यस एमएलए- विकास हुआ, लेकिन पलायन कर रहे युवा

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। खंडवा जिले के मांधाता विधानसभा में मुंदी, पुनासा और ओंकारेश्वर तीन यहां के बड़े नगर हैं। मांधाता विधानसभा में ही इंदिरा सागर बांध, सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट, पर्यटक स्थल हनुवंतिया और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित हैं। इस सीट को किसी एक राजनीतिक दल का गढ़ नहीं कहा जा सकता है। यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को समय-समय पर मौका दिया है। 2003 में कांग्रेस के ठाकुर राज नारायण सिंह जीते थे। उनके बाद 2008 और 2013 में भाजपा के लोकेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। फिर 2018 में कांग्रेस के नारायण पटेल ने भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर को हराकर जीत दर्ज की।
15 महीने बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से 28 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। उस समय कांग्रेस के मान्धाता विधायक नारायण पटेल भी भाजपा में चले गए थे। फिर 2020 में हुए उपचुनाव नारायण पटेल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडक़र जीत हासिल कर कांग्रेस के उत्तमपाल सिंह को हराया था।
वर्तमान में भाजपा के नारायण पटेल मांधाता से विधायक हैं। नारायण पटेल ने साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और महज 1236 वोट के अंतर से चुनाव जीते थे। जिसके बाद मध्यप्रदेश में तख्तापलट हुआ और नारायण पटेल ने भी भाजपा ज्वाइन की। भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़े नारायण पटेल ने 22000 से ज्यादा वोटों से यहां जीत दर्ज की।
जातिगत समीकरण
मांधाता विधानसभा सीट पर मतदान में उम्मीदवारों को विजयी बनाने में अहम योगदान राजपूत, गुर्जर समाज के साथ जनजाति और नायक समाज का भी रहता है। यहां जनजाति समाज के सबसे ज्यादा मतदाता हैं, जो निर्णायक भूमिका में रहते हैं। वहीं इस सामान्य सीट पर राजपूत समाज का दबदबा ज्यादा देखने को मिला, 9 बार यहां की जनता ने राजपूत समाज के उम्मीदवार को जिताकर विधानसभा पहुंचाया। वर्तमान में पिछड़ा वर्ग के गुर्जर समाज के नारायण पटेल विधायक हैं।
विकास के अपने-अपने दावे
मांधाता विधानसभा के वर्तमान विधायक नारायण पटेल पर्याप्त विकास और रोजगार के दावे कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमने अपनी विधानसभा में जनता की सुविधाओं के लिए हर वह कार्य किया है जिससे जनता को लाभ मिल सके। किसानों के लिए सिंचाई परियोजना, करोड़ों रुपए की लागत से आदि गुरु शंकराचार्य जी की प्रतिमा का काम चल रहा है। करोड़ों रुपए की सडक़ोंं का निर्माण हो रहा है। भाजपा की सरकार में गरीब से गरीब लोगों तक सभी योजनाएं पहुंच रही हैं। किसानों के लिए पर्याप्त पानी और बिजली यहां मौजूद है। युवाओं को रोजगार के लिए पावर प्लांट मौजूद है। हमने जनता के लिए लगातार काम किया है और जनता का विश्वास जीता है। वहीं विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस यहां पर वैसी ही है, जैसी वह प्रदेश के अन्य जिलों में है। लेकिन, यहां के स्थानीय कांग्रेस नेता अपने बूते पर मजबूत है और यही कारण है जो बीते जिला पंचायत चुनाव में मांधाता विधानसभा की तीनो जिला पंचायत सीट कांग्रेस ने जीती है। इसके साथ ही कांग्रेस ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं। कांग्रेस नेता उत्तमपाल सिंह का कहना है कि मांधाता में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। कोई बड़ी कंपनी या उपक्रम नहीं जिससे यहां के लोकल युवाओं को रोजगार मिलता है। ओंकारेश्वर के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर बार-बार परेशान किया जाता है।
लोगों को नहीं मिल रहा रोजगार
मांधाता विधानसभा धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, पर्यटन और बिजली पानी हर मामले में सक्षम होने के बावजूद इस विधानसभा में विकास उस गति से नहीं हो पाया, जिस गति से होना चाहिए था। मां नर्मदा यहां मौजूद है, नर्मदा के बैक वाटर में बने पर्यटन स्थल हनुवंतिया यहां मौजूद है। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम यहां बना हुआ है। इसके साथ ही श्रीसंत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट भी यहां मौजूद है। इन सब के बाद भी इस विधानसभा को कुछ हद तक विकास तो मिला, लेकिन रोजगार के लिए आज भी यहां का युवा बाहर जाने को मजबूर है। भरपूर पानी मिलने के कारण किसानों की फसलें तो अच्छी होती है, लेकिन फसलों का उचित दाम नहीं मिलने से यहां के किसान फसलों के लिए चिंतित रहते हैं।
क्षेत्र में अबतक क्या काम हुए
ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य जी की 108 फिट की प्रतिमा का कार्य चल रहा है, पुनासा को नगर परिषद बनाया गया। मूंदी और किल्लौद को तहसील का दर्जा दिलाया। सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट, इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध यहां पर मौजूद है। गांवों में सडक़ें अच्छी है, बिजली और पानी यहां पर पर्याप्त है। मांधाता विधानसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य, युवाओं को रोजगार, भ्रष्टाचार, खराब सडक़ें और अतिक्रमण बड़े मुद्दे हैं। मांधाता विधानसभा के विषय में अगर बात करें, तो यहां लगभग सवा दो लाख मतदाता है। जिनमें राजपूत, गुर्जर और बंजारा समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक हैं।

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