
- सत्ता के शीर्ष वीवीआईपी को वन विहार में सफारी नहीं कराने की गाज अब डायरेक्टर पर गिरी
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। सत्ता के शीर्ष स्तर के एक वीवीआईपी को बारिश के मौसम में वन विहार की सफारी कराने से मना करने पर मुख्य वन संरक्षक हरीश कुमार गुप्ता को संचालक पद से हटा दिया। इसके पहले वनबिहार में एसडीओ अनिल कुमार जैन को सेवानिवृत्ति के 6 महीने शेष रहते हुए भोपाल से हटाकर कान्हा नेशनल पार्क स्थानांतरित कर दिया गया। जैन के तबादले से हुई विभाग की आलोचना के कारण ही तब वन विहार के संचालक को हटाया नहीं जा सका था। लेकिन यह तय हो गया था कि वन विहार के संचालक पद से गुप्ता को हटाया जाना है।
प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल की नाराजगी का खामियाजा वन विहार के संचालक हरीश कुमार कुमार गुप्ता को भुगतना पड़ा। उन्हें वन विहार के संचालक पद से हटाकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय सतपुड़ा भवन में अटैच किया गया है। जबकि मुख्यालय स्थित अनुसंधान विस्तार शाखा, वित्त और प्रशासन-2 जैसे महत्वपूर्ण शाखाएं प्रभार में चल रही है। यही नहीं, मुख्य वन संरक्षक के 3 पद इंदौर, होशंगाबाद और छतरपुर के रिक्त है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व में गुप्ता को होशंगाबाद सर्किल में पदस्थ किए जाने का प्रस्ताव विभाग की ओर से प्रस्तावित किया गया था किंतु प्रमुख सचिव वर्णवाल की नाराजगी के कारण ही उन्हें मुख्यालय में बिना किसी उत्तरदायित्व सौंपे पदस्थ किया गया है। वन विहार में गुप्ता की जगह पर वन मंत्रालय में सचिव रहीं पदमा प्रिया को नया संचालक बनाया गया है।
अब भी रिक्त है सीसीएफ, डीएफओ के पद
वन विभाग में एक और पदस्थापना आदेश जारी होने की प्रतीक्षा की जा रही है। इसकी वजह यह है कि वन विभाग में इंदौर ,छतरपुर और होशंगाबाद सर्किल में सीसीएफ के 3 पद और 4 डीएफओ के पद अब भी रिक्त हैं। इनमें छिंदवाड़ा पश्चिम, मंडला पश्चिम, अशोकनगर और राजगढ़ शामिल है। यही नहीं उत्पादन शाखा में भी डीएफओ के कई पद रिक्त पड़े हैं।
फिर की गई आदिवासी प्रमोटी अनदेखी की अनदेखी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा नाराजगी जताने के बाद भी वन विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों ने एक बार फिर प्रमोटी आदिवासी आईएफएस की अनदेखी की। शुक्रवार को जारी तबादला आदेश में तीन डीएफओ के स्थानांतरण किए गए, किंतु 7 महीने पहले राज्य वन सेवा से आईएफएस बने ओमकार सिंह मरकाम का नाम तबादला सूची में नहीं था। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रमोटी आदिवासी आईएफएस की पदस्थापना करने की सिफारिश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी। मंत्रालय के अफसरों ने मरकाम का नाम तबादला सूची से हटा दिया । सूत्रों की मानें तो आदिवासी आईएफएस की पदस्थापना नहीं होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नाराजगी जता चुके हैं।
विभागीय मंत्री पर भारी पड़े प्रमुख सचिव
शुक्रवार को जारी आईएफएस अफसरों की तबादला सूची पर नजर डालें तो अधिकतर आईएफएस अफसरों को मनचाही पोस्टिंग प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल की कृपा से मिली है। वन विभाग में तबादलों के खेल में प्रमुख सचिव वर्णवाल अपने वन मंत्री विजय शाह पर भारी पड़ रहे है। एपीसीसीएफ महेंद्र सिंह धाकड़, एपीसीसीएफ हरिशंकर मोहंता, श्रीमती कोमालिका मोहंता, पदमा प्रिया और राखी नंदा को मनचाही पोस्टिंग प्रमुख सचिव की मेहरबानी से मिली है। दिलचस्प यह भी है कि वन मंत्री विजय शाह अपने पसंदीदा अफसर को इंदौर सर्किल में सीसीएफ के पद पर पदस्थ कराना चाह रहे थे ,किंतु प्रमुख सचिव वन मंत्री के द्वारा सुझाए गए नाम पर अड़ गए। दोनों के बीच चले विवाद के कारण इंदौर में किसी भी अधिकारी की मुख्य वन संरक्षक के पद पर पोस्टिंग नहीं हो पाई। अब चर्चा है कि बालाघाट सीसीएफ नरेंद्र कुमार सनोडिया को इंदौर का सीसीएफ बनाया जा रहा है। प्रमुख सचिव अपने चहेते अफसर मयंक चांडीवाल को देवास वन मंडल में पदस्थ कराने पर अड़े हैं। दूसरी सूची में चांडीवाल की पदस्थापना का प्रस्ताव है।