आबकारी घोटाले में सिसोदिया के बाद अगली बारी किसकी

  • अरुण पटेल

आम आदमी पार्टी में दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल के बाद नम्बर दो के सबसे शक्तिशाली नेता माने जाने वाले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राज्य की आबकारी नीति में हुए घोटाले की जांच के सिलसिले में 8 घंटे की पूछताछ के बाद अंतत: सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। सिसोदिया को न्यायालय ने 4 मार्च तक सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया है। सीबीआई ने 5 दिन की कस्टडी मांगी थी। इसके साथ ही यह सवाल उठ रहा है कि अब आगे दिल्ली के इस आबकारी घोटाले में आगे अगली गिरफ्तारी किसकी होगी।
कट्टर ईमानदार पार्टी होने का दावा करने वाले अरविन्द केजरीवाल पहले तो कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा रहे थे लेकिन, उनकी हिमालयीन उछाल मारती महत्वाकांक्षाओं के चलते अब वह भाजपा की आंख की भी किरकिरी हो गए। कांग्रेस पार्टी का हमेशा यह कहना रहा है कि आम आदमी पार्टी भाजपा की बी टीम है। अब भाजपा नेता कह रहे हैं कि अगली गिरफ्तारी अरविन्द केजरीवाल की होगी। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सबसे तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि सिसोदिया पहले ऐसे शिक्षा मंत्री हैं जो शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए हैं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा का ट्वीट है कि सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल जा चुके हैं अब अगला नम्बर केजरीवाल का है। वैसे तो सिसोदिया की गिरफ्तारी केजरीवाल के लिए दूसरा बड़ा झटका मानी जा रही है लेकिन, राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो यह अरविन्द केजरीवाल के लिए पहला बड़ा भारी झटका है, क्योंकि सिसोदिया के पास अ_ारह महत्वपूर्ण विभाग थे और एक प्रकार से सरकार का सारा महत्वपूर्ण काम उनके पास ही था और केजरीवाल अपना ध्यान केवल राजनीतिक मुद्दों और देश में आम आदमी पार्टी का विस्तार करने में लगाते थे।
अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि मनीष बेकसूर हैं और उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है। मनीष की गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है, लोग सब देख रहे हैं उन्हें यह सब समझ आ रहा है, जिसका लोग ही जवाब देंगे। इससे हमारे हौसले बढ़ेंगे और हमारा संघर्ष मजबूत होगा। आप के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ट्वीट किया है कि उनकी पार्टी के नेताओं को हाउस अरेस्ट किया जा रहा है और सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतहा है व लोकतंत्र के लिए काला दिन है।
बीते वर्ष 2022 के साल में केजरीवाल को पहला झटका लगा था जब ईडी ने मई 2022 में मनी लांड्रिंग के आरोप में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल जैन जेल में ही हैं। सिसोदिया पर सबूतों को नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं। आम आदमी पार्टी की चुनाव में जो रणनीति रही है वह दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य व शिक्षा मॉडल को प्रचारित करने की है। अब स्वास्थ्य मंत्री की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा मंत्री भी गिरफ्तार हो चुके हैं, हालांकि उनकी गिरफ्तारी बतौर शिक्षा मंत्री नहीं अपितु आबकारी मंत्री के तौर पर हुई है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने सिसोदिया से आबकारी नीति के संबंध में दिनेश अरोड़ा सहित अन्य आरोपियों के साथ संबंधों व फोन से संदेशों के आदान-प्रदान के बारे में पूछताछ की। जांच अधिकारी सिसोदिया के जवाबों से संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। सिसोदिया सीबीआई के सामने पेश होने के पूर्व राजघाट गए और इसके बारे में उनका कहना था कि मैं बापू का आशीर्वाद लेने आया हूं, मेरे ऊपर लगे आरोप झूठे हैं, मैं जेल जाने से नहीं डरता। इसके बाद वे रोड-शो के साथ सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। उनके समर्थक धरने पर बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय व सांसद संजय सिंह सहित कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया।
सीबीआई ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार पर 19 अगस्त 2022 को सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिनमें तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर सहित तीन अफसर, दो कंपनियां और नौ कारोबारी शामिल थे। आरोप है कि लायसेंस देने की सरकार की नई नीति से बड़े डीलरों को फायदा पहुंचा और इसके लिए रिश्वत ली गयी थी। इस प्रकार अब आम आदमी पार्टी की कट्टर ईमानदार छवि के सामने एक सवालिया निशान लग गया है और आने वाले समय में ही यह पता चल सकेगा कि इसका जनमानस पर क्या असर पड़ा है, वह इसे घपले-घोटाले के रुप में लेती है या फिर राजनीतिक साजिश मानती है।
(लेखक सुबह सवेरे के प्रबंध संपादक हैं)

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