भारतीय संस्कृति से रूबरू होंगे कई देशों के स्वयंसेवक

भारतीय संस्कृति
  • भोपाल शुरू प्रशिक्षिण वर्ग, भागवत भी करेंगे मार्गदर्शन

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की राजधानी भोपाल में आधा सैकड़ा देशों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वंयसेवकों का बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग आज  रविवार से शुरू हो गया है।  इसमें  अमेरिका और यूरोप के साथ इस्लामिक देशों के स्वयं सेवक भाग ले रहे हैं।  इन स्वयंसेवकों को स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ भी एक सप्ताह तक उनके घरों में रहने की व्यवस्था की गई है , जिससे वे भारतीय पंरपरा और  संस्कृति से रुबरु हो सकेंगे।
इस शिविर के अंत में संघ प्रमुख भी भोपाल आकर उनका मार्गदर्शन करेंगे। यह वे स्वयंसेवक हैं जो एनआरआई है या फिर विदेशों में कई पीढ़ियों से जाकर रहने वाले परिवारों से वास्ता रखते हैं। इन विदेशी स्वयं सेवकों को कामकाज संबंधी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। यह पहला अवसर है जब करीब आधा सैकड़ा देशों में राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और योग-ध्यान की अलख जगा रहे महिला विंग और हिंदू स्वयं सेवक संघ के वॉलंटियर्स का विशेष प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किया जा रहा है। दरअसल आरएसएस का विश्व विभाग दूसरे करीब 4 दर्जन देशों में सामाजिक और बौद्धिक गतिविधियां संचालित करता है।
500 से अधिक स्वयंसेवक
भोपाल में इस बार हिंदू स्वयंसेवक और महिला सेविका समिति के क्रमश: 10 दिन एवं एक सप्ताह के विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। ट्रेनिंग के लिए संघ के विषय विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम भी डिजाइन कर लिया है। दोनों शिक्षा वर्ग में 500 से अधिक स्वयंसेवक और स्वयं सेविकाएं और उनके परिजन शामिल होंगे। दोनों प्रशिक्षण वर्ग अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं। संघ के सूत्रों का कहना है कि दो साल बाद संघ का शताब्दी वर्ष आ रहा है।  शताब्दी वर्ष भारत सहित अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इसलिए संघ के इस शिक्षा वर्ग को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं। प्रशिक्षण वर्ग में अमेरिका, आष्ट्रेलिया, डेनमार्क, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, नेपाल सहित उन सभी देशों के स्वयं सेवक शामिल हैं ,जहां हिंदू आबादी बड़ी संख्या में रहती है।
बनेगें स्वयंसेवकों के मेहमान
20 दिन के इस प्रशिक्षण में स्वयंसेवकों के मेहमान बनकर कुछ दिन परिवारों में रहेंगे और गांवों का भी भ्रमण करेंगे। शिविर में सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ अन्य पदाधिकारी इस वर्ग में प्रशिक्षण देने के लिए आने वाले हैं।  एक निजी कॉलेज में आयोजित इस शिविर में प्रशिक्षण वैसा ही रहने वाला है जैसा की स्वयंसेवकों का वार्षिक प्रशिक्षण होता है। प्रशिक्षण का फोकस विषय भारतीय परिवार हमारी परंपरा है। यूरोप और विश्व के अन्य देशों में इसे एक आदर्श के रूप में कैसे पेश किया जाए, इस पर वर्ग में चर्चा होगी। स्वयंसेवक कुछ दिन तक भोपाल में अलग-अलग परिवारों में मेहमान की तरह रहेंगे ताकि वे उसे महसूस कर सकें और विदेशों में अपने अनुभवों से लोगों को अवगत करा सके। वर्ग का दूसरा विषय योग है। यूएनओ द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किए जाने के आधार पर योग को दुनिया भर में कैसे फैलाया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।

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