नेपाल में दहल सरकार के भविष्य पर संकट के बादल

दहल सरकार

काठमांडू । नेपाल के सत्ताधारी गठबंधन में दरार पड़ने के संकेत हैं। गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने हाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की खुलेआम आलोचना की है। दहल ने कुछ वामपंथी पार्टियों के साथ मिल कर ‘सोशलिस्ट फ्रंट’ का गठन किया है। इसे मुद्दे को लेकर सत्ताधारी गठबंधन के घटक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।  सत्ताधारी गठबंधन में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिस्ट) ने शुक्रवार को एक सभा का आयोजन किया। उसे संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नेपाली कांग्रेस के संपर्क में हैं। नेपाल ने दावा किया कि ओली ने नेपाली कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का प्रस्ताव रखा है। ओली प्रमुख विपक्षी दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के अध्यक्ष हैं।

नेपाल ने कहा कि क्या विडंबना है! एक कम्युनिस्ट पार्टी एक अन्य कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की कोशिश में जुटी है और सरकार बनाने के लिए दलाल पूंजीवादी शेर बहादुर देउबा से हाथ मिलाने को तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री देउबा नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। सत्ताधारी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ही है। संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में भी सबसे बड़ा दल नेपाली कांग्रेस ही है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक माधव कुमार नेपाल के आरोप में दम है। नेपाली कांग्रेस और यूएमएल एक नया राजनीतिक गठबंधन बनाने की संभावना पर अनौपचारिक बातचीत कर रहे हैं। नेपाली कांग्रेस के एक नेता अपना नाम ना छापने शर्त पर अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘नेपाली कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने यूएमएल के साथ अनौपचारिक बातचीत की है। यह बातचीत अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन पर्यवेक्षकों ने कहा है कि इस बातचीत को देउबा की तरफ से हरी झंडी ना हो, यह संभव नहीं है।

इस सिलसिले में नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा के एक बयान को भी अहम समझा जा रहा है। अखबार कांतिपुर डेली ने इस बारे में थापा से सवाल पूछा। तब उन्होंने ऐसी बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया।

देउबा फिलहाल इलाज कराने सिंगापुर गए हुए हैं। बताया जाता है कि वामपंथी दलों के सोशलिस्ट फ्रंट बना लेने से नेपाली कांग्रेस के नेता खफा हैं। यूएमएल इससे बने माहौल को हवा दे रही है। यूएमएल के ह्विप महेश बरतौला ने कहा है कि प्रधानमंत्री दहल ने सोशलिस्ट फ्रंट बना कर गठबंधन के अंदर गठबंधन बना लिया है। इससे नेपाली कांग्रेस चौंक गई है। इस घटना ने सत्ताधारी गठबंधन के अंदर अविश्वास और असंतोष पैदा कर दिया है।

सोशलिस्ट फ्रंट के गठन के एलान बीते सोमवार को किया गया। इसमें प्रधानमंत्री दहल की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर), यूनिफाइड सोशलिस्ट, जनता समाजवादी पार्टी और नेत्र बिक्रम चंद विप्लव के नेतृत्ववाली कम्युनिस्ट पार्टी-नेपाल शामिल हैँ। इन दलों के साझा तौर पर प्रतिनिधि सभा में 54 सदस्य हैं। बरतौला ने कहा कि माओइस्ट सेंटर प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और वही सरकार का नेतृत्व कर रही है। इस रूप में वर्तमान सरकार एक अस्वाभाविक सरकार है।

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