परफॉर्मेंस खराब तो किए जाएंगे जिले से बाहर

जिले से बाहर
  • कलेक्टरों के कामकाज पर भी अब रहेगी नजर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सुशासन की राह पर चल रही मोहन सरकार अब कलेक्टर और एसपी की रैंकिंग कराएगी। जिन अफसरों की परफॉर्मेंस खराब होगी, उन्हें जिले से बाहर किया जाएगा। यानी खराब प्रदर्शन वाले कलेक्टर और एसपी को दूसरे जिलों की कमान नहीं सौंपी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्य सचिव वीरा राणा को निर्देशित किया है। सूत्रों का कहना है कि गत दिनों एक समीक्षा बैठक में कुछ कलेक्टरों से जब मुख्यमंत्री ने योजनाओं के संदर्भ में जानना चाहा तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसलिए मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के साथ ही एसपी की भी परफॉर्मेंस के आधार पर रैंकिंग कराने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश में एक बार फिर राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए 18 जुलाई से 31 अगस्त तक महाअभियान शुरू होने जा रहा है। अभियान की तैयारियों की संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवास पर अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें कलेक्टरों को भी वीडिया कॉफे्रंस के जरिए जोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने ज्यादा संख्या में लंबित प्रकरणों वाले जिलों के कलेक्टरों से कारण पूछा तो उन्होंने अभी ज्वाइन करने की वजह बताई। जिस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी वाले अंदाज में कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कलेक्टरों की रैंकिंग करने के निर्देश दिए। अब राजस्व महाअभियान के दौरान कलेक्टरों की रैंकिंग होगी। खराब परफॉर्मेंस वाले कलेक्टरों पर तबादले की गाज गिर सकती है। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने 4 कलेक्टरों से प्रकरणों के लंबित होने की वजह पूछी। जिनमें भोपाल कलेक्टर कौशलेंन्द्र सिंह ने अभी ज्वाइन करने का कारण बताया। इसी तरह सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने भी यह वजह बताई। उमरिया के धरणेन्द्र जैन से कहा कि आपके जिले में काम नहीं हो रहा है। ऐसा नहीं चलेगा। मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना से भी राजस्व प्रकरणों में देरी का कारण पूछा तो उन्होंने न्यायालय में लंबित होना बताया। जिससे मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि कलेक्टरों की रैंकिंग कराओ और काम नहीं करने वालों को हटाया जाए।
360 डिग्री पर बना रही अफसर की कुंडली
 जिलों से लेकर मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में प्रदेश अफसरों के बदलाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है, लेकिन अफसरों की पोस्टिंग के लिए उनके चयन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार फूंक फूंक कर कदम रख रही है। जिन अफसरों को नई पदस्थापना दी जाना है। उनके कामकाज और तौर तरीकों का बड़े स्तर पर एनालिसिस किया जा रहा है और जिन अफसरों को हटाना है, उनकी भी नियुक्ति कहां की जाए,इस पर भी विचार मंथन चल रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय अफसरों का 360 डिग्री पर एनालिसिस कर रहा है। कई कलेक्टर-एसपी बदले जाने हैं। सबके परफॉर्मेंस का एनालिसिस किया जा रहा है इसके आधार पर पोस्टिंग अफसर को दी जाएगी।
अफसरों की कुंडली हो रही है तैयार
मंत्रालय में भी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभाग अध्यक्ष स्तर पर बदलाव किया जाएगा। मध्य प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी के पहले अफसर की कुंडली तैयार की जा रही है कलेक्टर, एसपी के तबादलों से पहले वरिष्ठ आईएएस-आईपीएस अधिकारियों से लेकर मंत्री और जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी की जा रही है। संगठन के पदाधिकारी और जिलों में विभिन्न स्तर पर चर्चा कर अफसरों के काम करने के तरीके, उनके कार्य करने के तरीके में क्या कमियां है, यह सब देखा जा रहा है। इसी तरह मंत्रालय में बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाले अफसर को अच्छे विभाग देने की तैयारी है मंत्रियों से भी उनकी पसंद पर चर्चा की जा रही है। विभाग में अफसरों के काम करने के तौर तरीके और उससे आए बदलाव और मैदानी स्तर पर उनके काम के असर का। 360 डिग्री से विश्लेषण किया जा रहा है। यानी बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाले अफसर की सूची अलग तैयार हो रही है मध्य कार्य करने वालों की सूची अलग तैयार हो रही है और खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों की सूची भी अलग तैयार हो रही है।
योजनाओं की प्रगति के आधार पर रैंकिंग
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार अब काम के आधार पर कलेक्टरों की रैंकिंग करने जा रही है। योजनाओं की प्रगति के आधार पर कलेक्टरों की रैंकिंग की जाएगी। जो काम नहीं कर पा रहे हैं, उन कलेक्टरों को जिलों से हटाया जाएगा। इसी के साथ प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय है कि जिन जिलों में राजस्व मामले सालों से लंबित हैं, उन जिलों के कलेक्टरों पर कार्रवाई हो सकती है। भोपाल, सिंगरौली, उमरिया और मुरैना कलेक्टर बदले जा सकते हैं। हालांकि भोपाल, सिंगरौली, उमरिया जिले में कलेक्टरों की पदस्थापना लोकसभा चुनाव से पहले ही हुई है। मुख्यमंत्री ने राजस्व महा अभियान-2 की जिम्मेदारी सीधे तौर पर कलेक्टर और संभागायुक्तों को सौंप दी है। संभागायुक्त नियमित रूप से अभियान की समीक्षा करेंगे। साथ ही एक पेड़ मां के नाम अभियान में भी जुटेंगे। पौधारोपण अभियान में पौधारोपण के आधार पर भी जिलों की रैंकिंग होगी।
कानून-व्यवस्था की बनेगी रिपोर्ट
कलेक्टरों की ही तरह एसपी की भी रैंकिंग की जाएगी। एसपी की रैंकिंग जिले की कानून व्यवस्था के आधार पर की जाएगी। रैंकिंग के बाद ब्यूरोकेसी में बड़ा फेरबदल हो सकता है। माना जा रहा है कि प्रदेश के 2 दर्जन अफसरों के तबादले होंगे। इनमें  कलेक्टर व एसपी भी बदले जाएंगे। मोहन सरकार अफसरों के कामकाज को देखकर ये फेरबदल करेगी। बता दें, इसे लेकर मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मंथन भी शुरू हो गया है। सरकार एक दर्जन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने की तैयारी कर रही है। सरकार कामकाज में कमजोर प्रदर्शन करने वालों पर गाज गिराएगी। ये संदेश देने के लिए सरकार तीन जिलों के एसपी को पहले ही छुट्टी पर भेज चुकी है। सरकार ने आगर मालवा, सीहोर और अशोक नगर के एसपी को छुट्टी पर भेज दिया है।

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