जिन योजनाओं को कमलनाथ ने किया बंद वे फिर होंगी शुरू

– अब नए कलेवर में लागू होगी मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। खाली खजाने का हवाला देकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने 15 माह के शासनकाल के दौरान जिन-जिन योजनाओं को बंद किया था अब शिवराज सरकार उन्हें फिर से शुरू करेगी। गौरतलब है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने हर शासनकाल में जनपयोगी योजनाएं क्रियान्वित की है।  मार्च 2020 में सरकार बनने के बाद शिवराज सरकार ने बंद की गई कई योजनाओं को शुरू कर दिया है। इसका लाभ लाखों लोगों को मिला है। इस क्रम में अब बारी किसानों से जुड़ी मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना की है। विधानसभा चुनाव से पहले ये योजना भी प्रदेश में लागू होगी। ऊर्जा विभाग ने इस योजना को लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी है।
दरअसल, वर्ष 2018 के आखिर में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो सरकार ने एक-एक कर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की कई योजनाओं को बंद कर दिया। ज्यादातर योजनाओं को बंद करने के लिए कोई घोषित कारण तो नहीं बताया कि लेकिन खजाना खाली मिला है, जैसे शब्द अक्सर ही राजनीतिक गलियारों में सुनाई देते थे। 15 माह के शासन के बाद सरकार बदली और फिर प्रदेश में मार्च 2020 में भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई। उसके बाद भाजपा सरकार ने एक बार फिर कांग्रेस के समय बंद योजनाओं को शुरू करने का सिलसिला शुरू किया। प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं प्रदेश में अक्टूबर से रबी सीजन शुरू हो जाता है। रबी सीजन के दौरान ही किसान कनेक्शन लेते हैं। यदि सरकार अभी ये योजना लागू करती है तो इसका फायदा अगले रबी सीजन के दौरान किसानों को मिलने लगेगा, वह भी ठीक विधानसभा चुनाव के समय नवंबर-दिसंबर में तो रबी सीजन में बिजली की मांग सबसे अधिक होगी।
जून 2019 में बंद कर दी योजना
दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सरकार बनने के महज 7 माह के भीतर ही भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना को जून 2019 में बंद कर दिया था। इस योजना को बंद करने के लिए कांग्रेस सरकार ने कोई कारण नहीं बताया था। बस योजना से किनारा कर लिया था। उसके बाद से अब लगभग 4 वर्ष से ये योजना बंद ही पड़ी है। अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है। प्रदेश में इसी वर्ष नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार ने किसानों को साधने के लिए उठाए जा रहे कई कदमों की कड़ी में इस योजना को शुरू करने की तैयारी कर रही है। जिससे कि किसानों में किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं रहे। ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना फिर शुरू करने का प्रस्ताव अब कभी भी कैबिनेट में पेश किया जा सकता है।
60 हजार की सब्सिडी का प्रावधान
योजना के तहत किसानों को 5 एचपी का स्थाई कनेक्शन लेने पर प्रति एचपी 12 हजार के हिसाब से 60 हजार रुपए ही देना होगा। बाकी होने वाला खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी। ऊर्जा विभाग के मुताबिक किसानों को 5 एचपी का स्थाई बिजली कनेक्शन देने पर लगभग दो लाख 30 हजार रुपए का खर्च आता है। ऐसे में किसानों को 5 एचपी के लिए स्थाई कनेक्शन लेने पर लगभग एक लाख 60 हजार रुपए की सब्सिडी राज्य सरकार देगी। पहले ये खर्च बिजली वितरण कंपनियां करेगी। कंपनियों द्वारा कनेक्शन देने के बाद सब्सिडी की राशि कंपनियों को दी जाएगी। प्रदेश के किसान विशेषकर रबी सीजन के लिए बिजली का अस्थाई कनेक्शन लेते हैं। हालांकि अस्थाई कनेक्शन महंगा पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा किसानों को सिंचाई के लिए स्थाई बिजली कनेक्शन देने की पक्षधर है। प्रदेश में 22 लाख 74 हजार से अधिक अस्थाई कनेक्शन वाले किसान है, वही स्थाई कनेक्शन लेने वाले किसानों की संख्या 33 लाख 24 हजार से ज्यादा है। ऐसे में प्रदेश में अभी बड़ी संख्या में किसानों के अस्थाई कनेक्शन को स्थाई करने की संभावना बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए ही सरकार चुनाव से पहले नए कलेवर के साथ मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना लागू करने की तैयारी में है। अभी स्थाई कनेक्शन लेना महंगा पड़ रहा है। इसलिए स्थाई कनेक्शनधारी किसानों की संख्या में लगभग ठहराव बना हुआ है, लेकिन नई योजना लागू होने से स्थाई कनेक्शनधारी किसानों की संख्या बढ़ सकती है।

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