो उसमें बजट अनुमान को झटका लगने के संकेत मिले हैं। दरअसल, कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सरकार को उम्मीद से कम राजस्व प्राप्त हुए और इसके लक्ष्य से कम रहने की भी संभावना जताई गई है।
सहायता अनुदान में चार हजार करोड़ कम मिले
केंद्रीय करों के हिस्से में 42,767 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, लेकिन सहायता अनुदान में चार हजार करोड़ रुपये कम मिले। राज्य के स्वयं की कर की बात करें तो राज्य वस्तु एवं सेवा कर, आय तथा व्यय पर अन्य कर, भू-राजस्व, वाहन कर, बिक्री, व्यापार आदि पर कर संग्रहण अनुमान से कम रहने की संभावना है, जिससे राजस्व प्राप्ति के बजट अनुमान को झटका लग सकता है। प्रदेश सरकार का वर्ष 2024-25 में 2,63,344 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसमें 1,02,097 करोड़ रुपये का हिस्सा राज्य के स्वयं के कर का है। वित्त विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में कुल राजस्व लगभग सवा दो प्रतिशत अधिक रहा है, पर राज्य के स्वयं के कर में 1.27 प्रतिशत कमी रही है। इसमें वृद्धि की संभावना तो है लेकिन समग्र रूप से बजट अनुमान से कम रहने के आसार हैं।
केंद्रीय योजनाओं में भी राशि कम मिली
सूत्रों के अनुसार विभिन्न केंद्रीय योजनाओं में निर्धारित राशि से कम मिली है। इसका एक कारण समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र न भेजना है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि राशि का उपयोग करने के बाद उसकी उपयोगिता का प्रमाण पत्र अविलंब भेजें। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से संवाद करें और जो राशि 2024-25 के लिए निर्धारित की गई है, उसे प्राप्त करने का प्रयास करें। पिछले वर्ष से तुलना करके देखी जाए तो राज्य वस्तु एवं सेवा कर सितंबर 2023 तक 19,481 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ था, जो इस अवधि में इस वर्ष 17,025 करोड़ रुपये यानी 12.61 प्रतिशत कम रहा। बजट अनुमान 40 हजार करोड़ रुपये का है। इसी तरह भू-राजस्व कर को देखते तो  यह 33.72 प्रतिशत कम रहा। हालांकि, स्टाम्प तथा पंजीकरण शुल्क, राज्य उत्पाद शुल्क, वाहन कर, माल तथा यात्रियों पर कर और विद्युत कर तथा शुल्क में वृद्धि हुई है। बजट अनुमान से यह वृद्धि नहीं है, इसलिए संभावना जताई गई है कि संपूर्ण राजस्व प्राप्ति कम रह सकती है।

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