ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 2 साल में बैंकों को लगाया 6524 करोड़ का चूना

ट्रांसपोर्ट कंपनी
  • आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क कंपनी का कारनामा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क कंपनी ने 19 बैंकों को तकरीबन साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए की चपत लगाई है। कंपनी का गुनाह बैंक की आडिट में सामने आया है। उसके बाद मामला सीबीआई तक पहुंचा है। सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में कंपनी के एमडी व मुंबई के रहने वाले करुणाकरण रामचंद्र, डायरेक्टर दीपक दासगुप्ता, मुकुंद गुंजन सापरे और दिलीप भाटिया को नामजद आरोपी बनाया गया है। कंपनी से जुड़े कुछ अन्य लोगों को भी सीबीआई ने जांच के दायरे में लिया है। सीबीआई ने यह कार्रवाई केनरा बैंक के चीफ जनरल मैनेजर भवेश कुमार की शिकायत पर शुरू की है। आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क कंपनी ने 19 बैंकों को तकरीबन 6 हजार 524 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगाई है। कंपनी ने चतुराई दिखाते हुए बैंक के सामने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था। इसके लिए कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था। मामले में शिकायत करने से पहले कंपनी की 348 सब कंपनियों का फोरेंसिक आडिट कराया गया था । आडिट में मामला सही पाए जाने पर सीबीआई ने प्रकरण दर्ज किया है। आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क कंपनी मेट्रो रेल, सिटी बस और बॉर्डर चेक पोस्ट सहित कई दूसरे बड़े कार्यों से जुड़ी है। इस कंपनी ने वर्ष 2017 में केनरा बैंक से 500 करोड़ रुपए का लोन लिया था। उसके अलावा 18 अन्य बैंकों से भी लगभग 6,000 करोड़ रुपए का लोन लिया था। फिर कंपनी ने वर्ष 2018 में खुद को एनपीए घोषित कर दिया। उसके बाद वर्ष 2021 में कंपनी के इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। बाद में पता चला कि बैंकों का ऋण नहीं चुकाना पड़े, इसलिए कंपनी ने केनरा के साथ दूसरे बैंकों में भी खुद को दिवालिया घोषित कर लिया है। जांच में कंपनी के डायरेक्टर की मिलीभगत पाई गई है। ऐसा इसलिए कि लोन लेने के बाद कंपनी ने राशि को दूसरी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया था। यह राशि सब- कांट्रेक्टर के खातों में भी ट्रांसफर की गई है, जबकि सब कंपनियों ने कंपनी का कोई काम नहीं किया था। जांच से जुड़े अफसरों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच किए बिना राशि ट्रांसफर की गई है, यह भी सीधे तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है। अफसरों की माने तो इस मामले में सभी बैंकों के अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे, उसके बाद कई और अहम खुलासे होने के आसार हैं।

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