क्या विदिशा बन पाएगा 17वां नगर निगम?

नगर निगम
  • छह सालों में आधा दर्जन शहर नगर निगम बनने की कतार में

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मांग पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदिशा नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी होती है तो विदिशा मप्र का 17वां नगर निगम होगा। हालांकि, नगर निगम बनाने की इस पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ साल का वक्त लगेगा। लेकिन सवाल उठता है क्या विदिशा 17वां नगर निगम बन पाएगा? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि इससे पहले पिछली सरकार में 6 नए नगर निगम बनाने की घोषणाएं हुई थीं। इसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना की शिवपुरी और गुना नगर पालिका भी शामिल है, मगर ये घोषणाएं केवल कागजों में सिमटी हैं। इसके अलावा छतरपुर, सिवनी, भिंड और शहडोल को भी नगर निगम बनाने का ऐलान हुआ था। विदिशा नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा के बाद उन शहरों के जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए हैं, जिनका नगर निगम बनाने का ऐलान पूर्व में हो चुका है। पिछले छह सालों में छह शहरों में नगर पालिका की जगह नगर निगम बनाने का ऐलान हुआ पर इनकी प्रक्रिया अब भी फाइलों में उलझी हुई है। कहीं प्रस्ताव बनने में देरी से मामला उलझ गया है तो कहीं जनसंख्या की कमी आड़े आ रही है। निगम के अनुसार, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अगर प्रशासन चाहेगा तो वह नगर पालिका बोर्ड को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति करेगा। ऐसे में छह महीने के भीतर नगर निगम के लिए चुनाव कराना होगा। इस दौरान सरकार को वार्ड गठन, आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। ऐसे में संभावना है कि 2027 में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में विदिशा में पार्षदों के साथ महापौर का चुनाव होगा।
यह है नगर निगम के लिए जरूरी
नगर निगम के लिए शहर की जनसंख्या कम से कम तीन लाख होनी चाहिए। वहीं नगर पंचायत के लिए 20 से 50 हजार और नपा के लिए 50 से 3 लाख तक की जनसंख्या होना जरूरी है। ननि के लिए कम से कम 40 वार्ड होना भी जरूरी है, हालांकि आसपास के गांव जुडऩे पर इनकी संख्या 50 पार हो जाती है। नगर निगम बनाने के लिए तीन लाख की जनसंख्या पूरी करने के लिए शहर की सीमा से सटे राजस्व ग्रामों को जोड़ा जाता है। इसे जोडऩे के लिए ग्राम पंचायत की साधारण सभा में ग्राम पंचायत से इसकी सहमति भी लेनी होती है। सहमति मिलने के बाद जिला कलेक्टर प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजते हैं। इसके बाद मामला कैबिनेट में आता है और मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाता है। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता है। गौरतलब है कि प्रदेश में अभी 16 नगर निगम हैं। अगर अगले दो सालों में विदिशा समेत सात शहरों में नगर निगम बनाने की प्रक्रिया पूरी होती है तो इनकी संख्या बढक़र 23 हो जाएगी।
कैसे विदिशा नगर पालिका बनेगी नगर निगम
मुख्यमंत्री की घोषणा के आधार पर कलेक्टर एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजेंगे। इसकी मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू होगी। सबसे पहले 3 लाख की आबादी के मापदंड को पूरा करने के लिए नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए शहरी सीमा से लगी ग्राम पंचायतों को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार होगा। इसके बाद संबंधित ग्राम पंचायतों में संकल्प पारित कराना जाएगा कि वे नगर निगम में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इसके बाद जिला प्रशासन दावे-आपत्तियां बुलाएगा। कलेक्टर द्वारा नया प्रस्ताव बनाकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेजा जाएगा। नगरीय प्रशासन की मंजूरी के बाद ये प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से इसे राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की अनुमति के बाद विदिशा को नगर निगम घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी होगा। नगर निगम की कमान अध्यक्ष नहीं, महापौर के हाथों में होगी। जिसे सीधे जनता चुनेगी। प्रेसिडेंट इन काउंसिल की जगह मेयर इन काउंसलिंग होगी। विधानसभा की तर्ज पर ही सभापति का चुनाव होगा। निगम परिषद की बैठक में शहर के विकास को लेकर विधानसभा की तरह बहस होगी। सीएमओ की जगह आयुक्त की पदस्थापना होगी। सहायक आयुक्त भी तैनात होंगे। पार्षदों की संख्या 39 से बढक़र वार्डों के हिसाब से 51 या 55 हो जाएगी। हालांकि, न्यूनतम वार्डों की संख्या 40 तय है।
शिवराज ने की थी छह ननि बनाने की घोषणा
गौरतलब है कि पिछले छह सालों में प्रदेश के छह शहरों में नगर पालिका की जगह नगर निगम बनाने का ऐलान किया गया। इसमें सबसे पहले 2018 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भिंड को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। इसकी कैबिनेट से स्वीकृति भी हो गई पर इसके बाद कमलनाथ सरकार में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद मोहन सरकार ने 2023 में इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया ।अब अगले चुनाव में भिंड नगर निगम अस्तित्व में आने की उम्मीद है। वहीं शिवराज सिंह ने गुना, शिवपुरी छतरपुर, सिवनी और शहडोल को भी नगर निगम बनाने का ऐलान किया था, पर इन शहरों के मामले प्रक्रिया में भी अभी तक उलझे हैं। शहडोल में जनसंख्या कम होने से पहले शहरी सीमा के आसपास के गांव को शामिल किया गया पर इससे भी बात नहीं बनी तो अब समीप की दो नगर परिषदों और एक नगर पालिका के कुछ एरिया को जोडक़र प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा रहा रहा है। छतरपुर में शहर के आसपास के 12 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों को जोउक़र प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें 25 गांव शामिल थे। वहीं शिवपुरी को नगर निगम बनाने के लिए 42 ग्राम पंचायत के 97 गांवों को जोडक़र प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसी तरह गुना में नगर निगम बनाने के लिए आसपास के 28 गांवों को जोडक़र  प्रस्ताव तैयार किया गया है। वहीं सिवनी का मामला जनसंख्या कम होने के कारण खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।

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