मैं राजपक्षे परिवार का नहीं, जनता का मित्र हूं: रानिल विक्रमसिंघे

 रानिल विक्रमसिंघे

बिच्छू डॉट कॉम।  श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुन लिए गए। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की। सांसदों ने मंगलवार को उम्मीदवारों के रूप में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत तीन नामों का प्रस्ताव किया था। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ प्रदर्शनकारी फिर उमड़ पड़े हैं और उनका विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शन के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने देशवासियों से कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं। दरअसल, श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शासन की प्रणाली में बदलाव लाने का संकल्प जताया। हालांकि इससे पहले मई में उन्होंने प्रधानमंत्री पद भी संभाला था और अब विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन पर इस नई भूमिका में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने, आर्थिक उथल-पथल को दूर करने और एक बंटे हुए देश को फिर से एकजुट करने का सबसे बड़ा दारोमदार है।

एक रिपोर्ट में बताया कि विक्रमसिंघे 45 साल से संसद में हैं और उन्हें राजनीतिक हलकों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है जो दूरदर्शी नीतियों से अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है। राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद विक्रमिसंघे बुधवार को कोलंबो के सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक गंगाराम मंदिर भी गए थे। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं। हालांकि विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं।

विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे। यह पूछे जाने पर कि विक्रमसिंघे राजपक्षे परिवार से अलग कैसे होंगे क्योंकि वह उनके पुराने मित्र हैं, नए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं राजपक्षे परिवार का पुराना मित्र कैसे हूं, मैं उनका विरोध करता रहा हूं। मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं, मैं जनता का मित्र हूं। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पहले पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे के साथ काम किया है। वह किसी और पार्टी की थीं और मैं किसी और पार्टी का हूं। मेरे लिए किसी दूसरी पार्टी के राष्ट्रपति के साथ काम करने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनका मित्र हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि वह ऐसा बदलाव लाएंगे, जो लोग चाहते हैं और यह जरूरी भी है। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह अपनी यूनाइटेड नेशनल पार्टी को मजबूत करने के अवसर पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री के कार्यालय पर जबरन कब्जा जमाना गैरकानूनी है और ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रदर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए। हम उनसे बातचीत भी कर सकते हैं।

Related Articles