सूट पहनकर बिजली ठीक करने पर नहीं लगेगा करंट

बिजली

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अगर किसी एक घर की बिजली किसी कारण से खराब होती है तो उसे ठीक करने के लिए डीपी से पूरी ही लाइन बंद करनी पड़ती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा इसकी वजह है वह सूट जिसे पहनकर अब लाइनमैन बिजली को ठीक करने का काम करेंगे। ऐसा नहीं है कि सिर्फ घरों की बिजली सुधारने में बिजली नहीं जाएगी , बल्कि किसी भी तरह की गड़बड़ी ठीक करने के लिए बिजली बंद करने जरुरत नहीं पड़ेगी। इससे अनावश्यक रुप से बिजली कटौती का लोगों को सामना नहीं करना पड़ेगा। अभी किसी के घर की बिजली बंद होती है या आसपास किसी लाइन में फॉल्ट आता है, तो इसे सुधारने के लिए पूरे एरिया की बिजली बंद कर दी जाती है। मेंटेनेंस जितनी देर चलता है, उतनी देर तक दूसरे लोगों को भी बिजली नहीं मिलती है। दरअसल, मध्यप्रदेश विद्युत विभाग ने प्रदेश भर के 100 से ज्यादा कर्मचारियों को हॉट सूट पहनकर चालू लाइन में काम करने की ट्रेनिंग दिलाई है। कर्मचारी बेंगलुरु से ट्रेनिंग लेकर आए हैं। हॉट सूट को पहनने वाले लाइनमैन को हॉट मैन भी कहा जाता है। पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के चीफ इंजीनियर (सीई) संदीप गायकवाड़ के मुताबिक- हॉट सूट पहनकर लाइनमैन 132 केवी से लेकर 400 केवी (किलो वोल्ट) तक की लाइन पर बिना शटडाउन लिए काम कर सकते हैं।
घरों तक आती है 240 वोल्ट की बिजली
1 केवी में 1000 वोल्ट होते हैं। हमारे घरों में 220 – 240 वोल्ट की बिजली आती है। फैक्ट्री और कमर्शियल जगह 415-450 वोल्ट की बिजली सप्लाई होती है। थर्मल पावर प्लांट या फिर हाइड्रो पावर प्लांट से जो बिजली पैदा होती है, उसका पावर 11 हजार, 33 हजार वोल्ट तक होता है। टावर लाइन के जरिए इतने पावर की बिजली हमारे शहर के ट्रांसमिशन सब स्टेशन तक आती है। सब स्टेशन से हमारे मोहल्ले के ट्रांसफॉर्मर और इसी ट्रांसफॉर्मर से हमारे घरों तक सप्लाई होती है। पावर स्टेशन से सब स्टेशन और सब स्टेशन से हमारे घर तक बिजली के वोल्टेज को कम किया जाता है।
कैसा होता है हॉट मैन सूट
यह किसी हॉलीवुड फिल्म के सूट की तरह ही है। इस हॉटमैन सूट का हर रेशा विशेष तकनीक से बना होता है। यह करंट के इंसुलेटर की तरह काम नहीं करता बल्कि करंट इस पूरी ड्रेस से होकर गुजरता है। यह पूरी ड्रेस ऊपर से नीचे तक आपस में जुड़ी हुई रहती है. कहीं से भी करंट लीक नहीं हो सकता। यह विज्ञान की ऐसी तकनीक है, जिसमें काम करने वाले वर्कर को करंट नहीं लगता, लेकिन यह काम विशेष ट्रेनिंग के बाद ही किया जा सकता है। इस सूट के हैंड ग्लव्स से लेकर जूते तक सभी में करंट फ्लो करने का सिस्टम होता है। जिस दौरान हॉटमैन काम करता है। उस समय उसके शरीर से भी खतरनाक बिजली का प्रवाह होता है, लेकिन तकनीक की वजह से काम करने वाले आदमी को इसका नुकसान नहीं होता। फिर भी यह काम बहुत जोखिम का है।
बीस दिन का होता है प्रशिक्षण
अब तक  प्रदेश के करीब 100 बिजली कर्मचारियों को हॉट सूट दिए गए हैं। जैसे-जैसे कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं, वैसे-वैसे नई जॉइनिंग वाले कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु भेजा जाएगा। ट्रेनिंग के लिए जो भी कर्मचारी उपयुक्त होता है, उसे बेंगलुरु भेजा जाता है। अभी जो कर्मचारी बेंगलुरु से आए हैं, उनकी ट्रेनिंग करीब 20 दिन तक चली थी। आगे अब और भी कर्मचारियों को फिर से बेंगलुरु भेजने की तैयारी की जा रही है।

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