आबकारी अफसरों की पदस्थापना में फिर भारी पड़ी अफसरशाही

आबकारी अफसरों
  • सजा की जगह बतौर इनाम रखा गया अफसरों की पंसद का ध्यान

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। दो माह पहले जिन आबकारी अफसरों को मुख्यमंत्री- शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए  निर्देश पर हटाना पड़ा था, उनकी पदस्थापना एक बार फिर से मलाईदार जगह पर कर दी गई है। प्रदेश में यह पहला मामला नहीं है बल्कि, बीते एक साल में इस तरह के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। अब इसको लेकर कहा जा रहा है कि प्रदेश में सजा के तौर पर इनाम देने की नई पंरपरा शुरू की जा चुकी है।
    इसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए तो अब आबकारी महकमे में ईमानदारी व नियमों की धज्जियां तक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसका उदाहरण है धार एसी के पद पर विक्रमदीप सांगर की दोबारा से पदस्थापना की जाना। विभाग में एक ही पद पर दुबारा पदस्थापना के मामले बहुत ही काम दिखते हैं। इसी तरह से एक अन्य अफसर संजय तिवारी को मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो माह पहले मैदानी पदस्थापना से हटा दिया गया था , लेकिन अब उन्हें आयुक्त कार्यालय ग्वालियर से उपायुक्त संभागीय उड़दस्ता उज्जैन बना दिया गया है। इस जारी आदेश में मुकेश नेमा उपायुक्त आबकारी कार्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर को उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता इंदौर तथा वीरेन्द्र कुमार सक्सेना उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता उज्जैन को उपायुक्त आबकारी कैंप आफिस भोपाल बनाया गया है। के सी अग्निहोत्री सहायक आयुक्त आबकारी मुख्यालय ग्वालियर को प्रभारी उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता जबलपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
    नए तथ्यों की जांच के निर्देश
    आबकारी विभाग के  सहायक आयुक्त आलोक खरे के भ्रष्टाचार की जांच में और वक्त लग सकता है। ऐसा इसलिए की जांच के बाद लोकायुक्त के पास चालान पेश करने के लिए पहुंची फाइल में कुछ नए तथ्यों की जांच करने का निर्देश देकर फाइल लौटा दी गई है। इससे साफ है कि लोकायुक्त संगठन मौजूदा जांच से सहमत नहीं है। लोकायुक्त संगठन पुलिस ने 15 अक्टूबर 2019 को खरे के भोपाल, इंदौर, छतरपुर, ग्वालियर और रायसेन के सात ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान खरे की लगभग करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला था। खरे के ठिकानों से सौ एकड़ से अधिक जमीन के दस्तावेज, 21 लाख रुपए नगद, डेढ़ किलो सोने और तीन किलो चांदी के जेवरात मिले थे। लगभग दो दर्जन मकान, दुकान और प्लाट की भी जानकारी मिली थी।
    बहाल कर बनाया जिले का प्रभारी
    जिला आबकारी अधिकारी अलीराजपुर के पद से 26 अगस्त 2021 को स्थानांतरित कर संभागीय उड़नदस्ता कार्यालय उज्जैन पदस्थ किए गए विनय रंगशाही ने नई पदस्थापना पर ज्वाइन नहीं किया था। इस कारण राज्य सरकार ने रंगशाही को 3 फरवरी 2022 को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद रंगशाही 17 मार्च 2022 को कार्य पर उपस्थित हो गए थे। उन्होने 5 मई 2022 को आरोप पत्र का जवाब दिया। अब राज्य सरकार ने रंगशाही को बहाल कर जिला आबकारी अधिकारी विदिशा के पद पर पदस्थ किया है।

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