हर जिले में बनेगा कम से कम एक एमएसएमई क्लस्टर

एमएसएमई क्लस्टर

– मप्र में उद्योगों को बढ़ाने का मेगा प्लान

भोपाल<गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इंडस्ट्री सेक्टर में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने और हजारों की संख्या में रोजगार पैदा करने के लिए एमएसएमई विभाग 100 एमएसएमई क्लस्टर विकसित करने के प्लान पर काम कर रहा है। हर जिले में कम से कम एक क्लस्टर होगा, जिसमें एक ही तरह के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग होंगे। एक जिला-एक उत्पाद के तहत बनाए जा रहे इन एमएसएमई क्लस्टर में  दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 13 क्लस्टरों को स्वीकृति मिली है। 11 और क्लस्टर भी स्वीकृत होने की संभावना है। वहीं राज्य सरकार 76 क्लस्टर विकसित करेगी। इनमें से 31 क्लस्टर को स्वीकृति मिल चुकी है। जानकारी के अनुसार मप्र का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 100 औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करेगा। सरकार का अनुमान है कि इन क्लस्टरों से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। फिलहाल 95 क्लस्टर चिह्नित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार के तय 76 में से 27 क्लस्टर स्वीकृत हो चुके है और 27 स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन है। शेष क्लस्टर के प्रस्ताव प्राप्त हुए है और भूमि का चिह्नांकन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा क्लस्टर का उद्घाटन कराने की तैयारी की जा रही है। क्लस्टरों के माध्यम से प्रदेश में स्टार्टअप को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र की एमएसई सीडीपी योजना के तहत कुल 13 क्लस्टर्स प्रदेशभर में स्वीकृत हो चुके हैं।
अभी 129 करोड़ रुपए का बजट
प्रदेश में अब तक औद्योगिक विकास चुनिंदा क्षेत्रों जैसे इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, देवास, पीथमपुर के आसपास होता रहा है, जिससे क्षेत्रीय असंतुलन रहा है, नए क्लस्टर खुलने से दूरदराज और छोटे शहरों, ब्लॉक तथा तहसील तक उद्योगों का विकास होगा। प्रगति की समीक्षा हर 15 दिनों में होती है। विभाग के पास एमएसएमई अधोसंरचना के लिए 129 करोड़ का बजट उपलब्ध है।
भोपाल में 4 क्लसटर्स
भोपाल में 2 निजी क्लस्टर्स को मंजूरी मिल चुकी है। खाद्य प्रसंस्करण (बैरसिया) और मल्टी स्टोरी मेडिकल डिवाइस क्लस्टर (गोविंदपुरा) शामिल है। जबलपुर का रेडीमेड गारमेंट, शिवपुरी में नेहरू जैकेट, छतरपुर में 2 फर्नीचर क्लस्टर, इंदौर-रतलाम में कई नमकीन क्लस्टर, सागर-विदिशा में कृषि उपकरणों सहित कई जिलोंं में फूड प्रोसेसिंग के क्लस्टर शामिल हैं। संचिव और कमिश्नर, एमएसएमई इंडस्ट्रीज पी. नरहरि का कहना है कि एमएसएमई पॉलिसी के तहत 100 क्लस्टर विकसित हो रहे हैं। इनसे हजारों नौकरियां पैदा होंगी। प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा।
स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन क्लस्टर
सागर के सिद्धगुवा फर्नीचर क्लस्टर, जबलपुर के भटौली में फर्नीचर क्लस्टर और कुद्वारी में नवीन गारमेंट क्लस्टर, भोपाल के ग्राम अगरिया छापर में फर्नीचर क्लस्टर, मुरैना के ग्राम हिंगोना खुर्द में खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर, बैतूल के कोसमी में बहुमंजिला औद्योगिक परिसर, नीमच के सगराना में फर्नीचर क्लस्टर, मनासा और बामनबरडी में बहु उत्पाद क्लस्टर, इंदौर मालीखेड़ी में बहुत उत्पाद क्लस्टर, हातोड़ के ग्राम मोरखेड़ा में फूड पार्क प्रालि, देवास के कालूखेड़ी में इंजीनियरिंग और बहु उत्पाद क्लस्टर, उज्जैन के नीमनबासा में इंजीनियरिंग क्लस्टर, मुरैना के मलखानपुर बानमोर में फर्नीचर और बहु उत्पाद क्लस्टर, छिंदवाड़ा के सौंसर में फर्नीचर और खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर, पन्ना के जनकपुर में डायमंड क्लस्टर, धार के सरदारपुर ग्राम अमझेरा में बहु उत्पाद क्लस्टर, बदनावर ग्राम भोइंदा में बहु उत्पाद क्लस्टर, मंदसौर के पानपुर में बहु उत्पाद क्लस्टर, धार के लम्हेरा बुजुर्ग में बहु उत्पाद क्लस्टर, भोपाल के अचारपुरा में प्लास्टिक क्लस्टर, भिंड के छीमका में बहुउत्पाद क्लस्टर।
17 क्लस्टर के प्रस्ताव आए
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 76 क्लस्टर विकसित करेगी। इनमें से 31 क्लस्टर को स्वीकृति मिल चुकी है। 1623.89 हेक्टेयर में विकसित किए जाने वाले राज्य सरकार के क्लस्टर में 14,217 करोड़ 87 लाख रुपये का निवेश किया जाएगा। इनमें 3,109 औद्योगिक इकाइयां होंगी। निजी विकासक द्वारा 19 क्लस्टर और शासकीय भूमि पर 12 क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में 17 क्लस्टरों के नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं इनमें भूमि का चिह्नांकन किया जा चुका है। इंदौर में फार्मा पार्क, खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर रंगवासा, प्लास्टिक क्लस्टर धन्नड, धार सरदारपुर बहु उत्पाद क्लस्टर, नीमच में चार बहु उत्पाद क्लस्टर सगराना, भिंड के अटेर, अशोक नगर के दियाधार, दतिया के घरावा, रतलाम के बिलपांक, मंदसौर के खजूरिया, शाजापुर के धतुरिया, खरगोन के डाबरिया, सिवनी के करहैया, आगर मालवा के जोगपुरा में बहु उत्पाद क्लस्टर के प्रस्ताव आए हैं।
दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
एक जिला-एक उत्पाद के तहत 100 से अधिक क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इससे 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। जबलपुर में  मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर में 1900 को रोजगार मिलेगा। वहीं गोविंदपुरा (भोपाल) में इंजीनियरिंग क्लस्टर  में 2250,  सनावद (खरगोन)में कृषि आधारित औद्योगिक संस्थान में 350, बैतूल में इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल औद्योगिक संस्थान में 350, अकोड़ी (बालाघाट) में लाख (राल) औद्योगिक संस्थान में 260, कचनारिया (राजगढ़) में खाद्य प्रसंस्करण औद्योगिक संस्थान में 300, मोहम्मदपुरा औद्योगिक क्षेत्र (बुरहानपुर) में 10,000, अशोक नगर में औद्योगिक क्षेत्र में 151, देवास में औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 1 में 150, उज्जैन में औद्योगिक क्षेत्र मक्सी रोड में 138,  छतरपुर में औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा में 290, सतना में औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में 100, भोपाल में औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा में 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।
1300 करोड़ का निवेश
उधर, देश की तीन प्रतिष्ठित कंपनी मध्य प्रदेश में 13 सौ करोड़ रुपये का निवेश करेगी। टेकफैब इंडिया, गुलशन पालिओल्स और ग्रीनको ग्रुप के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मंत्रालय में भेंट कर निवेश की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगों और निवेश के लिए स्वस्थ वातावरण विद्धमान है। राज्य सरकार का उद्योगों के प्रति हर संभव सहयोग और स्वागत का भाव है। मुख्यमंत्री से टेकफैब इंडिया के प्रबंध संचालक अनंत कनोई, गुलशन पालीओल्स की आरुषि जैन और ग्रीनको ग्रुप के प्रबंध संचालक अनिल चलमलसेट्टी ने भेंट की। टेक्सटाईल इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग फेब्रिकेशन में विशेषज्ञता रखने वाली टेकफैब इंडिया कंपनी मंडीदीप में 100 करोड़ रुपये के निवेश से सडक़ निर्माण में उपयोगी सामग्री की इकाई प्लग एंड प्ले आधार पर स्थापित करने की इच्छुक है। यह समूह भोपाल के पास वेयरहाउसिंग यूनिट भी स्थापित करना चाहता है। इसी तरह 40 वर्षों से अनाज और खनिजों से विशेष रसायन बना रहा 1200 करोड़ रुपये के टर्न ओवर वाला गुलशन पालिओल्स छिंदवाड़ा में डिस्टलरी प्लांट संचालित है। गुलशन पालिओल्स 200 करोड़ के निवेश से प्रदेश में रासायनिक विनिर्माण इकाई स्थापित करने का इच्छुक है, जिसमें लगभग एक हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। समूह ने इकाई के लिए नरसिंहपुर जिले में जमीन चिन्हित की है। इसी तरह नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहा ग्रीनको ग्रुप के प्रबंध संचालक चलमलसेट्टी ने नीमच जिले में 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित 1920 मेगावाट क्षमता की पम्प स्टोरेज परियोजना की क्षमता वृद्धि के संबंध में चर्चा की।

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