भुगतान में देरी की समस्या हुई समाप्त

कोषालय

प्रदेश के सभी कोषालय ई-कुबेर से जुड़े…

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। आज से प्रदेश के सभी कोषालय सीधे रिजर्व बैंक के ई-कुबेर सिस्टम से जुड़ गए हैं। इस सिस्टम के शुरू होने से सारे भुगतान और रिफंड के काम अब एक से दो घंटे में हो सकेंगे। मध्यप्रदेश में अब आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम और ई-कुबेर सिस्टम से ही सारे भुगतान होंगे। इसका फायदा सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों, कर्मचारियों, पेंशनर्स को होगा । भुगतान में देरी की समस्या समाप्त होगी। चंद मिनटों पर हितग्राहियों के खाते में रकम पहुंच जाएगी। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में भी देरी नहीं होगी। मौजूदा व्यवस्था के तहत राज्य का बजट ऑनलाइन है। विभागों से बजट प्रस्ताव ऑनलाइन मंगाने के साथ ही बजट आवंटन भी ऑनलाइन होता है। वेतन, पेंशन भी बैंक खाते में ऑनलाइन पहुंच रही है। इस व्यवस्था में कुछ खामियों से कई बार भुगतान या रिफंड में देर होती थी। अब नई व्यवस्था से ये दिक्कतें दूर हो जाएंगी। अभी तक कोषालयों से होने वाले भुगतान में होने वाली लंबी प्रक्रिया से निजात मिल सकेगी और आधार आधारित भुगतान प्रणाली से वास्तविक हितग्राही के खाते में राशि पहुंचाना आसान होगा। इससे गलत व्यक्ति के पास भुगतान होने, भुगतान में देरी और गलत भुगतान के मामलों में होने वाले रिफंड में लगने वाला समय कम होगा। अब दिन की बजाय चंद घंटों में यह काम हो जाएंगे।
अब प्रदेश में भुगतान के दो सिस्टम:  वित्त विभाग के सचिव तथा आयुक्त कोष एवं लेखा ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि मध्यप्रदेश कोषालय में आधार आधारित भुगतान करने वाला देश का पहला अग्रणी राज्य हो गया है। अब प्रदेश में भुगतान के दो सिस्टम काम करेंगे। एक आधार बेस्ड एसबीआई का सिस्टम होगा जिससे आधार से लिंक बैंक खातों में दो से तीन घंटों में नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया के सिस्टम से भुगतान होंगे। दूसरा सिस्टम ई कुबेर सिस्टम से कोषालयों के जरिए सीधे भुगतान करने का रहेगा। इसमें अलग से बैंक खाते रखने की जरुरत नहीं होगी। सीधे आरबीआई के खाते का उपयोग ई कुबेर सिस्टम में किया जाएगा। एनईएफटी के जरिए भुगतान होगे और यह सिस्टम चौबीस घंटे काम करेगा। इसमें दस हजार खातों में भुगतान की लिमिट भी बाधक नहीं रहेगी एक साथ पचास हजार लोगों के बैंक खातों में भुगतान हो सकेगा। खाते मैच नहीं होने और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण भुगतान असफल होने की स्थिति में ऐसे भुगतान को तुरंत चिन्हित कर उनमें दोबारा राशि भेजना भी घंटों में हो जाएगा।
फेसलेस भुगतान भी करने की तैयारी
मौजूदा एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली की जगह अब फेसलेस, पेपरलेस, कांटेक्टलेस और कैशलेस वित्तीय भुगतान को लागू करने के लिए यूजर फ्रैंडली सिस्टम को विकसित करने के लिए आईएफएमआईएस नेक्स्ट जेन का विकास किा जा रहा है। अभी तक जो भुगतान होते थे उसमें आईएफएमएस  से होने वाले भुगतान में एसबीआई में भुगतान अटक जाने पर बैंक अगले दिन दिखाता था। उसके बाद आरबीआई उसके अगले दिन दिखाता था। एजी भी पूछता था और वित्तीय समस्या होती थी। केसिंलेशन के मामले में भी देरी होती थी।  भुगतान होंने पर बिल जनरेट होता था। एसएमएस आता था और अगले दिन भुगतान होता था।  गलत चालान आ जाने पर बाउचर बनते थे और गलत रिफंड वापस होंने में समय लग जाता था। अब इन सभी समस्याओं से निजात मिलेगी और सारे भुगतान और रिफंड एक से दो घंटे में बल्क में हो सकेंगे। जल्दी भुगतान होगा, सही हितग्राही को भुगतान होगा और एक साथ हजारों लोगों को त्रुटिरहित भुगतान हो सकेगा। कोषालय से बैच के रुप में आपरेट सिस्टम बंद कर नई प्रणाली के जरिए वित्तीय भुगतान के जरिए हितग्राहियों को एक से दो घंटे में भुगतान हो सकेगा।
अभी लग जाते थे दो से पांच दिन
नई व्यवस्था से सरकारी खजाने यानी ट्रेजरी से होने वाले लेन-देन से बैंक से बाहर हो जाएंगे। सारी प्रक्रिया रिजर्व बैंक के पोर्टल पर ही होंगी। इसका लाभ राज्य सरकार को मिलेगा। लेन-देन की राशि दो घंटे के अंदर खजाने में आ जाएगी। अभी इसमें कई बार दो से पांच दिन लग जाते हैं। बैंक से राजस्व की राशि अक्सर समय पर सरकारी खजाने में ट्रांसफर नहीं होने से अनावश्यक परेशानी होती है। राशि बैंक में फंसी रहने से ब्याज का नुकसान होता है। ई-कुबेर लागू होने से प्रदेश के सभी ई-भुगतान तेजी से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगे। प्रणाली सभी कार्य दिवस में 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। ई-कुबेर से किसी भी विभाग का वेतन व पेंशन मिनटों में खाते में पहुंच जाएगा। हितग्राहियों के बैंक खातों में राशि पहुंचने की देरी समाप्त होगी। 

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