भारत से हमारे रिश्ते मजबूत हुए: अमेरिका

 अमेरिका

वाशिंगटन। एक साल से चल रहा रूस यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में अमेरिका ने रूस से युद्ध को रोकने की अपील की है। साथ ही भारत से भी आग्रह किया कि वह रूसी राष्ट्रपति को युद्ध से पीछे हटने को कहें। हालांकि बाइडन प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि इस युद्ध का अमेरिका-भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने गुरुवार को कहा कि रूस-युक्रेन युद्ध ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को तोड़ने के बजाय वास्तव में मजबूत किया है। उन्होंने आगे कहा कि यह सच है कि हमने हमेशा यूक्रेन में रूस के युद्ध के लिए समान दृष्टिकोण साझा नहीं किया है। लेकिन हम इस बात को साझा करते हैं कि यह युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए।

डोनाल्ड लू ने कहा कि रूस के साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं। इसलिए भारत से आग्रह है कि वह व्लादिमीर पुतिन से अपने युद्ध को समाप्त करने और यूक्रेनी क्षेत्र से हटने पर बात करें। उन्होंने आगे कहा कि हम भारत से सहमत हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान बातचीत से निकाला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन में मानवीय सहायता प्रदान की है। इसका हम स्वागत करते हैं। साथ ही बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में वार्ता और कूटनीति के आह्वान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के पहले दिनों से भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच निरंतर बातचीत हुई है। यह सहयोग जारी रहेगा। हमें उम्मीद है कि भारत इस युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों और अपने प्रभाव का उपयोग कर सकता है।

लू ने आगे कहा कि हमें पता है कि हमारा एक मत नहीं है युक्रेन युद्ध को लेकर, लेकिन हमने शुरू से ही एक दूसरे से बात करके समाधान निकाला है। शायद भारत ने महसूस किया होगा कि हमने किस तरह उनके बच्चों को बाहर निकलवाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेनी युद्ध ने हमारे संबंधों को तोड़ा नहीं, बल्कि हमारे संबंधों को मजबूत किया है। 

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