
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश से गफलत…
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में वर्ष 2023 के लिए घोषित की गई सरकारी छुट्टियों ने प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को असमंजस में डाल दिया है। दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग ने एक तरफ सप्ताह में 5 दिन काम और शनिवार-रविवार को अवकाश का निर्देश जारी किया है। वहीं एक अन्य आदेश में त्योहारों एवं जयंतियों की जानकारी नहीं दी गई है, जबकि शनिवार को पड़ने वाले अवकाश की जानकारी दी गई है। इससे सरकारी अधिकारी गफलत में हैं कि अगर शनिवार-रविवार को अवकाश है, तो फिर इसका जिक्र क्यों किया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 के लिए शासकीय अवकाश की घोषणा कर दी है। इसमें खास बात है कि सामान्य प्रशासन ने एक दिन में दो तरह के आदेश जारी किए। एक आदेश में पांच दिन के शासकीय कार्यालय को यथावत रखा है यानी शनिवार को अवकाश रखा गया है। वहीं अगले साल की सरकारी छुट्टियों की लिस्ट में रविवार को पड़ने वाले त्योहारों एवं जयंतियों की जानकारी तक नहीं दी गई है, जबकि शनिवार को पड़ने वाले अवकाश की जानकारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर 5 फरवरी को संत रविदास जयंती और 12 नवंबर को दीपावली है। दोनों दिन रविवार है। प्रकाशित राजपत्र में कहा गया कि ये दिन रविवार होने के कारण अलग से छुट्टी के दिन घोषित नहीं किए गए हैं। 12 नवंबर रविवार को दिवाली होने से छुटटी का दिन घोषित नहीं किया गया। वहीं शनिवार को पड़ने वाले अवकाश जैसे महाशिवरात्रि 18 फरवरी, परशुराम जयंती, ईद उल फितर 22 अप्रैल, मोहर्रम 29 जुलाई और महर्षि वाल्मीकि जयंती 28 अक्टूबर को अवकाश घोषित किए गए हैं।
अधिकारी-कर्मचारियों को मौजा ही मौजा: वर्ष 2023 के घोषित अवकाशों में कर्मचारियों को दो दिन की लीव लेने पर छह दिन की छुट्टी मिलने का भी अवसर मिलेगा। जैसे 4 अप्रैल को महावीर जयंती है। पांच को हाटकेश्वर जयंती का ऑप्शनल अवकाश है। शुक्रवार 14 अप्रैल को डॉ. अम्बेडकर जयंती और बैसाखी की जनरल छुट्टी है। शनिवार और रविवार को सरकारी अवकाश है। इसके अलावा शुक्रवार को अवकाश होने पर शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलने का मौका है। जैसे कि 6 जनवरी को महर्षि गुरु गोकुलदास महाराज का जन्म दिन है। 27 जनवरी को देव नारायण जयंती मनाई जाएगी। 3 फरवरी को हजरत अली का जन्म दिन मनाया जाएगा। 24 फरवरी शबरी जयंती पड़ रही है। 14 अप्रैल को विशु है। इस दिन एक ऑप्शनल अवकाश लेने पर चार दिन का मौका मिलेगा। 21 अप्रैल को जमात-उल-विदा है। 2 जून बड़ा महादेव का पूजन किया जाएगा। 22 सितंबर नवाखाई, 13 अक्टूबर प्राणनाथ जयंती, 3 नवंबर डॉ. सैयदना साहब का जन्म दिन मनाया जाएगा। इसके अलावा 24 नवंबर को गुरु तेगबहादुर के शहीदी दिवस पर ऑप्शनल अवकाश तय किया गया है। वहीं गुड फ्राइडे 7 अप्रैल को मनाया जाएगा। इसके बाद 5 मई को बुद्ध पूर्णिमा का सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। बताया गया कि प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को इन 62 ऐच्छिक छुट्टियों में से उनकी इच्छानुसार तीन दिन की छुट्टियां दी जाएंगी, उससे अधिक नहीं ।
दफ्तरों के पांच दिन कार्य के किए नियम
प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों को अब साल में 26 छुट्टियां एक्सट्रा मिलेगी। कोविड की आड़ में अधिकारियों ने अपना फायदा देख सरकारी दफ्तरों के पांच दिन लगाने के नियम को आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दिया है। इस संबंध में सचिव सामान्य प्रशासन डॉ. श्रीनिवास वर्मा द्वारा आदेश जारी किए जा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के पहले तक प्रदेश के सरकारी दफ्तर सप्ताह में छह दिन सोमवार से शनिवार लगते थे। इस दौरान दफ्तरों का समय सुबह 10.30 से 5.30 बजे तक रहता था। कोरोना को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के सप्ताह में पांच कार्यदिवस (सोमवार से शुक्रवार) कर दिए। साथ ही दफ्तरों का समय बढ़ाकर सुबह 10 बजे से 6 बजे तक कर दिया। पांच दिन के कार्यदिवस की व्यवस्था के संबंध में 10 जून 2022 को आदेश निकाले गए थे। इसके बाद कोविड की आड़ में समय-समय पर आदेश को दो माह तीन माह के लिए बढ़ाते रहे। वर्तमान में उक्त आदेश 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा था। इसके पहले 20 दिसंबर मंगलवार को सामान्य प्रशासन ने एक बार फिर से आदेश जारी कर पांच दिनी सरकारी दफ्तरों के कार्य को आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दिया है। इस आदेश के बाद प्रदेश के सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की 26 छुट्टियां एक्स्ट्रा हो गई है। अब प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी सोमवार से शुक्रवार तक कार्यदिवस में नौकरी करेंगे।
सभी विभागों में थंब इंप्रेशन मशीन खराब
पांच दिनी कार्यदिवस में मप्र के सरकारी दफ्तरों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक है। लेकिन दस बजे के समय पर अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी पहुंचते ही नहीं है। इतना ही नहीं ऑफिस के शाम छह बजे छूटने के पहले निकल जाते हैं। इसे रोकने के लिए प्रदेश के कई सरकारी दफ्तरों में थंब इंप्रेशन मशीन लगाई गई थी, लेकिन लगभग सभी दफ्तरों में यह मशीन खराब पड़ी हुई है। जिससे अधिकारियों-कर्मचारियों के समय पर दफ्तर आने की कोई मानिटरिंग नहीं होती है।