
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पिछले तीन साल से बिना सदस्यों के काम कर रहे निर्माण श्रमिकों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गठित भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल को नए सदस्य मिल गए हैं। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के गठन हुए तीन साल का समय हो गया है, लेकिन सरकार को सदस्यों की नियुक्ति की सुध ही नहीं रही। ऐसे में सहज की अनुमान लगाया जा सकता है कि मंडल किस तरह काम कर रहा होगा।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने तीन साल पहले यानी 17 जनवरी 2020 को मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का गठन किया था। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का अध्यक्ष हेमंत तिवारी को नियुक्त किया गया था, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति में तीन साल लग गए। आश्चर्य यह कि आदेश जारी होने के बाद अधिसूचना प्रकाशित होने में तीन माह लग गए। अब अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि मण्डल के काम-काज में गति आएगी।
सूत्रों का कहना है कि मंडल ने सदस्यों की नियुक्ति कर 6 अप्रैल 2023 को आदेश जारी कर दिए थे। इसका राजपत्र में प्रकाशित होना भी जरूरी था। फाइल बढ़ी, लेकिन तीन माह तक विधि विभाग और श्रम विभाग के बीच यह फाइल दौड़ती रही। आखिरकार यह औपचारिकता भी पूरी हो गई। मंडल में विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ उद्योगों एवं भवन कर्मकारों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इनमें प्रोजेक्ट डेवलपमेंट कंपनी मेक्स एनर्जी सॉल्यूशन के जीएम दीपक चंसौरिया, सडक़ विकास निगम के एमडी, ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण के सीईओ, पीडब्ल्यूडी परियोजना क्रियान्वयन इकाई के परियोजना संचालक, गृह निर्माण मण्डल के आयुक्त शामिल हैं। सनिर्माण महासंघ देवास के महासचिव लोकेश विजयवर्गीय, भारतीय मजदूर संघ की सदस्य मेधा दुबे, पश्चिम क्षेत्र बिजली कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद शिंदे, इंटक के अध्यक्ष आरडी त्रिपाठी भी सदस्य बनाए गए हैं।