
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा लगातार नई-नई रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है। पार्टी के लिए सबसे खतरनाक मानी जाने वाली अपने नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए जहां कदम उठाए जा रहे हैं, तो वहीं अब भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के बड़े और प्रभावशाली चेहरों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। यह वे चेहरे होंगे जो अपनी-अपनी पार्टी में नाराज चल रहे हैं। दरअसल अब चुनाव में कम समय रहने की वजह से भाजपा के रणनीतिकारों ने आक्रामक रुप से मैदान में उतरना तय किया है। यही वजह है कि अब मैदानी स्तर पर पार्टी के सभी बड़े दिग्गज नेता नजर आना शुरु हो गए हैं। इसके तहत पार्टी द्वारा अपने रुठे हुए नेताओंं को मनाने का दौर शुरु कर दिया गया है। इस कदम से पार्टी उन्हें दूसरे दलों में जाने से तो रोकेगी ही, साथ ही विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को भाजपा में लाने का भी प्रयास करेगी। दरअसल पार्टी के रणनीतिकार नहीं चाहते हैं कि उसके चर्चित और अपने -अपने इलाकों में प्रभावशाली नेता कांग्रेस सहित दूसरे दलों में जाएं। संगठन स्तर पर ऐसे नाराज नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है।
इस पर अमल करने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई बैठक मेें ले लिया गया है। इसी मसले को लेकर दो दिन पहले दिल्ली में भी पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक की गई थी। यह बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा ने बुलाई थी। बैठक से लौटते ही एक बार फिर प्रदेश के चारों बड़े नेताओं ने फिर बैठक कर इस रणनीति पर विचार विमर्श किया गया है। दरअसल इस साल अब तक पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी सहित कई भाजपा नेता कांग्रेस में जा चुके हैं। यही वजह है कि अब पार्टी ने ऐसे नेताओं को मनाने के लिए पूरे एक सप्ताह तक फिर से अभियान चलाने का तय किया है। इस अभियान में शिवराज, विष्णुदत्त और तोमर सहित तमाम बड़े नेता शामिल होंगेे।