तेरह अफसरों पर मेहरबान बना हुआ है जल संसाधन विभाग

जल संसाधन विभाग

विभागीय जांच लटकाकर किया जा रहा है स्वायत्तों का भुगतान

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश का जल संसाधन विभाग हमेशा से ही अपनी कार्यशैली की वजह से चर्चा में बना रहता है। यह वो विभाग है, जहां पर अफसरों की मनमानी सरकारी खजाने के साथ ही नियम कायदों पर भी भारी पड़ती रहती है। यही हाल उन तेरह अफसरों के मामले में भी है, जिनके खिलाफ किसी न किसी वजह से विभागीय जांच तो शुरु की गई, लेकिन जांच आगे ही नहीं बढ़ पा रही है, लिहाजा इन जांचों में फंसे विभाग के 13 सेवानिवृत्त उपयंत्रियों के न केवल स्वायत्तों का भुगतान किया जा चुका है, बल्कि उन्हें लगातार पेंशन का भी भुगतान किया जा रहा है। यह वे इंजीनियर हैं, जो विगत एक से 11 साल पहले या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। अधिकांश विभागीय जांचें तो विभाग अथवा शासन स्तर पर ही लंबित हैं। लेकिन विभाग इन सभी उपयंत्रियों की पेंशन एवं अन्य स्वत्वों का भुगतान पर कोई आंच नहीं आने दे रहा है। जल संसाधन विभाग में जिन 13 उपयंत्रियों पर विभागीय जांच लंबित हैं, उनमें रवि कुमार मिश्रा मुख्य अभियंता, गंगा कछार, रीवा कार्यालय से 31 अक्टूबर 2020 को सेवानिवृत्त हुए हैं। इनकी विभागीय जांच मुख्य अभियंता गंगा कछार, रीवा स्तर पर लंबित है। इसी तरह से उपयंत्री समीर कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता गंगा कछार, रीवा से 31 जुलाई 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनकी जांच लोकायुक्त रीवा में जारी है।

उपयंत्री सुनील कुमार सक्सेना, मुख्य अभियंता यमुना कछार, ग्वालियर से 31 जुलाई 20 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके खिलाफ 5 मई 2023 द्वारा विस्तृत विभागीय जांच संस्थित की गई थी। प्रमोद कुमार गुप्ता, मुख्य अभियंता, यमुना कछार, ग्वालियर से 31 जुलाई 2022 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा द्वारा 28 मार्च 2018 से इनकी विभागीय जांच शुरु की गई है। उपयंत्री पी.एस. घुरैया, मुख्य अभियंता राजघाट, नहर परियोजना दतिया से 31 मार्च 2017 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनकी विभागीय जांच का प्रकरण शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। उपयंत्री राकेश शर्मा, मुख्य अभियंता राजघाट, नहर परियोजना, दतिया से 31 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनकी विभागीय जांच का प्रकरण कार्यालयीन स्तर पर चल रही है। इन सभी उपयंत्रियों की अंतिम पेंशन का भुगतान शासन द्वारा किया जा रहा है। इसी प्रकार राधेश्याम पाटीदार, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग, नर्मदापुरम द्वारा 30 अप्रैल 2012 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली जा चुकी है। इनकी विभागीय जांच का प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है।

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