भाजपा नेताओं में समन्वय बनाने में जुटे सुरेश सोनी

सुरेश सोनी
  • चित्रकूट में मुख्यमंत्री और कैलाश विजयवर्गीय से की मुलाकात

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देश में मप्र भाजपा संगठन सबसे संगठित और सुशासित माना जाता है। हालांकि नेताओं में वर्चस्व की होड़ मची रहती है, लेकिन कोई भी पार्टी गाइड लाइन के खिलाफ नहीं जाता है। इस बार प्रदेश सरकार में शामिल नेताओं के बीच समन्वय की कमी दिख रही है। दरअसल, पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार में कई वरिष्ठ नेता मंत्री बने हैं। इस कारण समन्वय का अभाव दिख रहा है। कथित तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच पटरी नहीं बैठ पा रही है। इसको देखते हुए भाजपा नेताओं और मंत्रियों के बीच चल रही खींचतान को कम करने के लिए संघ नेता सुरेश सोनी ने मोर्चा संभाला है। इसी कड़ी में गतदिनों चित्रकूट में सुरेश सोनी ने दोनों नेताओं से मुलाकात की और समन्वय बनाने की कोशिश की। गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से मप्र की सियासत का केंद्र चित्रकूट बना रहा। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी मंडल के सदस्य सुरेश सोनी मकर संक्रांति पर चित्रकूट में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान मप्र में सत्ता-संगठन के बीच चल रही खींचतान को समाप्त करने के लिए कई दिग्गज नेता एकत्र हुए। इसी दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी विकास कार्यों के लिए चित्रकूट पहुंचे थे। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान सुरेश सोनी ने दोनों नेताओं से मुलाकात की।
संघ नेता और सीएम के बीच मुलाकात
 उधर, मंगलवार को संघ नेता और सीएम के बीच वैदेही भवन में मुलाकात हुई।  मप्र सरकार की कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी मंडल के सदस्य सुरेश सोनी की चित्रकूट में मुलाकात हुई  है।  सूत्रों का कहना है विजयवर्गीय के सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद अब सब-कुछ ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले काफी दिनों से मध्य प्रदेश भाजपा में भी सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत आपस में बयानबाजी कर लड़ रहे हैं तो कई जगह जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर जंग छिड़ी हुई है। यही वजह है कि अब मध्यस्थता का मोर्चा संघ नेता सुरेश सोनी को संभालना पड़ा हैै। सोनी की रुचि मप्र की सियासत में हमेशा से ही रही है। डॉ. यादव को सीएम बनवाने में भी उनकी भूमिका मानी जाती है। अब मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष का भी चुनाव होना है , इसलिए माना जा रहा है कि सोनी ने सीएम और विजयवर्गीय के बीच सुलह कराने का प्रयास किया  है। दरअसल विजयवर्गीय की नाराजगी  की खबरों को  बीते लंबे से उस समय बल मिल रहा था, जिसमें वे कैबिनेट की बैठकों से दूरी बना रहे थे।
सोनी-विजयवर्गीय के बीच चर्चा
पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के तीखे तेवर को कम करने के लिए सोनी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विजयवर्गीय से अलग-अलग चर्चा कर सुलह कराने का प्रयास किया। दोनों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद चल रहे थे। सबसे बड़ा कारण इंदौर की सियासत से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने इंदौर जिले का प्रभार किसी मंत्री को न देकर खुद के पास रखा है, इस वजह से विजयवर्गीय नाराज चल रहे थे। गाहे-बगाहे उन्होंने अपनी इस नाराजगी को कभी कैबिनेट मीटिंग में न जाकर व्यक्त किया तो कभी उज्जैन में सडक़ निर्माण के प्रस्ताव पर आपत्ति जताकर अपना विरोध जताया। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोमवार को विजयवर्गीय पहले ही चित्रकूट पहुंच चुके थे, बाद में सीएम रीवा से सतना होते हुए चित्रकूट पहुंचे। सोमवार को ही सोनी के साथ उनकी भेंट हुई। 

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