
- मुख्यालय में काम करने को तैयार नहीं आला अफसर …
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के वन विभाग में इन दिनों प्रशासनिक भर्राशाही इस कदर चल रही है कि कोई भी अफसर वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन में काम करना नहीं चाहता है। इससे जंगल महकमे में प्रशासनिक मिस मैनेजमेंट की वजह से वन मुख्यालय में क्राइसिस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यालय में एपीसीसीएफ के पद खाली पड़े हैं। यानि बजट, आईटी, अनुसंधान एवं विस्तार और प्रोजेक्ट शाखा में एपीसीसीएफ के पद रिक्त है। बावजूद इसके विभाग अफसरों को मैदानी पोस्टिंग कर रहा है। इससे विभाग का ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है।
वर्तमान समय में वन विभाग में प्रशासनिक मिस मैनेजमेंट की वजह से वन मुख्यालय में एपीसीसीएफ के 5 पद खाली पड़े हैं। बावजूद इसके, ग्वालियर में एपीसीसीए विश्राम सागर शर्मा की पदस्थापना हो गई। जबलपुर सर्किल के एपीसीसीएफ यूके सुबुद्धि को पदस्थ करने का प्रस्ताव भेजा है। बैतूल, होशंगाबाद सर्किल के लिए सीसीएफ के नाम भेजे हैं। खंडवा वन मंडल के लिए डीएफओ देवांशु शेखर का प्रस्ताव भेजा गया। यह प्रस्ताव लंबे समय से मंत्रालय में लंबित है। एपीसीसीएफ के पद खाली होने के बाद भी वन विभाग उज्जैन सर्किल में एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल को पदस्थ करने पर मंथन कर रहा है। वन विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक वर्किंग प्लान सबमिट कर चुके सीसीएफ अनिल कुमार सिंह को होशंगाबाद सर्किल और जबलपुर सर्किल में एपीसीसीएफ यूके सुबुद्धि को पदस्थ करने का प्रस्ताव है। होशंगाबाद के मौजूदा सीसीएफ आरपी राय को वन मंत्री विजय शाह अपने गृह जिले खंडवा सर्किल में पदस्थ कराना चाह रहे हैं।
कैडर विरुद्ध हो रही पदस्थापना
2015 के राजपत्र के अनुसार सर्किल में सीसीएफ स्तर के अधिकारियों को पदस्थ करने का प्रावधान कैडर में किया गया है। सीसीएफ के पद कम और एपीसीसीएफ के पद अधिक बता कर वन विभाग ने एपीसीसीएफ अफसरों को सर्किल में पदस्थ किया। अब यह कमी भी दूर हो गई है। फिर भी विभाग केंद्र शासन द्वारा निर्धारित कैडर के पद के विरुद्ध पदस्थापना कर रहा है। वर्तमान में ग्वालियर सर्किल में एपीसीसीएफ की पदस्थापना की गई है। वन मुख्यालय सतपुड़ा में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के 4 पद खाली हैं। समन्वय, बजट, आईटी, अनुसंधान एवं विस्तार और प्रोजेक्ट शाखा में एपीसीसीएफ के पद रिक्त है। इन पदों को पूर्णकालिक अफसर को पदस्थ करने के बजाए प्रभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है। जबकि एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल को मुख्यालय में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं दिया गया है। खाली पड़े पदों पर इन्हें पदस्थ किया जा सकता है। जबलपुर सर्किल में एपीसीसीएफ आरडी महला के रिटायरमेंट के बाद विभाग ने मंडला के डीएफओ कमल अरोरा को सर्किल में पदस्थ करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। विरोध के चलते अरोरा का नाम काटकर एपीसीसीएफ यूके सुबुद्धि का नाम भेजा गया है, जबकि वर्किंग प्लान कंप्लीट करने वाले मुख्य वन संरक्षक राजीव मिश्रा, एलएल उईके और पीजी फुलंजले सर्किल में अपनी पदस्थापना की बांट जो रहे हैं।