टोल वसूलकर सड़क मरम्मत में गंगोत्री ने खींचे हाथ

सड़क मरम्मत
  • अब एमपीआरडीसी करा रहा सडकों का पेंचवर्क

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। नियम तो कहता है कि खराब सडक पर टोल टैक्स वसूलना बंद होना चाहिए, मगर ऐसा हो नहीं रहा। झाबुआ जिले से निकलने स्टेट हाइवे थांदला-लिमड़ी, झाबुआ-जोबट, शिवपुरी और अशोकनगर से निकलने वाले स्टेट हाइवे देहरदा-ईसागढ़ सडक पर टैक्स की वसूली जारी है। टैक्स स्वरूप अच्छी-खासी रकम चुकाने पर भी लोगों को जानजोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी ने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया है।
    दरअसल, प्रदेश की तीन सडकों से प्रति माह लाखों रुपए जनता से वसूलने के बाद भी गंगोत्री टोल एंड रोड कंपनी दिवालिया हो गई है। पिछले कई माह से न तो यह कंपनी सडकें बना रही है और न ही रख रखाव कर रही थी। ऐसे में इन सडकों की हालत खराब हो गई है। अब इन सडकों को मप्र रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआरडीसी) पैचवर्क करा रहा है। गंगोत्री कंपनी ने झाबुआ जिले से निकलने स्टेट हाइवे थांदला-लिमड़ी, झाबुआ-जोबट, शिवपुरी और अशोकनगर से निकलने वाले स्टेट हाइवे देहरदा-ईसागढ़ को बीओटी के आधार पर बनाया था।
    एमपीआरडीसी ने अपने हाथ में लिया काम
    बताया जाता है कि करीब आठ माह से यह कंपनी सड़कों की मरम्मत नहीं कर रही थी, उसे कई बार नोटिस भी जारी किया, लेकिन कंपनी ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया। बाद में जब पूरी तरह से सड़कों के निर्माण का काम बंद कर दिया तो एमपीआरडीसी ने इन सड़कों के निर्माण और टोल वसूली का काम अपने हाथ में ले लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में कंपनी की रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर इन सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। यह कॉस्ट राशि सरकार के पास एडवांस और धरोहर राशि के रूप में जमा होती है। बताया जाता है कि कंपनी के पास अब कोई भी अन्य संपत्ति नहीं है, जिसे गिरवी अथवा बेचकर इन सड़कों की मरम्मत कराई जा सके। इसके चलते एमपीआरडीसी कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी)में चली गई है ताकि सड़कों पर खर्च होने वाली राशि की वसूली की जा सके।
    तीन कंपनियों को किया जा चुका है टर्मिनेट
    सड़कों की मरम्मत नहीं करने पर एमपीआरडीसी ने कॉनकास्ट, ट्रांसट्राय और टॉपवर्थ कंपनियों को टर्मिनेट कर दिया है। एमपीआरडीसी इन कंपनियों से सडकें अपने कब्जे में लेकर उनमें टोल वसूली और निर्माण का काम भी कर रहा है। बताया जाता है कि एमपीआरडीसी इन सडकों के रख-रखाव के संबंध में नए सिरे से जल्द ही टेंडर जारी करेगा। सडकों का निर्माण और रखरखाव बीओटी के तर्ज पर किया जाएगा। इन कंपनियों के पास दमोह-पथरिया, भोपाल बायपास, इंदौर-उज्जैन सडकें थीं।

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